कुत्ता गंवा हाईकोर्ट जज नाराज़,तीन दिन में मांगा पुलिसकर्मियों का निलंबन

DELHI HIGH COURT JUDGE FURIOUS AT POLICE FOR LOSING DOG ASKS COMMISSIONER TO SUSPEND POLICEMAN
कुत्ता खोने पर दिल्ली हाईकोर्ट के जज भड़के, कमिश्नर को कहा- सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को सस्पेंड करें

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस गौरांग कंठ ने अपने आवास पर तैनात सुरक्षा कर्मचारियों को सस्पेंड करने की मांग की. उनका कहना है कि सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही की वजह से मेरा पालतू कुत्ता खो गया है.

नई दिल्ली 23 जुलाई: दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गौरांग कंठ ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने उनकी और उनके बंगले की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. पत्र में न्यायमूर्ति कंठ ने लिखा है कि पुलिस कर्मियों की लापरवाही से उनका पालतू कुत्ता खो गया. इसलिए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. उन्होंने सुरक्षा कर्मचारियों को निलंबित करने की भी मांग की है.

पुलिस वालों को करें निलंबित

न्यायमूर्ति कंठ ने पत्र में लिखा है कि मैं इस पत्र को बहुत दुखी और क्रोधित मन से लिख रहा हूं. मेरे बंगले की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों की अयोग्यता से मेरा पालतू कुत्ता गुम हो गया है. मैं बंगले पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों को लगातार बताता रहा कि दरवाजे को लॉक करके रखें, लेकिन वो मेरे दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते रहे और अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे. ड्यूटी को लेकर इस तरह की अयोग्यता और अनदेखी पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. इस तरह तो मेरे जीवन को भी खतरा हो सकता है.

लापरवाही से हो सकता है बड़ा खतरा

न्यायमूर्ति पत्र में लिखा है कि सुरक्षाकर्मियों की इस तरह की लापरवाही से मेरे घर पर कोई और दुर्घटना हो सकती है, मैं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं. आपसे आग्रह करता हूं कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत निलंबित करें. इसमें पुलिस की अक्षमता दिखती है. इस तरह की दुर्घटना उनके साथ भी हो सकती है. उन्होंने तीन दिन के अंदर पत्र का जवाब भी मांगा है.
बता दें कि मौजूदा समय में जस्टिस कंठ कैलकटा हाई कोर्ट के जज हैं. हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट से उनका ट्रांसफर किया गया है. उनके ट्रांसफर के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों ने हड़ताल भी की थी.

CJI की चिट्ठी के बाद वापस ली शिकायत
न्यायधीश गौरांग कंठ ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) को 12 जून को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंनें बंगले पर तैनात संतरियों के निलंबन की मांग की थी, चिट्ठी में लिखा था कि बार-बार बंगले का दरवाजा बंद करने का कहने पर भी नहीं करना जो कर्तव्य में लापरवाही और अक्षमता दिखाता है. जिसकी वजह से उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गई.

दिल्ली हाई कोर्ट के जज ने दिल्ली पुलिस कर्मी के निलंबन के लिए संयुक्त आयुक्त (सुरक्षा) को चिट्ठी लिखी है..

दिल्ली उच्च न्यायालय के एक पूर्व जज ने अपने आवास पर तैनात दिल्ली पुलिस के एक कर्मियों के निलंबन की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने बकायदा जिम्मेदार अधिकारी को पत्र लिखा था. उनका इल्जाम था कि पुलिसकर्मियों ने बार-बार कहने पर भी उनके बंगले के दरवाजे बंद नहीं किए, जिसकी वजह से उन्होंनें अपने पालतू कुत्ते को खो दिया है. यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. अब उन्होंने पुलिसकर्मियों के निलंबन की अपनी मांग वापस ले ली है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायाधीश गौरांग कंठ ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) को 12 जून को चिट्ठी लिखी थी.

चिट्ठी में लिखा था, ‘बार-बार बंगले का दरवाजा बंद करने के लिए कहने पर भी, संतरियों ने ऐसा नहीं किया. यह कर्तव्यपालन में उनकी लापरवाही और अक्षमता को दर्शाता है, जिसकी वजह से मेरे पालतू कुत्ते की मौत हो गई.’ जस्टिस गौरांग कंठ ने चिट्ठी में आगे लिखा था, ‘मैं यह लेटर बहुत दुख और दर्द के साथ लिख रहा हूं. मेरे बंगले पर आधिकारिक तौर पर सुरक्षा देने वाले पुलिसकर्मी अपने हिस्से की जिम्मेदारी और कर्तव्य को निभाने में पूरी तरह अक्षम रहे हैं. इस तरह निर्देशों को नहीं मानने से कल को मेरे जीवन और सुरक्षा पर भी खतरा हो सकता है.’

सोशल मीडिया पर चिट्ठी हुई वायरल, शिकायत ली वापस

चिट्ठी के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि यह पत्र पिछले महीने लिखा गया था. अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति कंठ ने शनिवार को सूचित किया कि वह अपने आवास पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं. पत्र लिखे जाने के समय वह दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे. इस सप्ताह की शुरुआत में उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था.

न्यायाधीश गौरांग कंठ को आधिकारिक तौर पर 15 जुलाई को कोलकाता उच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए अधिसूचित किया गया. इसी दिन दिल्ली उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन ने उनके तबादले को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए तर्क दिया कि पहले से ही न्यायाधीशों की कमी है, ऐसे में यह कदम फैसलों के मामले में नकारात्मक असर डालेगा.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ दिनों पहले देश के सभी उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि उन्हें सुविधाएं मिली हैं, उसका उपयोग उन्हें इस तरह से नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को असुविधा हो या न्यायपालिका की आलोचना हो. इसके कुछ दिन बाद ही जस्टिस गौरांग कंठ ने अपनी शिकायत वापस ली.

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