अंधेरगर्दी: हरिद्वार पुलिस करेगी दबंगों के क्लेमनटाउन में फौजी की कोठी ढहाने की जांच

हरिद्वार पुलिस करेगी कोठी तोड़ने की जांच
क्लेमेनटाउन में दबंगों की ओर से सरेआम बुलडोजर से कोठी तोड़ने के मामले की जांच पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हरिद्वार जिले की पुलिस को सौंप दी है।
देहरादून 22 जनवरी: क्लेमेनटाउन में दबंगों की ओर से सरेआम बुलडोजर से कोठी तोड़ने के मामले की जांच पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हरिद्वार जिले की पुलिस को सौंप दी है। 12 जनवरी को हुई इस घटना में क्लेमेनटाउन थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। इस कोठी में नेवी से रिटायर्ड कमांडर व वीरता पुरस्कार विजेता विनोद कपूर का परिवार रह रहा था।

डीजीपी ने देहरादून के एसएसपी को यह भी निर्देश जारी किए हैं कि हरिद्वार जिले की पुलिस के साथ बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी या एसटीएफ को भेजा जाए। एसपी क्राइम बिशाखा अशोक भदाणे की ओर से अब तक की गई जांच में साफ हो गया है कि क्लेमेनटाउन के थानाध्यक्ष नरेंद्र गहलावत ने समय पर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पूर्व सूचना के बावजूद बदमाशों को कोठी तोड़ने से नहीं रोका गया। ऐसे में उन्हें निलंबित किया गया है। इस मामले में अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर गाज गिरने की संभावना है। डीजीपी ने कहा कि मामला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे पुलिसकर्मियों को विभाग में नहीं रहने दिया जाएगा।

दूसरी ओर पुलिस की ओर से कार्रवाई न करने पर नेवी से रिटायर्ड कमांडर विनोद कुमार की पत्नी कुसुम कपूर ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने बताया कि 12 जनवरी को उनकी अनुपस्थिति में अमित यादव, मोना रंधावा, सौरभ कपूर 30-40 हथियारबंद व्यक्तियों के साथ उनकी क्लेमेनटाउन के सुभाषनगर स्थित कोठी में पहुंचे। आरोपितों ने ट्रकों में घर का सामान भरा और बुलडोजर से कोठी तोड़ दी। इस मामले में एसएसपी कार्यालय में शिकायत दी गई और थानाध्यक्ष नरेंद्र गहलावत को घटना की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर घटना के पांच दिन बाद क्लेमेनटाउन थाना पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

पीड़ित को दी गई सुरक्षा

बेघर हुई कुसुम कपूर को पुलिस विभाग की ओर से दो गनर मुहैया करवा दिए गए हैं। पीड़ित ने डीजीपी से मुलाकात कर कहा था कि दबंग जब उनकी कोठी गिरा सकते हैं तो उन्हें भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था। ऐसे में डीजीपी ने उन्हें गनर मुहैया करवा दिए हैं।

यह है मामला

वरिष्ठ नागरिक कुसुम कपूर के पति विनोद कुमार कपूर नेवी में कमांडर थे। वह परिवार के साथ 1996 से क्लेमेनटाउन स्थित सुभाष नगर में रह रहे थे। जबकि इससे पहले उनके रिश्तेदार इस मकान में रहते थे। उनका केयर टेकर के साथ मकान खाली करने को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। फरवरी 2021 में उनके पति का निधन हो गया। उनकी बेटी दिमागी तौर पर अस्वस्थ है, उसे साथ लेकर वह सात जनवरी को नोएडा गई थीं। इस दौरान घर पर सिर्फ केयर टेकर व पीजी में रह रहे छात्र थे। 12 जनवरी की सुबह उन्हें पड़ोसियों ने सूचना दी कि उनका मकान बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। जब तक देहरादून पहुंच पाती, तब तक दबंग मकान तहस-नहस कर घर के अंदर रखा उनका सामान, लाखों के गहने, उनके पति के अवार्ड व अन्य सामान ट्रकों में भरकर ले गए। वह शिकायत करने थाने पहुंचीं तो थानाध्यक्ष ने दबंगों का पक्ष ले उन्हें वहां से भगा दिया। इसके बाद वह न्याय की गुहार लगाकर इधर-उधर भागती रहीं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने डीजीपी से शिकायत की। डीजीपी ने दबंगों के खिलाफ मुकदमे के आदेश दिए। इस मामले में पुलिस ने 17 जनवरी को अमित यादव, मोना रंधावा, सौरभ कपूर समेत 40 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

पृष्ठभूमि:प्रॉपर्टी कब्जाने को दबंगों ने सैन्य अफसर का घर ही ढहाया, एसओ को सस्पेंड करने के निर्देश

प्रॉपर्टी विवाद को लेकर प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते महिलाएं।

मामले का संज्ञान ले डीजीपी अशोक कुमार ने क्लेमेनटाउन एसओ को लापरवाही का दोषी मानते हुए सस्पेंड करने के निर्देश एसएसपी को दिए ।
जानकारी के मुताबिक पूर्व नेवल आफिसर स्वर्गीय वीके कपूर के मामा मोहिंदर मलिक का क्लेमेनटाउन के सोसायटी एरिया में घर और प्रॉपर्टी थी। मामा के निसंतान होने से नेवल ऑफिसर का परिवार ही इस प्रॉपर्टी और मकान पर काबिज और हकदार है। पूर्व नेवल ऑफिसर वीके कपूर की पत्नी कुसुम कपूर के मुताबिक 1996 से वह इस प्रॉपर्टी पर अध्यासित थी। डीजीपी ने थाना क्लेमेनटाउन को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन थाना पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। इस मामले में अब डीजीपी ने थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन नरेंद्र गहलावत को सस्पेंड करने के निर्देश एसएसपी को दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि इस प्रकार के अधिकारी को फोर्स में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

जानकारी के मुताबिक, बंगले की पुरानी केयर टेकर पर भी इस वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर के बदमाशों का नाम भी सामने आ रहा है. ऐसे में बड़े स्तर पर गिरफ्तारी की कवायद जारी है. वहीं, इस मामले में दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर और उनकी बेटी को जान का खतरा मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने दो गनर उपलब्ध कराए हैं.

अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाई

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है. इसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए हरिद्वार पुलिस को नियुक्त किया गया है. मुकदमे में डकैती, लूटपाट और अन्य धाराएं बढ़ाई गई है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी का साफतौर पर कहना है कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों को विभाग में नहीं रखा जाएगा. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग के बाद डिफेंस मुख्यालय को भी भेजी शिकायत

उधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग को पत्राचार करने के बाद अब डिफेंस मुख्यालय और सैनिक कल्याण बोर्ड को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. ऐसे में यह मामला अब उच्च स्तर तक जाने की संभावना जताई जा रही हैं. पीड़ित पक्ष के मुताबिक, शनिवार सुबह स्थानीय सैन्य अधिकारी ने भी घटनास्थल का जायजा लेते हुए जानकारी जुटाई है.

सदमे में पीड़िता

बातचीत के दौरान दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर का दर्द साफ नजर आया. उनका कहना है जिस आलीशान बंगले की सपने की तरह सजो रखा था, उसको मिट्टी होते देख आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं. अब वो सड़क पर आ गए हैं और सिर छुपाने की जगह तक नहीं बची. अपने ही जगह पर टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं. हालांकि, अभी पीड़ित पक्ष को कुछ दिनों के लिए देहरादून नेवल यूनिट में रहने की सुविधा दी गई है, लेकिन यह चंद दिनों की व्यवस्था बताई जा रही है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दिवंगत नेवी ऑफिसर गैलेंट्री अवॉर्ड सम्मानित वीके कपूर की पत्नी कुसुम कपूर के मुताबिक, उनके पति के मामा मोहिंदर मलिक ने साल 1996 में विद्याभूषण नाम के व्यक्ति से सुभाष नगर में 5 बीघा भूमि और उस पर बने 100 साल पुरानी आलीशान बंगले को सेल डीड के अनुसार खरीदा था. साल 1997 में रजिस्ट्री हुई. उसके बाद वीके कपूर और उनका परिवार यहां रहने लगा.

कुसुम कपूर के मुताबिक, पति के मामा मोहिंदर मलिक ने इस प्रॉपर्टी की वसीयत वीके मलिक के नाम पर कर दी थी. उधर, वीके मलिक की मौत पिछले साल 25 फरवरी 2021 को हो गई. उसके बाद यह वसीयत उनके बेटी प्रीति खट्टर के नाम आ गई. बीते 7 जनवरी 2022 को कुसुम कपूर अपनी छोटी बेटी जो मानसिक रूप से विकलांग है, उसे देखने नोएडा गई.इसी बीच 12 जनवरी 2022 को तड़के भू माफियाओं और पश्चिमी यूपी के बंदूकधारी दबंगों ने पहले पूरे बंगले से नौकर केयर टेकर को बंदूक के बल पर चार ट्रक माल लूटपाट कर ठिकाने लगाया. उसके बाद स्थानीय पुलिस के संरक्षण में आलीशान बंगले को तीन जेसीबी से धराशाई कर कब्जाने का प्रयास किया।

भू माफिया पर लूट का भी आरोप

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ये बंगला अंग्रेजों के शासन काल में बनाया गया था. भूमाफिया करोड़ों रुपए के कीमती जेवरात भी बंदूक के बल पर लूटकर ले गए हैं. पीड़ित पक्ष ने स्थानीय पुलिस पर भी भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है. ये बंगला करीब 5 बीघा में बना हुआ है.

एसएसपी ने भी नहीं सुनी शिकायत

कुसुम कपूर ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले की शिकायत थाना स्तर से लेकर एसएसपी तक की, लेकिन किसी ने भी उनकी फरियाद नहीं सुनी. आखिर में वे अपनी फरियाद लेकर डीजीपी अशोक कुमार के पास पहुंची और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी. डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल क्लेमेंटाउन पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया.गैलेंट्री अवॉर्ड विजेता थे वीके कपूर: 70 साल की कुसुम कपूर ने बताया कि उनके पति वीके कपूर नेवी में अधिकारी थे. उन्होंने देश की सेवा करते हुए मेडल और गैलेंट्री अवॉर्ड जीते थे. उनके पति वीके कपूर ने 1997 में विद्याभूषण से ये बंगला खरीदा था, जो करीब 5 बीघा जमीन पर बना हुआ था. वीके कपूर अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ इसी बंगले में रहते थे.
कुसुम कपूर की एक बड़ी बेटी नासिक, दूसरी अमेरिका में रहती है. तीसरी बेटी की शादी नहीं हुई है, वो मानसिक रूप अस्वस्थ है. साल 2021 में वीके सिंह का निधन हो गया था. कुसुम कपूर का आरोप है कि पुराने केयरटेकर की बेटी मोनिका रंधावा और अमित यादव नाम के भूमाफिया की उनकी जमीन पर नजर है. बंगला टूटने के बाद कुसुम कपूर को नेवी के राजपुर कार्यालय में शिफ्ट किया गया है.

चुनाव आयोग से भी की गई है शिकायत

पीड़ित 70 वर्षीय कुसुम कपूर की बेटी प्रीति खट्टर के मुताबिक, करोड़ों के बंगले और 5 बीघा जमीन को गुंडागर्दी और बंदूक की नोक पर कब्जाने का खेल पुलिस की मिलीभगत से हुआ है. इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग से भी जनपद प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है. प्रीति के मुताबिक गनीमत है कि इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए न सिर्फ मुकदमा दर्ज करा कर घटनाक्रम पर लूटपाट की संगीन धाराएं बढ़ाई है।

तीन लोगों पर लगाया आरोप

पूर्व नेवल अधिकारी की पत्नी कुसुम कपूर ने इस मामले में तीन लोगों अमित यादव, मौना रांधवा ओर सौरभ कुमार पर प्रॉपर्टी कब्जाने का आरोप लगाया है। कहा कि इस लोगों से उसे जान का भी खतरा है।
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प्रॉपर्टी का चल रहा है विवाद

कुसुम कपूर का कहना है कि संपत्ति के मामले में देहरादून न्यायालय में वाद चल रहा है। जो अभी विचाराधीन है। कहा कि आरोपियों को यह भी मालूम है। इसके बाद भी उन्होंने संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की।

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