डैमेज कंट्रोल: मुख्यमंत्री शिवराज ने पेशाब कांड पीड़ित दशमत रावत के धोये पांव,पानी लगाया माथे पर

Madhya Pradesh Bhopal Shivraj Singh Chouhan Accepted Injustice Happened To Sidhi Victim Dashmat Happy After Getting love Of Cm

इसके साथ अन्याय हुआ… शिवराज का प्यार पाकर खुश हुए दशमत, कहा- अब कुछ नहीं है

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीधी कांड के पीड़ित दशमत रावत से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि अब कुछ नहीं है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपना भाई माना है।

भोपाल 06 जुलाई: मध्यप्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan News) ने सीधी कांड के पीड़ित दशमत रावत की मुलाकात हुई है। मुलाकात के बाद दशमत रावत ने मीडिया से बात की है। दशमत ने कहा कि मुख्यमंत्री हमसे मिले बहुत अच्छा लगा है। उन्होंने हमारे परिवार से भी बात की है। दशमत ने कहा कि हम बहुत दूर से आए हैं। अब साहब से मिलकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नहीं हुआ था, जो होना था सो हो गया। अब कुछ नहीं है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशमत की पत्नी से फोन पर बात की है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान हैं। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। उन्होंने कहा कि हर इंसान में भगवान निवास करते हैं। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ है, मेरा मन दर्द और पीड़ा से भर गया। मैंने इन्हें यहां बुलाया क्योंकि मेरा मन वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी। मेरे भाई के साथ अमानवीय घटना घटी थी।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि गरीब हमारे लिए पूज्य है। उसका अपमान मतलब हम सबका अपमान है। मन की व्यथा और पीड़ा कम करने के लिए मैंने दशमत को यहां बुलाया था। मैंने दशमत के पैर धोए और पानी माथे लगाया ताकि मेरी व्यथा और पीड़ा कम हो सके। वहीं, अन्याय करने वाले को कड़ी सजा मिले। अन्याय करने वाले लोगों की जाति, धर्म और पार्टी नहीं होती है। जिसके साथ अन्याय हुआ है, उसे कलेजे से लगाकर उनकी पीड़ा कम की है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं प्रदेशवासियों से भी अपील करता हूं कि गरीबों के प्रति करुणा रखें। हम सभी एक ही चेतना का अंश है। इंसानों में हम कोई भेद नहीं करें। आत्मसमान गरीब का भी है। दशमत का पैर धोना एक संदेश है कि हम गरीबों की सेवा करते हैं। अगर कोई गलत करता है तो उसे कठोर सजा मिलेगी। दशमत हमारा भाई है। मैं कोई भगवान कृष्ण नहीं हूं। मैंने उसे प्रेम से गले लगाया और सम्मान दिया है।

Shivraj Singh Chauhan Washed Feet Of Tribal Man Know About Tribal Vote In Madhaya pradesh
दशमत के पैर धोकर शिवराज ने आदिवासी समाज को दिया मैसेज- मैं हूं ना, समझिए चुनावी तथ्य

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेशाब कांड के विक्टिम दशमत को भोपाल बुलाया। मुख्यमंत्री निवास  में स्वागत सत्कार के बाद सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी। इससे मुख्यमंत्री यह मैसेज देने में सफल रहे कि वनवासी समाज को चिंता करने की जरूरत नहीं है। आखिर मुख्यमंत्री शिवराज ने ऐसा क्यों किया..जानिए इनसाइड स्टोरी।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेशाब कांड पीड़ित दशमत रावत को  मुख्यमंत्री निवास में बुलाकर माफी मांगी। शिवराज ने दशमत के पैर धोये, तिलक लगाया, फूल माला पहनाई और चरण रज सिर से लगाई। दशमत का यह स्वागत मुख्यमंत्री का वनवासी समाज से प्यार से ज्यादा डैमेज कंट्रोल दिखा। मुख्यमंत्री शिवराज को ऐसा करना पड़ा, क्योंकि प्रवेश शुक्ला की पेशाब करने वाली हरकत ने वनवासी समाज के वोटर में पैठ बनाने के भाजपा के प्लान को धो दिया था। सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज पैर धोकर प्रवेश के पाप को धो पाएंगे। सबसे बड़ा सवाल, दशमत से मुख्यमंत्री शिवराज की माफी उन वनवासी वोटरों को भाजपा की ओर वापस ले आएगी, जो 2018 में पार्टी से दूर हो गए थे।

 

मध्यप्रदेश में वनवासी वोटरों का महत्व

मध्यप्रदेश में वनवासी वोटर महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश की 47 सीट शिड्यूल ट्राइव के लिए रिजर्व है। 2018 के विधानसभा चुनाव में इनमें 31 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया था। भाजपा के खाते में मात्र 16 सीटें आई थीं। इससे पहले हुए 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 31 सीटें मिली थीं। 2003 में तो भाजपा को 37 सीटों पर जीत मिली थी। वनवासी वोटरों के छिटकने के कारण ही भाजपा को 2018 में 15 साल बाद विपक्ष में बैठना पड़ा था। कमलनाथ सरकार के जाने के बाद भाजपा ने वनवासी वोटरों को लुभाने के लिए खास प्लानिंग की। कोल महोत्सव जैसे आयोजन हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी विंध्य क्षेत्र में जनसभा के लिए उतारा। अमित शाह सतना के शबरी महोत्सव में वनवासी वोटरों को रिझाने उतरे थे। नरेंद्र मोदी पिछले 3 महीने में चार बार मध्यप्रदेश का दौरा चुके हैं। इन दौरों में वह वनवासी इलाकों में ही फोकस करते रहे। चार दिन पहले भी नरेंद्र मोदी शहडोल के पकारिया में वनवासी बच्चों को दुलारते-पुचकारते नजर आए थे।

वनवासी माफ करेंगे या नहीं, चार महीने में पता चल जाएगा

आंकड़ों के नजरिये से देखें तो मध्यप्रदेश में ट्राइबल पॉपुलेशन करीब 1.5 करोड़ है। रिजर्व सीटों के अलावा ट्राइबल वोटर प्रदेश की 35 सीटों पर प्रभावी हैं। इस तरह वनवासी वोटरों का महत्व मध्यप्रदेश की करीब 85 विधानसभा सीटों पर है। इन वोटरों का जलवा है कि कांग्रेस भी इन सीटों पर कार्यक्रम कर रही है। 2018 में जीत से उत्साहित कांग्रेस किसी भी सूरत में अपने वोट खोना नहीं चाहती है। ऐसे में प्रवेश शुक्ला ने वनवासी पर पेशाब कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मसले पर शिवराज सरकार की लानत-मलामत कर दी। खुन्नस में सरकार ने प्रवेश के घर पर बुलडोजर चलवा दिए। पुलिस से धक्के लगवाने वाले वीडियो भी सामने आया। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद दंडवत की मुद्रा में आए। दशमत से माफी मांगने के बाद क्या आदिवासी समाज भाजपा को माफ करेगा, इसका पता तो चार महीने बाद ही पता चल जाएगा।

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