देहरादून-मसूरी मार्ग बेली ब्रिज 2 दिन में तैयार,जोशी ने कार्मिकों को दी शाबाशी

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून-मसूरी मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल का किया निरीक्षण

दो दिन में बेली ब्रिज तैयार करने के लिए अधिकारियों कर्मचारियों को दी शाबाशी

देहरादून, 18 सितम्बर 2025 । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज देर शाम मसूरी-देहरादून मार्ग स्थित शिव मंदिर के पास अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आपदा के कारण मसूरी और देहरादून को जोड़ने वाला यह पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण किया जा रहा है।

मंत्री जोशी ने पुल के निर्माण कार्य में जुटे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि मात्र दो दिनों के भीतर बेली ब्रिज तैयार करना अपने आप में एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने जानकारी दी कि एक घंटे के भीतर पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा और इसके साथ ही देहरादून-मसूरी मार्ग पर आवाजाही फिर से शुरू हो जाएगी।

इस अवसर पर मंत्री जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है तथा उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

Dehradun Flood Mussoorie Road Life entangled at Maggi Point beautiful places devastated by the disaster

सबसे ज्यादा हानि मैगी प्वाइंट संचालकों की

आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान देहरादून-मसूरी मार्ग पर मैगी प्वाइंट संचालकों का ही हुआ है। कई जगहों पर उनकी दुकान मलबे के साथ बह गईं तो कई जगहों पर मलबा दुकान के अंदर भर गया।
आपदा से पहले देहरादून-मसूरी रोड पर बने अपने स्वाद के जाने जाने वाले  मैगी प्वाइंट के सभी दुकानदारों की जिंदगी मैगी की तरह ही उलझ गई है। रोजगार का क्या होगा, कब स्थिति सामान्य होगी और फिर कब उनकी दुकानों पर पहले की तरह चहल-पहल होगी। इस तरह के सवाल हर रोज उन्हें परेशान कर रहे हैं।
दरअसल, आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान देहरादून-मसूरी मार्ग पर मैगी प्वाइंट संचालकों का ही हुआ है। कई दुकानें मलबे के साथ बह गईं तो कई जगहों पर मलबा दुकान के अंदर भर गया। गिरते पहाड़ों और मलबे ने कुछ ही मिनटों में वर्षों की मेहनत पर पानी फेर दिया। जगह-जगह टूटी सड़कें, मलबे का पहाड़ और बहता पानी दुकानदारों की जिंदगी उलझा रहा है।

दुकानदार अमन पंवार ने बताया, वर्षों से वह यहां दुकान चला रहे हैं। यही दुकान उनके रोजगार का एक मात्र साधन थी लेकिन वह आपदा में नष्ट हो गई है। अब बस यही चिंता सता रही है कि आगे क्या होगा। वहीं, रोहित रावत ने बताया, उनकी दुकान में ऊपर तक मलबा भरा है। क्षतिग्रस्त दुकान में कैसे काम शुरू होगा कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है।

अभी भी सुरक्षित नहीं है मसूरी-दून मार्ग
भले ही शिव मंदिर के पास बैली ब्रिज बना मसूरी-दून मार्ग वाहनों को खोल दिया गया है लेकिन इस मार्ग पर यात्रा अभी भी सुरक्षित नहीं है। कुठालगेट से लेकर झड़ीपानी रोड तक जगह-जगह मलबे का पहाड़ है। कुछ जगहों पर सड़क का आधे से ज्यादा हिस्सा गायब है। जबकि कुछ जगहों पर सड़क में बड़ी-बड़ी दरारें तो कुछ जगहों पर सड़क धंसने लगी है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों तक बड़ी सावधानी के साथ इस मार्ग पर यात्रा करनी होगी।

12 किलोमीटर की परिधि में पसरा सन्नाटा
दून-मसूरी रोड पर यह पहली बार है जब दिन के उजाले में यहां सन्नाटा पसरा हो। करीब 12 किलोमीटर तक सड़क के चारों ओर सिर्फ आपदा के चिन्ह शेष हैं। रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाने वाली दुकानें अब खंडहर में बदल गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *