धामी की खट्टर से 21 जल विद्युत परियोजनाओं को हरी झंडी की मांग
देहरादून 15 जुलाई 2024 । केन्द्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की ऊर्जा एवं नगर विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में भारत सरकार के ऊर्जा एवं नगर विकास के उच्चाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव सहित राज्य के संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री खट्टर को प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों से अवगत कराते हुए कहा कि 2123 मेगावॉट क्षमता की अलकनंदा एवं भागीरथी तथा उनकी सहायक नदियों पर विशेषज्ञ समिति ने 21 जल विद्युत परियोजनाओं पर संस्तुति प्रदान की है जिसमें 771 मेगावॉट की 11 परियोजनाओं पर किसी भी संस्था ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है तथा कुल 1352 मेगावॉट क्षमता की 10 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु विशेषज्ञ समिति-2 ने संस्तुति दी है । उन्होंने इस परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सकारात्मक निर्णय लिये जाने के साथ अनुमोदन दिये जाने की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जल विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत ही उपयोग हो रहा है। राज्य को कुल चिन्हित 45 जल विद्युत परियोजनाओं में से पर्यावरण के दृष्टिगत 24 परियोजनाएं छोड दी गई है। जबकि 21 परियोजनाओं को समिति ने संस्तुति दे दी है। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री खट्टर ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र ही दिल्ली में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऊर्जा एवं जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जायेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य को जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु केन्द्रीय वित्तीय सहायता राज्य में विद्युत की कमी होने एवं शेष विद्युत क्षमता के त्वरित गति से विकास हेतु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से जारी ड्राफ्ट जल विद्युत नीति के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य को भी उत्तर पूर्वी राज्यों की तरह जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु केन्द्रीय वित्तीय सहायता दिए जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय मंत्री खट्टर से यह भी अपेक्षा की कि राज्य की वर्तमान एवं दीर्घकालिक बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत 1320 मेगावाट क्षमता के कोल आधारित विद्युत परियोजना के निर्माण हेतु कोल लिंकेज का त्वरित आवंटन किया जाना भी राज्य हित में होगा। साथ ही कोल आधारित परियोजनाओं से राज्य की बेस लोड विद्युत आवश्यकताओं की आपूर्ति हेतु 600 मेगावॉट का अतिरिक्त आवंटन किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय मंत्री खट्टर के समक्ष रखी।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई विद्युत संरचनाओं के मुआवजे हेतु प्रचलित मापदण्डों के स्थान पर विद्युत संरचनाओं के पुर्ननिर्माण में हुए वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति किये जाने का भी अनुरोध किया।
केन्द्रीय मंत्री खट्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि राज्य की ऊर्जा जरूरतों एवं इस क्षेत्र में सुधार से संबंधित प्रस्तावों के साथ शहरी विकास से संबंधित प्रस्तावों को केन्द्र सरकार को भेजा जाय। उन्होंने राज्य हित से जुडे विषयों पर त्वरित कार्यवाही का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
इससे पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी एवं अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन के साथ शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव सुश्री डी.तारा, श्री एस.पी.सिंह तथा संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय शशांक मिश्रा एवं श्री अफजाल, सचिव ऊर्जा आर.मीनाक्षी.सुन्दरम, सचिव चन्द्रेश यादव, अपर सचिव नितिन भदौरिया के साथ हुई बैठक में भी राज्य से संबंधित योजनाओं पर आपसी चर्चा हुई।