धामी मंत्रिमंडल में उपनलकर्मी व देवभूमि परिवार योजना समेत 12 प्रस्तावों पर लगी मुहर
- धामी कैबिनेट बैठक: उपनलकर्मियों पर बड़ा फैसला, कुल 12 प्रस्तावों पर लगी मुहर
कैबिनेट बैठक में उपनल के कार्मिकों को मिनिमम वेतनमान और डीए देने के लिए सब कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है.
देहरादून 12 नवंबर 2025 : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हो गई है. धामी मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. इसमें मुख्य रूप से उपनल कार्मिकों को मिनिमम वेतनमान और डीए देने के लिए सब कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है. कमेटी बनाने के लिए सीएम को अधिकृत किया गया है. ऐसे में अगले कुछ दिनों में कमेटी का गठन होने के बाद दो महीने का समय कमेटी को दिया जाएगा.
धामी मंत्रिमंडल बैठक के महत्वपूर्ण प्रस्ताव : वास्तव में, पिछले कुछ वक्त से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उपनलकर्मियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फैसला लिया है. उनके न्यूनतम पे स्केल और DA के लिए एक सब कमेटी बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री यह कमेटी बनाएंगे जो दो महीने में फैसला लेगी. वहीं, उपनल के ऑब्जेक्टिव में ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में भी बदलाव किया गया है.
अन्य फैसले:
टेंडर के दौरान बिड सिक्योरिटी के रूप में अभी बैंक गारंटी या एफडीआर लिए जाने की व्यवस्था है. ऐसे में भारत सरकार के निर्देश पर इंश्योरेंस सिक्योरिटी फॉर्म लिए जाने को विकल्प के रूप में शामिल किया गया है.
उत्तराखंड बजट राजकोषीय नियोजन एवं संसाधन निदेशालय के ढांचे में संशोधन को मिली मंजूरी. जिसमें आउटसोर्स के जरिए एक अतरिक्त चालक को रखने पर मिली सहमति.
उत्तराखंड कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी विंग गठन को मिली मंजूरी. सूचना प्रौद्योगिकी विंग के लिए दो कंप्यूटर प्रोग्रामर और 2 कंप्यूटर सहायक पद को मिली मंजूरी.
दैनिक वेतन/ कार्य प्रभारित/ संविदा/नियत वेतन/ अंशकालिक/ तदर्थ रूप में नियुक्त कार्मिकों के विनियमितिकरण संसोधन नियमावली 2025 के प्रख्यापन को मिली मंजूरी.
आपदा प्रभावित परिवारों को मदद: वहीं, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग में 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में आई आपदा के प्रभावितों को सहायता से संबंधित फैसला लिया गया है. मृतकों को एसडीआरएफ मद से मिलने वाले चार लाख की धनराशि को 5 लाख किया गया है. पक्के मकान ध्वस्त होने पर पर्वतीय क्षेत्रों में तीन लाख और मैदानी क्षेत्र में 2 लाख 80 हजार रुपए देने की व्यवस्था थी, जिसे बढ़ाकर 5 लाख और कच्चे मद की तय धनराशि के साथ एक लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत मद से दिया जाएगा.
अन्य फैसले-
केंद्र पोषित बागवानी मिशन योजना में केंद्रांश के रूप में प्राप्त अनुदान सहायता 40 प्रतिशत धनराशि का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा.
उत्तराखंड राज्य में निवास कर रहे परिवारों की पहचान प्रमाण पत्र बनाने के लिए देवभूमि परिवार योजना शुरू की जाएगी जिससे तहत परिवारों की एक आईडी बनाई जाएगी. जिसमें राज्य सरकार से परिवारों को के लाभ की पूरी जानकारी होगी.
उत्तराखंड विधानसभा विशेष सत्र के सत्रावसाहन को मंजूरी.
इसके साथ ही स्थानीय निकायों में लोक स्वास्थ्य से संबंधित तमाम नीतियों के लिए पीएमयू के गठन को मंजूरी दी गई है. पीएमयू के गठन का उद्देश्य, नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यों का पर्यवेक्षण करना, केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग की ओर से स्वास्थ्य के लिए प्राप्त धनराशि की मॉनिटरिंग, नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मानव संसाधन उपलब्ध कराना एवं प्रशिक्षण देना और स्वास्थ्य संबंधित शहरी निकायों के तहत संचालित योजनाओं का पर्यवेक्षण करना है।
Uttarakhand Devbhoomi Family Scheme will have many benefits eligible families will receive benefits
देवभूमि परिवार योजना के होंगे कई फायदे; पात्र परिवारों को मिलेगा लाभ, अपात्र होंगे बाहर
देवभूमि परिवार योजना से प्रदेश सरकार के सभी विभागों से जुड़ी वर्तमान और भावी योजनाओं की एक पोर्टल पर जानकारी मिलेगी।
प्रदेश में पहली बार देवभूमि परिवार योजना के लागू होने से पात्र परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। अब तक योजनाओं का लाभ लेने वाले अपात्र बाहर हो जाएंगे। परिवार पहचान पत्र बनने के बाद सरकार के पास प्रत्येक परिवार के बारे में यह जानकारी भी होगी कि वह किस-किस सरकारी योजना का लाभ ले रहा है। इससे योजनाओं में फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी और डुप्लीकेसी नहीं हो पाएगी।
देवभूमि परिवार योजना से प्रदेश सरकार को सभी विभागों से जुड़ी वर्तमान और भावी योजनाओं की एक पोर्टल पर जानकारी मिलेगी। योजना के तहत परिवार रजिस्टर में दर्ज सदस्यों को पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इस आईडी में एक विशेष पहचान संख्या होगी। खास बात यह है कि परिवार पहचान पत्र से सरकार को आसानी से यह जानकारी मिल सकेगी कि परिवार को किन-किन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। कितनी योजनाओं का लाभ परिवार ले चुका है।
यदि किसी पात्र परिवार तक योजना का लाभ नहीं पहुंचा है तो उसके क्या कारण हैं। योजना के माध्यम से एकत्रित होने वाले आंकड़ों से सरकार की अन्य योजनाओं, रोजगार, उद्यम, जनगणना, निर्वाचन और शहरी व ग्रामीण घरों के बारे में ताजा जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
पोर्टल तैयार, प्रकोष्ठ भी गठित
परिवार पहचान पत्र का जिम्मा नियोजन विभाग को सौंपा गया है। नियोजन विभाग ने पहले चरण में राष्ट्रीय सूचना केंद्र के सहयोग से पोर्टल तैयार कर लिया है। इसी के जरिये योजना का संचालन और मॉनिटरिंग का कार्य होगा। नियोजन विभाग में एक प्रकोष्ठ का गठन कर दिया गया है, जिसमें योजनाकारों और विश्लेषकों को जिम्मेदारी दी गई है।
योजना से होंगे कई फायदे
– सरकार के पास यह जानकारी होगी कि राज्य में कितने लोग बेरोजगार हैं।
– लोगों को वेबसाइट पर यह जानकारी मिल सकेगी कि वे किन-किन योजनाओं के पात्र हैं और किनका लाभ ले रहे हैं।
– परिवारों के उपलब्ध प्रमाणित आंकड़े जनगणना, निर्वाचन, सहकारिता, कृषि, उद्योग आदि के कार्यों में उपयोगी होंगे।
– आंकड़े उपलब्ध होने से सर्वे कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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