पूरी हुई तलाश: पाक से लौटी गीता की मां मिली महाराष्ट्र में,DNA टैस्ट शेष
पाकिस्तान से लौटी गीता की तलाश पूरी:5 साल बाद महाराष्ट्र में मां से मिली, परिवार ने असली नाम राधा वाघमारे बताया, DNA टेस्ट के बाद सौंपी जाएगी
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के वाजुल में रहने वाली मीना पांद्रे ने गीता को अपनी बेटी बताया है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के वाजुल में रहने वाली मीना पांद्रे ने गीता को अपनी बेटी बताया है। -फाइल फोटो
26 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर पाकिस्तान से भारत लाई गई थी गीता, 11 साल की उम्र में ईधी फाउंडेशन को रेलवे स्टेशन पर मिली
तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर गीता पाकिस्तान से भारत लाई गई थी।
इंदौर 11 मार्च। पांच साल पहले पाकिस्तान से भारत आई दिव्यांग गीता को उसकी मां मिल गई है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के वाजुल में रहने वाली मीना पांद्रे ने गीता को अपनी बेटी बताया है। मीना ने गीता का असली नाम राधा वाघमारे बताया। गीता के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। मां ने दूसरी शादी कर ली है।
मीना पांद्रे अपने परिवार के साथ गुरुवार को गीता से मिलीं। मीना के मुताबिक उनकी बेटी के पेट पर जले का निशाना था। गीता के पेट पर भी जले का निशान मिला है। हालांकि, अब तक दोनों का DNA टेस्ट नहीं कराया गया है। टेस्ट और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद ही गीता को सौंपा जाएगा।
गीता जब भारत पहुंची तो उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुलाकात की थी
11 साल की उम्र में पाकिस्तान पहुंची, सुषमा स्वराज भारत ले आईं
गीता पाकिस्तान में एक रेलवे स्टेशन पर 11-12 साल की उम्र में मिली थी। पाकिस्तान के ईधी वेलफेयर ट्रस्ट ने उन्हें अपने पास रखा था। 26 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर गीता को पाकिस्तान से भारत लाया गया था। तब उसे इंदौर की मूक-बधिरों की संस्था में रखा गया था। यहां से उसके परिवार की तलाश शुरू की गई। गीता न बोल सकती हैं और सुन पाती हैं। वह पढ़ी लिखी भी नहीं थीं। ऐसे में उनसे उनकी जानकारी निकलवा पाना मुश्किल था।
26 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर गीता को पाकिस्तान से भारत लाया गया था। तब उसे इंदौर की मूक-बधिरों की संस्था में रखा गया था।
26 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर गीता को पाकिस्तान से भारत लाया गया था। तब उसे इंदौर की मूक-बधिरों की संस्था में रखा गया था।
गीता ने इशारों में नदी और खेतों का जिक्र किया
इंदौर के आनंद सर्विस सोसाइटी के ज्ञान पुरोहित ने बताया कि गीता अपनी मां से मिलने पहुंची थी। गीता ने बचपन की धुंधली यादों के आधार पर उन्हें इशारों में बताया था कि उसके घर के पास एक नदी थी और वहां गन्ने तथा मूंगफली की खेती होती थी। इसके साथ ही वहां डीजल के इंजन से रेल चला करती थी। ये विवरण महाराष्ट्र के मराठवाड़ा (औरंगाबाद और इसके आसपास) इलाके के कुछ स्थानों से मेल खाते हैं।
20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गई थी गीता,2015 में वापस लाई गई थी ‘हिंदुस्तान की बेटी’
आपको बता दें कि 20 साल पहले पाकिस्तानी रेंजर्स को गीता 7 या 8 साल की उम्र में पाकिस्तान के लाहौर स्टेशन पर खड़ी समझौता एक्सप्रेस में मिली थी. उसे ईदी फाउंडेशन ने गोद ले लिया था. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर गीता 26 अक्टूबर, 2015 को वापस भारत आई थी. सुषमा स्वराज ने गीता को ‘हिंदुस्तान की बेटी’ नाम दिया था.
वतन वापसी के बाद ही सरकार ने गीता के परिवार को खोजने की कई बार कोशिश की. 30 वर्षीय गीता को अभी तक उसका परिवार नहीं मिला है. फिलहाल वो इंदौर के आनंद सेवा सोसायटी में रहती है. यह एनजीओ दिव्यांग लोगों के काम कर करता है. बीते कुछ सालों में कई लोगों ने गीता के परिजन होने का दावा किया, लेकिन यह दावा सिर्फ हवा-हवाई ही निकला.
मंगलवार को अपने परिवार की तलाश में गीता नांदेड़ पहुंची. उनके साथ मौजूद एनजीओ के सदस्य ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता का कहना है कि उसका घर स्टेशन के पास था, जहां हॉस्पिटल, मंदिर और नदी थी. इसी कारण हम नांदेड़ हैं, क्योंकि सचखंड एक्सप्रेस नांदेड़ से अमृतसर के बीच चलती है और समझौता एक्सप्रेस अमृतसर से पाकिस्तान जाती है.
ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कहा कि नांदेड़ से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित तेलंगाना में बसर नामक एक कस्बे को गीता ने अपने बचपन का घर बताया था, इसलिए हम यहां आए. नांदेड़ के पुलिस निरीक्षक द्वारकादास चिखलकर ने बताया कि उनकी टीम गीता को हरसंभव मदद मुहैया करा रही थी.
24 दंपतियों ने किया दावा, लेकिन DNA मैच नहीं हुआ
तेलंगाना के एक परिवार ने भी गीता के अपनी बेटी होने का दावा किया था लेकिन डीएनए नहीं मिला था
26 अक्टूबर 2015 को गीता को इंदौर लाए जाने के बाद देशभर के कई दंपतियों ने गीता के माता-पिता होने का दावा किया। लेकिन किसी का DNA मैच नहीं हुआ। इसके बाद आज तक उसके माता-पिता की तलाश जारी रही। वर्तमान में गीता महाराष्ट्र के परभणी में रह रही है। पाकिस्तान के ईधी वेलफेयर ट्रस्ट की पूर्व प्रमुख दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी को भी गीता के परिवार से मिलने की जानकारी दी गई है। उन्होंने इस पर खुशी जताई है।