कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के घर डकैती में चार धरे,पांच पकड़ से बाहर
Doiwala Robbery Case Police Arrested Four Accused Uttarakhand News
Dehradun: मंत्री के भाई के घर डकैती के साजिशकर्ता समेत चार गिरफ्तार, पांच फरार, नहीं मिले जेवरात
देहरादून 19 अक्टूबर। डकैती डालने वाले गिरोह के सरगना नावेद और तौकीर समेत पांच आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पुलिस के अनुसार, लूटे गए जेवर इन्हीं के पास हैं। इनकी तलाश में दबिश जारी है।
डकैती कांड का खुलासा करती पुलिस।
कैबिनेट मंत्री के चचेरे भाई के घर डकैती के सूत्रधार ठेकेदार समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने खुलासे का दावा किया है। आरोपितों के कब्जे से लूटी गई पांच लाख रुपये से ज्यादा की नकदी और लूट में प्रयोग हुईं दो कारें, बाइक व स्कूटर मिले हैं। ठेकेदार ने दो साल पहले व्यवसायी के घर पीओपी किया था। तभी से वह यहां लूट का मन बनाये था।
डकैती के मुखिया नावेद और तौकीर समेत पांच आरोपित अभी पुलिस पकड़ से दूर हैं। पुलिस के अनुसार, लूटे गए आभूषण इन्हीं के पास हैं। इनकी तलाश में छापे जारी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने आज प्रेसवार्ता कर बताया कि 15 अक्तूबर को डोईवाला में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई शीशपाल अग्रवाल के घर छह सशस्त्र बदमाशों ने महिलाओं को बंधक बनाकर डकैती डाली थी। वे लाखों रुपये और आभूषण लूटकर ले गए थे। पुलिस के 52 अधिकारियों और कर्मचारियों की 12 टीमें अनावरण को लगाई गई । सीसीटीवी फुटेज में एक स्विफ्ट और एक ईको स्पोर्ट कार भी दिखी। इनका उपयोग बदमाशों ने भागने को किया था।
शुरुआती जांच में परिवार के किसी जानकार पर ही संदेह था। इसलिए पुलिस ने यहां पहले काम कर चुके लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया तो महबूब (निवासी कुड़कावाला ) का नाम सामने आया। उसने कारोबारी के घर पीओपी का काम किया था। वह घर से अच्छी तरह परिचित था। पुलिस महबूब का पीछा करते हुए सरवट, मुजफ्फरनगर तक पहुंची। यहां से महबूब को उसकी स्विफ्ट डिजायर कार के साथ पकड़ लिया गया। उसके साथ मनव्वर और शमीम नाम के दो बदमाश भी थे। इनके कब्जे से दो लाख 16 हजार रुपये मिले। पूछताछ में महबूब ने सारा रहस्य उगल दिया। उसने बताया कि एक दिन उसने खालापार, मुजफ्फरनगर के नावेद से संपर्क किया।
नावेद अपने साथियों रियाज, मेहरबान, वसीम और तौकीर को लेकर डोईवाला आ गया। 15 अक्तूबर को सुबह करीब साढ़े 11 बजे वसीम, तहसीम, नफीस, मेहरबान बावला और तौकीर घर में घुस गये। महबूब बाकियों के साथ कार और स्कूटर से घर के आसपास मंडराता रहा। डकैती के बाद बदमाश दोनों कारों में सवार होकर भाग निकले। महबूब से पूछताछ के बाद पुलिस की एक टीम तहसीम कुरैशी तक पहुंच गई। मंगलवार को दिल्ली-बागपत हाईवे से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से तीन लाख तीन हजार रुपये, एक देसी तमंचा और कारतूस बरामद हुए। वह ईको स्पोर्ट कार से भागा था।
काबीना मंत्री के चचेरे भाई के घर दिनदहाड़े हुई डकैती में पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है।
Uttarakhand Crime News काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के घर डकैती के मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों में मास्टरमाइंड भी शामिल है। आरोपित ने दो साल पहले पीड़ित के घर फर्नीचर बनाने का काम किया था।
डोईवाला में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई के घर दिनदहाड़े हुई डकैती में पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें डकैती का मास्टरमाइंड भी शामिल है, जिसने दो साल पहले पीड़ित के घर में फर्नीचर बनाने का काम किया था।
आरोपित मुजफ्फरनगर के रहने वाले
आरोपितों से डकैती में लूटी गई धनराशि के साथ लूट में प्रयुक्त हथियार भी ढूंढ लिए हैं। हालांकि, लूट में शामिल पांच आरोपित अभी भागे हुए हैं। सभी आरोपित मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी हैं। लाखों की इस डकैती के अनावरण को 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की 12 से अधिक टीमें लगाई गई थीं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने की प्रेस वार्ता
बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता की। इसी 15 अक्टूबर को काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई शीशपाल अग्रवाल निवासी घराट रोड डोईवाला के घर में हथियारों से लैस छह बदमाशों ने डकैती की थी।
चाकू व तमंचा दिखाकर की थी लूट
पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे बदमाशों ने शीशपाल के घर में घुस चाकू व तमंचा दिखाकर उनकी पत्नी व दो नौकरानियां कमरे में बंधक बना ली। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देकर घर में रखी नकदी और आभूषण लूटे । दिनदहाड़े आबादी क्षेत्र में हुई डकैती की सूचना मिलने पर पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल रेंज और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून तत्काल घटनास्थल पहुंच गए थे।
पुलिसकर्मियों की 12 की थी गठित
आरोपितों की धरपकड़ को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक अपराध व पुलिस अधीक्षक देहात के पर्यवेक्षण और क्षेत्राधिकारी डोईवाला,ऋषिकेश,विकासनगर व प्रेमनगर के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों की 12 प्रमुख व कुछ छोटी टीमें गठित की थीं।
पीड़ित के घर में किया था फर्नीचर का काम
इन टीमों ने जांच में पीड़ित के घर में कार्य चुके व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई। पता चला कि कुड़कावाला (डोईवाला ) निवासी महबूब ठेकेदार ने दो वर्ष पूर्व पीड़ित के घर में फर्नीचर का कार्य किया था, जो डकैती बाद से लापता है। उसका फोन भी बंद था।
महबूब ही डकैती का मास्टरमाइंड
इससे पुलिस की संदेह की सुई महबूब की तरफ घूमी। महबूब की भूमिका संदिग्ध मान पुलिस ने इस दिशा में जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि डकैती का मास्टरमाइंड महबूब ही है।
महबूब मूल रूप से ग्राम बसेड़ा, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) निवासी है। उसे पता था कि शीशपाल दिन में दुकान में रहते हैं और उनकी पत्नी घर पर अकेली होती हैं। इसी जानकारी से उसने अपने साथियों के साथ शीशपाल के घर डकैती की योजना बनाई।
मंगलवार को पुलिस को मुखबिर तंत्र से सूचना मिली कि महबूब कार से अपने वकील से मिलने मुजफ्फरनगर के सरवट जा रहा है। महबूब के साथ डकैती में शामिल उसके दो साथी मुनव्वर व शमीम भी थे।
तीनों को मुजफ्फरनगर से दबोचा
दून से गई पुलिस टीम ने तीनों को मुजफ्फरनगर में दबोचा । उनसे पूछताछ बाद एक अन्य आरोपित तहसीम कुरैशी (निवासी खतौली मुजफ्फरनगर) को दिल्ली-बागपत हाईवे पर स्वरूपनगर चौकी के पास मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे गिरफ्तार किया।
दो साल पहले बनाई डकैती की योजना
महबूब ने बताया कि दो साल पूर्व उसने शीशपाल अग्रवाल के घर में फर्नीचर बनाने के साथ पीओपी किया था। घर में महंगी वस्तुएं देख उसने डकैती की योजना बनाई।
आरोपित ने उनका भरोसा भी जीत लिया था। तभी से वह शीशपाल के परिवार और रिश्तेदारों की जानकारी जुटाता रहा । महबूब ने अपनी योजना शमीम व मुनव्वर को बताई और शीशपाल घर की रेकी करवाई।
वारदात वाले दिन वसीम, तहसीम, नावेद, रियाज व मेहरबान पीड़ित के घर में घुसे और महबूब, मुन्नवर व अन्य बदमाश घर के आसपास आने-जाने वालों की निगरानी करते रहे। वारदात के बाद सभी अलग-अलग रास्तों से फरार हुए। पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि वारदात के बाद कुछ आरोपित ईको स्पोर्ट कार जोकि तहसीम कुरैशी की है, से भागे.
आरोपितों से मिला सामान
पांच लाख 19 हजार 600 रुपये नकद, एक तमंचा 32 बोर का व दो जिंदा कारतूस, एक स्विफ्ट डिजायर कार व एक ईको स्पोर्ट कार, एक बाइक बजाज प्लेटिना और एक स्कूटी।
20 लाख रुपये ले जाने की बात आई सामने
आरोपितों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने घर से 20 लाख रुपये नकद लूटे थे। बहुत से आभूषण भी ले गए थे। इनमें से पुलिस ने पांच लाख रुपये ढूंढने का दावा किया है। लेकिन, आभूषण नहीं मिल सके हैं। हालांकि, अब भी पीड़ित परिवार ने लूटे गए आभूषण की सूची पुलिस को नहीं दी है।
अनावरण करने वाली टीम पर बरसे पुरस्कार
डकैती का अनावरण करने वाली टीम पर अधिकारियों ने पुरस्कारों की वर्षा कर दी है। टीम को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एक लाख रुपये नकद देने की घोषणा की है। जबकि, पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल की ओर से 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने भी टीम को 20 हजार रुपये इनाम घोषित किया है।
ये हुए गिरफ्तार
महबूब (निवासी बसेड़ा, छपार, मुजफ्फरनगर)
मुनव्वर (निवासी सरवटस हाजीपुरा, मुजफ्फरनगर)
शमीम (निवासी बसेड़ा, मुजफ्फरनगर)
तहसीम (निवासी मोहल्ला खैल, कांधला, शामली)
ये हैं पकड़ से दूर
रियाज मुल्ला, नावेद इकबाल, मेहरबान बावला, वसीम और तौकीर (सभी निवासी खालापार, मुजफ्फरनगर)
छह माह में चार बार षड्यंत्र, पांचवीं बार में सफल
डकैती का षड्यंत्रकर्ता महबूब छह महीने में चार बार डकैती या लूट की योजना बना चुका था। लेकिन, हर बार कोई न कोई बाधा आ जाती थी। पिछले दिनों पांचवीं बार षड्यंत्र सफल भी हो गया। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि महबूब वैसे तो दो साल से इस घर में लूट की सोच रहा था। इसके लिए वह परिवार के लोगों से भी मेलजोल बढ़ा रहा था। उसे पता था कि अग्रवाल परिवार का बेटा दिल्ली में रहता है। शीशपाल अग्रवाल सुबह दुकान पर जाते हैं और दोपहर दो बजे लंच को आते हैं। इसी बीच लूट हो सकती थी। इसकी तैयारी वह काफी दिनों तक करता रहा। उसने अपने साथी मनव्वर और शमीम को लेकर घर की रेकी शुरू की। मेलजोल बढ़ाने को उनकी दुकान पर भी अक्सर आता-जाता था। लोगों पर विश्वास जमाकर उसने घर में रखे सामान की भी जानकारी जुटा ली थी।