संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति न हुई तो 19 से धरना प्रदर्शन और सरकार का पुतला दहन

चमोली 14 दिसंबर। उत्तराखण्ड में द्वितीय राजभाषा संस्कृत शिक्षा की दुरावस्था विस्मयकारी है। सनातन पक्षी समझी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी के शासन में लंबे समय से चली आ रही यह समस्या क्यों समाप्त नहीं हो रही,किसी के भी समझ से बाहर है। संस्कृत शिक्षक तो इस समस्या से दसियों सालों से जूझ ही रहे हैं,अब प्रबंधन और शिक्षकों के अलावा तीसरा हितधारक विद्यार्थियों को भी आंदोलन के लिए विवश होना पड़ रहा है। अब शिक्षक तो धरना प्रदर्शन,अनशन और पुतला दहन में संकोच करते रहे हैं, लेकिन अपेक्षाकृत सुसंस्कृत समझे जाने वाले संस्कृत विद्यार्थी जरूर यह रास्ता अपनाने को आगे बढ़ते दिखते हैं।

गत दिवस चमोली में भाजपा की विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित करने पहुंचे दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और बागवानी निदेशक वीरेंद्र जुयाल को संस्कृत महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष जोशीमठ के अध्यक्ष प्रदीप मिश्र के नेतृत्व में छात्रों ने ज्ञापन देकर उत्तराखण्ड सरकार को जगाने की अपील की है। श्री जुयाल ने स्थिति पर हैरानी जताते हुए भरोसा दिलाया है कि वे सरकार तक संस्कृत विद्यालयों की समस्यायें अवश्य पहुंचायेंगें ।

छात्रों ने चेतावनी दी है कि सरकार की उदासीनता तोड़ने को वें 19 दिसंबर से धरना ,प्रदर्शन, अनशन और पुतला दहन शुरू करेंगे। ज्ञापन में कहा गया है कि —

सेवा में,
श्रीमान् वीरेन्द्र जुयाल जी
वरिष्ठ भा0ज0पा नेता/
निदेशक बागवानी
केन्द्र सरकार दिल्ली।

विषय:- संस्कृत महाविद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था ठीक करने व शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति के सन्दर्भ में।

महोदय,
आपको अवगत करवाना है कि उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा विभाग से संस्कृत महाविद्यालयों को बंद करने का कुत्सित प्रयास हो रहा है-

1-  16 अक्टूबर 2023, 23 अक्टूबर 2023 के आदेश से सभी संस्कृत महाविद्यालय को उत्तरमध्यमा तक वित्त स्वीकृति दी गई है, सभी शिक्षकों को उत्तरमध्यमा स्तर तक बताया गया है। महाविद्यालयों में छात्रों को कौन पढ़ायेगा..?

2-  02 दिसंबर 2023 की बैठक संस्कृत विश्विद्यालय हरिद्वार में हुई है और समाचार पत्रों में बयान आया कि सभी संस्कृत महाविद्यालय स्ववित्तपोषित है, अगर ये महाविद्यालय स्ववित्तपोषित हैं, इन महाविद्यालयों के प्रबन्धक ने महाविद्यालयों में शिक्षक एवं कर्मचारी नियुक्त किये हैं..? महोदय, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। संस्कृत महाविद्यालयों को स्ववित्तपोषित कहकर बन्द करने का प्रयास हो रहा है।

3- माननीय शिक्षा मंत्री जी को ज्ञात हो कि संस्कृत महाविद्यालयों में एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं है, जो 2 या 3 शिक्षक पूर्व से महाविद्यालय के लिए नियुक्त थे , उनको अब उत्तरमध्यमा तक बताया जा रहा है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है । छात्र हित में संस्कृत महाविद्यालयों में तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति की जाय। नहीं तो  19 दिसंबर 2023 से धरना- प्रदर्शन एवं पुतला दहन किया जायेगा।  इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

4- महोदय, हम लोग विश्वविद्यालय में पढ़ने नहीं जा सकते है । इतना धन हमारे पास नहीं है, हमारा महाविद्यालय यहीं और प्रत्येक जनपद में होना चाहिए और इन महाविद्यालयों में तत्काल नियुक्तियाँ की जाय।

अतः निवेदन है कि उपरोक्त समस्याओं का समाधान किया जाय। नहीं तो पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

प्रदीप मिश्रा
अध्यक्ष
संस्कृत महाविद्यालय छात्र संघ जोशीमठ।

 

 

 

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