हटाये गये डीजीपी उप्र मुकुल गोयल, अकर्मण्यता का आरोप
UP DGP Removed: डीजीपी मुकुल गोयल पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, पद से हटाकर भेजा गया डीजी नागरिक सुरक्षा
Mukul Goel यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया गया है। उन्हें डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया। पिछले वर्ष जून में 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था ।
डीजीपी मुकुल गोयल पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, पद से हटाकर भेजा गया डीजी नागरिक सुरक्षा
यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाया गया।
लखनऊ11 मई, । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया है। मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया।
एचसी अवस्थी के रिटायर होने के बाद पिछले वर्ष जून में 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था। उन्होनें मुकुल गोयल ने दो जुलाई, 2021 को पुलिस महानिदेशक का पदभार संभाला था। इससे पहले वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एडीजी आपरेशन्स, बीएसएफ के पद पर तैनात थे।
मुकुल गोयल ने दो बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पहली बार वर्ष 2007 में डीआइजी के पद पर तैनात रहते हुए गए थे और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान ही आइजी के पद पद पदोन्नत हुए थे। वह एडीजी बनने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दोबारा वर्ष 2016 में गए थे और उनकी तैनाती बीएसएफ में बतौर आइजी हुई थी। जहां वह जुलाई 2017 में एडीजी बन गए थे।
आइपीएस मुकुल गोयल मूल रूप से शामली के रहने वाले हैं। अब उनका आवास मुजफ्फरनगर की नई मंडी कोतवाली क्षेत्र स्थित भरतिया कॉलोनी में है। मुकुल की प्राथमिक शिक्षा शहर के ही वैश्य मांटेसरी स्कूल में हुई। वर्तमान में इसका नाम वीवी इंटर कालेज शामली है। इसके बाद वह अपने पिता महेंद्र कुमार गोयल के पास धनबाद चले गए जो माइनिंग इंजीनियर थे।
UP DGP Removed: अपराध की बड़ी घटनाएं बनी यूपी पुलिस विभाग के मुखिया मुकुल गोयल पर एक्शन की वजह
यूपी के पुलिस महानिदेशक बनाए गए आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल योगी सरकार के भरोसे पर खरे नहीं उतर सके। विधानसभा चुनाव में जनता ने सीएम योगी पर दोबारा भरोसा जताया लेकिन हाल ही में कुछ घटनाओं से खाकी ने सरकार की जमकर किरकिरी करा दी।
अपराध की बड़ी घटनाएं बनी यूपी पुलिस विभाग के मुखिया मुकुल गोयल पर एक्शन की वजहयोगी का बड़ा एक्शन, गंभीर आरोपों के साथ की गई डीजीपी मुकुल गोयल पर कार्रवाई।
शासकीय कार्यों की अवहेलना और अकर्मण्यता जैसे गंभीर आरोपों के साथ मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पद से बुधवार को हटा दिया गया। सरकारी प्रवक्ता की ओर से जारी कार्रवाई की सूचना में स्पष्ट इन शब्दों का उल्लेख करने के साथ यह भी आरोप लगाया है कि मुकुल गोयल विभागीय कार्यों में रुचि नहीं ले रहे थे। अपराध पर जीरो टालरेंस की नीति बार-बार दोहराने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग के मुखिया पर इस तरह कार्रवाई का चाबुक चलाकर संकेत दे दिया है कि वह डीजीपी से किस हद तक नाराज चल रहे थे।
दस महीने दस दिन पहले यानी एक जुलाई, 2021 को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बनाए गए 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल योगी सरकार के भरोसे पर खरे नहीं उतर सके। मुख्यमंत्री अपने पहले कार्यकाल से ही सख्त कानून व्यवस्था का संदेश दे रहे हैं। माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपनाई।
यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में भी जनता ने उन पर दोबारा भरोसा जताया, लेकिन हाल ही में कुछ घटनाओं से खाकी ने सरकार की जमकर किरकिरी करा दी। प्रयागराज में सामूहिक हत्याकांड ने सनसनी फैलाई तो ललितपुर के एक थाने में इंस्पेक्टर द्वारा थाने में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता किशोरी से दुष्कर्म और वहीं के दूसरे थाने में महिला के उत्पीड़न की घटना ने विपक्ष को सरकार पर प्रश्न उठाने का अवसर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी मामलों को लेकर पुलिस विभाग के मुखिया से नाराज चल रहे थे। लिहाजा, बुधवार को उन्होंने मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटा दिया। फिलहाल गोयल को डीजी नागरिक सुरक्षा बनाया गया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सीएम योगी ने यह बड़ी कार्रवाई मुकुल गोयल द्वारा शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और अकर्मण्यता की वजह से की है।
उल्लेखनीय है कि दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में हैं। भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। हाल ही में वह दो जिलाधिकारियों और एक एसएसपी को निलंबित कर चुके हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात गाजियाबाद की पूर्व जिलाधिकारी को निलंबित करने की संस्तुति केंद्र सरकार को भेज चुके हैं।
रेस में ये नए नाम
बताया जा रहा है कि जल्द ही यूपी के नए डीजीपी की तैनाती की घोषणा की जाएगी। इस रेस में कई नाम शामिल है। सूत्रों के अनुसार आरके विश्वकर्मा, आनंद कुमार, देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान और राजेन्द्र पाल सिंह में से किसी को नया डीजीपी बनाया जा सकता है।