चिन्हित उत्तरांखड राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज 10% आरक्षण विधेयक सदन में
Uttarakhand Assembly Monsoon Session 2023 second day: Big Relief To Identified State Agitators Reservation Bill Presented, will get direct appointment
चिन्हित आंदोलनकारियों को बड़ी राहत, आरक्षण बिल सदन में पेश, मिलेगी सीधे नौकरी
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का आरक्षण विधेयक 11 अगस्त 2004 से लागू समझा जाएगा। यह अधिनियम राजकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के पदों के संबंध में लागू होगा।
देहरादून 06 सितंबर। विधानसभा में बुधवार को प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण देने को विधेयक प्रस्तुत कर दिया। विधेयक में आंदोलन के दौरान घायलों और सात दिन अथवा इससे अधिक अवधि तक जेल में रहे आंदोलनकारियों को लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर समूह ग व घ के पदों सीधी भर्ती में आयु सीमा और चयन प्रक्रिया में एक साल की छूट दी जाएगी।
विधेयक में उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार, नियुक्तियां देने का प्रावधान है। यदि ऐसे चिन्हित आंदोलनकारी की आयु 50 वर्ष से अधिक या शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम होने के कारण खुद नौकरी करने को अनिच्छुक होंगे, तो उनके एक आश्रित को उत्तराखंड की राज्याधीन सेवाओं में नौकरी को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।
सात दिन से कम अवधि के लिए जेल जाने वाले आंदोलनकारियों को उत्तराखंड की सरकारी सेवाओं में नौकरी को 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। विधेयक सरकार को अधिसूचना के माध्यम से अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने को नियम बनाने का अधिकार होगा। अधिनियम में बनाए जाने वाले प्रत्येक नियम को राज्य विधानमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
11 अगस्त 2004 से लागू माना जाएगा
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का आरक्षण विधेयक 11 अगस्त 2004 से लागू समझा जाएगा। यह अधिनियम राजकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के पदों के संबंध में लागू होगा। इससे उन राज्य आंदोलनकारियों को लाभ होगा, जो आंदोलनकारी कोटे से सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं। साथ ही उन आंदोलनकारियों को भी राहत मिलेगी, जिनका आयोगों के माध्यम से चयन हो गया था,लेकिन आरक्षण संबंधी शासनादेश के निरस्त होने के बाद उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई थी।
चिन्हित आंदोलनकारी मतलबः उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान बलिदान हुए, जेल गए, अथवा घायल हुए आंदोलनकारी या ऐसे आंदोलनकारी जिनका चिन्हीकरण जिलाधिकारी ने दस्तावेजों के सत्यापन के बाद किया है।
आश्रित सदस्यः चिन्हित आंदोलनकारी की पत्नी या पति, आश्रित पुत्र व अविवाहित अथवा विधवा पुत्री।