हर ब्लॉक में होंगे कोविड केयर सेंटर और कंट्रोल रूम
*सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और जानकारी प्रदान करने के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन*
*राज्य सरकार नई व्यवस्था डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम लागू कर रही है, जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी*
*हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे 500 बेड के अस्पतालों में 25 आक्सीजन सपोर्टेड व आईसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए जाएंगे*
*म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की चुनौती से निपटने के लिए भी राज्य सरकार तैयार*
*देहरादून 17 मई।* सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और जानकारी प्रदान करने के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि कल उत्तराखंड में 4496 केस थे वहीं रिकवरी 5034 रही। यह काफी समय बाद हुआ कि नये केसों से रिकवरी ज्यादा आई है। हमारा यही प्रयास रहेगा कि हम इसी तरह की स्थिति बनाकर रखें ।
उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में कुल 2600 आक्सीजन बेड, 678 आईसीयू बेड और 192 वेंटिलेटर बढ़ाए गए हैं। एक वर्ष में स्वास्थ्य सुविधाओं में भी काफी सुधार हुआ है। जहां मार्च 2020 में आक्सीजन सपोर्ट बेड 673 थे, आज बढ़कर 6000, आईसीयू बेड 216 थे आज बढ़कर 1495, वेंटिलेटर 116 थे, आज 983, आक्सीजन सिलेंडर 1193 थे आज 10000 से अधिक और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर 275 थे आज बढ़कर 1500 से अधिक हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में आक्सीजन मैनेजमेंट भी बेहतर है। यहां जमशेदपुर व दुर्गापुर से आई ट्रेनों में से पहली ट्रेन से हमें 80 मीट्रिक टन आक्सीजन वहीं दूसरी ट्रेन से 100 मीट्रिक टन आक्सीजन प्राप्त हुई है। साथ ही आज जो ट्रेन आने वाली है, उससे 80 मीट्रिक टन आक्सीजन आएगी, जिसकी सभी जनपदों के अस्पतालों में सप्लाई जारी है। हम भंडारण भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से अब तक ई-संजीवनी में 26 हजार 900 टेली कम्युनिकेशन किए गए और इनकी संख्या लगातार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रकार 104 हेल्पलाइन पर 1 लाख 10 हजार से अधिक काॅल्स अटेंड किये गये। कोविड-19 की वेबसाइट के भी 9 लाख विजिटर्स हैं। यहां सारी सूचनाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई व्यवस्था डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम लागू की जा रही है, जो शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी। इसके लिए विभिन्न चरणों में प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसमें हम हर ब्लाॅक्स में एक कोविड केयर सेंटर स्थापित करेंगे। साथ ही ब्लाॅक में एक कंट्रोल रूम भी होगा, जिसके लिए मैन पाॅवर की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हमारा प्रयास रहेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग लैब भी हो, जो गांव-गांव जाकर लोगों को सैंपलिंग की व्यवस्था प्रदान करे।
सचिव डाॅक्टर पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि हमारी मेेडिकल यूनिवर्सिटी के वाॅइस चांसलर की अध्यक्षता में गठित एक्सपर्ट कमेटी में कुछ और लोगों को जोड़ा गया है। इसके तहत पिथौरागढ़ मेडिकल काॅलेज के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट प्रो बरोनिया, सरकारी मेडिकल काॅलेजों के प्रतिनिधियों, एक अन्य पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी कमेटी में शामिल दून मेडिकल काॅलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के हेड के साथ ही स्टेट सर्विलांस आॅफिसर को भी इस कमेटी में जोड़ा गया है। अब ये सभी इस कमेटी में भी सलाह दे सकते हैं। हमारी एक्सपर्ट कमेटी ने संस्तुति दी है। हमारा फोकस प्रीवेंशन पर है। ब्लेक फंगस सामान्य रूप से पाया जाता है। हमें इससे बचने के लिये सावधानियां रखनी हैं। म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की चुनौती से निपटने के लिए भी राज्य सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और अनियंत्रित मधुमेह, स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्युनिटी कमजोर होने या अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज फंगल इंफेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं। जागरूकता और रोग की जल्दी पहचान फंगल इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है। ब्लेक फंगस के लिए आवश्यक दवाओं का प्रबंध किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे 500 बेड के अस्पतालों में 25 आक्सीजन सपोर्टेड व आईसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। वैक्सीनेशन के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन है और लगातार 18 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वैक्सीन लगवाने के प्रति लोगों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक अमित सिन्हा ने बताया कि अब तक 178 टीमों ने 1839 स्थानों पर दबिश दी है, जिनमें 27 एफआईआर हुई है और 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 204 बरामदगी भी की गई है। उन्होंने बताया कि मास्क न पहनने पर 1 लाख 19 हजार लोगों पर और कोविड के नियमों के उल्लंघन पर कुल 2 लाख 93 हजार लोगों पर कार्रवाई की गई है। इस दौरान 4 करोड़ 71 लाख का शमन शुल्क वसूला गया है।
मानसिक स्वास्थ्य औल पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के स्टेट नोडल अफसर पुलिस उपमहानिरीक्षक डॉक्टर नीलेश भरणे ने बताया कि कोविड के संक्रमण से जनमानस में मानसिक तनाव एवं मानसिक रोग उत्पन्न होने की सम्भावनाओं के दृष्टिगत राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत मनोचिकित्सक प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ई- संजीवनी पोर्टल से उपचार एवं परामर्श की सुविधा दे रहे है। साथ ही 104 हैल्पलाईन से प्रशिक्षित परामर्शदाता भी मानसिक स्वास्थ्य हेतु आमजनमानस को परामर्श प्रदान दे रहे है।
मानसिक स्वास्थ्य हेतु एम्स ऋषिकेश के वशिष्ठ मानोचिकित्सक, राज्य में कार्यरत मनोचिकित्सक, अन्य राज्य के विशेषज्ञ मनोचिकित्सकों एवं राज्य के परामर्शदाताओं के साथ एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। ग्रुप में विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं को मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर प्रश्नों का उत्तर दे रहे है।
मानसिक स्वास्थ्य के सम्बन्ध में प्रत्येक शनिवार को आनलाईन के माध्यम से सेमिनार आयोजित किया जा रहा है जिसका लिंक सोशल मीडिया में माध्यम प्रसारित किया जाता है।
कोरोना संक्रमण के कारण होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों का दूरभाष पर परामर्शदाता मानसिक स्वास्थ्य का आकलन कर आवश्यकतानुसार परामर्श प्रदान करेंगे।।