डासना शक्ति पीठ में साधू नरेशानंद की हत्या को हमला,

डासना मंदिर में साधु पर हमला: जान बचाने के लिए चीखते हुए दौड़े लहूलुहान नरेशानंद, हुए 10 से ज्यादा ताबड़तोड़ वार
पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हमला पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है। इस पूरे मामले में साधु नरेशानंद के ऊपर जिस तरह जिस तरह से हमला हुआ वह दहला देने वाला है।

साधु नरेशानंद पर डासना मंदिर में हमला

साधु नरेशानंद पर ही हमले के लिए मंदिर में आए थे हमलावर
गाजियाबाद डासना देवी मंदिर में मंगलवार सुबह साधु नरेशानंद पर हमला साजिशन

गाजियाबाद 11 अगस्त।गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में मंगलवार सुबह साधु नरेशानंद पर हमला साजिशन हुआ था। हमलावरों को मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और मंदिर में तैनात गारद की ड्यूटी बदलने के समय की पूरी जानकारी थी। यही कारण है कि उन्होंने हमले के लिए वह समय चुना जब सभी गहरी नींद में थे और गारद में पोस्ट पर तैनात सिपाही नहीं था। घटना में मंदिर के किसी व्यक्ति के भी शामिल होने का अंदेशा है। पुलिस जांच में कई और अहम जानकारी भी सामने आ रही हैं।

दो साल पहले भी मंदिर में आए थे नरेशानंद पुलिस के अनुसार नरेशानंद करीब दो साल पहले भी डासना देवी मंदिर में आकर रुके थे। इस बार वह सात अगस्त को मंदिर में आए थे। वह आठ अगस्त को दिल्ली जंतर- मंतर पर धरने में भी शामिल हुए थे। संभावना यह भी है कि वह यहां काफी लोगों से परिचित भी हो सकते हैं। अंदेशा है कि हमले का उद्देश्य नरेशानंद की ही हत्या करना था।

घात लगाकर किया गया हमला घटनास्थल की तस्वीरें बयां कर रही हैं कि नरेशानंद पर हमला घात लगाकर किया गया। हमलावर को मंदिर की सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी थी। उसे पता था कि मुख्यद्वार पर पीएसी के जवान व भीतर गारद है। हमलावर को यह भी पता था कि मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब हैं और मुख्यद्वार पर पुलिस द्वारा लगाए गए कैमरे चालू हैं। इसके चलते वह मुख्यद्वार के कैमरों से बचकर निकला और दीवार फांदकर मंदिर में प्रवेश किया। दो बजे गारद की पोस्ट बदलती है। सिपाही धनेश ने दो बजे पोस्ट संभाली। हमलावर धनेश के पोस्ट से हटने का इंतजार कर रहा था। रात साढ़े तीन बजे धनेश अपनी पोस्ट छोड़कर लघुशंका करने गया। इसी दो से तीन मिनट के भीतर हमलावर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया।

 

ये है घटनाक्रम डासना देवी मंदिर परिसर में मंगलवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे तख्त पर सो रहे बिहार के समस्तीपुर निवासी साधु नरेशानंद पर अज्ञात हमलावरों ने पेपर कटर से कातिलाना हमला किया था। मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के करीबी अनिल यादव ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

नरेशानंद की हालत अभी भी गंभीर नरेशानंद की हालत अभी भी यशोदा अस्पताल में गंभीर बनी हुई है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टर उनकी सेहत का लगातार ध्यान रख रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक वह इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि उनके शरीर में किसी प्रकार का इंफेक्शन न हो जाए।

मंदिर की सुरक्षा खामियों की समीक्षा कर जल्द कराया जाएगा सुधार

मंदिर प्रशासन के अनिल यादव का कहना है कि मंगलवार रात एसएसपी अमित पाठक ने मंदिर परिसर का निरीक्षण कर सुरक्षा खामियों को सुधारने के लिए कहा था। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर के सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत, दीवार ऊंचा कराने व प्रकाश व्यवस्था की समीक्षा कराकर इनका सुधार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल मंदिर प्रशासन के पास फंड का अभाव है। फंड की व्यवस्था की जा रही है।

गाजियाबाद के डासना मंदिर में 22 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में दीवार लांघकर घुसे बदमाश ने मंगलवार सुबह साधु पर चाकू से हमला कर दिया। हमलावर ने गर्दन और पेट पर कई वार किए। शोर सुनकर जब तक पुलिसकर्मी पहुंचे हमलावर फरार हो चुका था। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हमला पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है। इस पूरे मामले में साधु नरेशानंद के ऊपर जिस तरह जिस तरह से हमला हुआ वह दहला देने वाला है। आगे पढ़ें वारदात का पूरा ब्योरा…


मंदिर में कमरे के बाहर सो रहे साधु नरेशानंद हमले के बाद चीखते हुए दौड़े। उनकी गर्दन, सीने और पेट पर पेपर कटर से 10 से ज्यादा वार किए गए थे। गर्दन बुरी तरह जख्मी हो गई थी, पेट से आंत बाहर आ गईं थीं। इस हालत में वह गर्दन को संभालते हुए और आंतों को हाथ से पकड़े हुए पुलिसवालों की ओर दौड़े।

अस्पताल ले जाते समय पुलिसवालों ने पूछा कि हमला किसने किया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ एक हमलावर को देख पाए। वह उन पर ताबड़तोड़ प्रहार कर रहा था। प्रहार के वक्त भी वह चीखे, लेकिन आसपास किसी ने चीख सुनी नहीं। इसलिए, हमलावरों के जाने पर वह खुद दौड़कर पुलिसवालों के पास गए। उधर, डॉक्टरों ने दोपहर को उनके पेट का ऑपरेशन किया। उनकी स्थिति गंभीर है।

ऐसे लगा, हमला सपने में हुआ हो : मनोज


नरेशानंद के पास ही सो रहे साधु मनोज का कहना है कि जब हमला हुआ तो उन्हें लगा कि वह सपना देख रहे हैं और उन्हें मारने के लिए कोई आया है। उन पर हमले के वक्त हमलावर से पेपर कटर गिर गया था। जब ब्लेड से हमला हुआ, तब अहसास हुआ कि कुछ हो रहा है। वह चादर ओढ़े हुए थे, इसलिए हमलावर नजर नहीं आए। नरेशानंद पर हमले का भी अहसास नहीं हुआ। यही लगता रहा कि हमले जैसा कुछ हो रहा है लेकिन यह हकीकत में नहीं, सपने में है। नरेशानंद चीखे तो उनकी आंख खुली। वह पुलिसवालों के पास जा रहे थे।

सीसीटीवी से तलाश रहे हैं सुराग – एसपी देहात

एसपी देहात डॉ. ईरज राजा का कहना है कि साधुओं पर हुए हमले के मामले में सीसीटीवी फुटेज की मदद से सुराग तलाशे जा रहे हैं। मंदिर के बाहर पुलिस ने कैमरे लगवा रखे हैं। इनकी फुटेज निकलवाई है। अंदर मंदिर कमेटी ने कैमरे लगवा रखे हैं, ये काम नहीं कर रहे।

पुलिसवालों पर गिर सकती है गाज

मंदिर में जिस जगह हमला हुआ, उसके पास ही पुलिस की गारद लगी है। इस पर चार पुलिसवाले तैनात हैं। इनके बारे में एसपी देहात ने रिपोर्ट एसएसपी को भेज दी है। माना जा रहा है कि इन्हें निलंबित किया जा सकता है। अन्य 18 पुलिसवाले मंदिर परिसर में ही मौजूद थे। यह भी मालूम किया जा रहा है कि वे जाग रहे थे या सोए हुए थे? अगर जाग रहे होते तो हमलावरों का पता चल जाता। जल्द ही इन पर भी गाज गिर सकती है।

जांच में दोषी मिले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किस स्तर पर लापरवाही हुई है, उसकी भी जांच कराई जा रही है। बदमाशों के बारे में पता लगाया जा रहा है। -अमित पाठक, एसएसपी

50 लोग मौजूद थे मंदिर में

घटना के वक्त 22 पुलिसवालों के अलावा मंदिर की सुरक्षा में लगे आठ निजी सुरक्षाकर्मी समेत कुल 50 लोग मौजूद थे। इन सभी को घटना का पता तब चला जब नरेशानंद की चीख निकली। सेवादार भागकर उनके पास पहुंचे, लेकिन तब तक हमलावर जा चुके थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *