दिवालीखाल प्रकरण की होगी मजिस्ट्रेटी जांच, शरारत पर भी नजर
मुख्यमंत्री ने दिवालीखाल प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच के दिए निर्देश, कहा- अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं कुछ लोग
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीवालीखाल में घटित घटना के मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी। मैंने सल्ट दौरे के दौरान सभी सड़कों को 1.5 लेन चौड़ीकरण किए जाने की घोषणा की थी।
देहरादून 02 मार्च। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीवाली खाल में घटित घटना के मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं और भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भराड़ीसैंण में मीडिया से बातचीत में कहा कि चमोली जिले के गैरसैंण के पास दिवालीखाल में घाट विकासखंड के लोगों के सड़क चौड़ीकरण को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों और पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जो भी दोषी है उसका संज्ञान लिया जाएगा। अगर कोई निर्दोष है तो उस पर कोई कारवाई नहीं होनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर जिन पर ट्रैफिक कम है, उनको डेढ़ लेन से जोड़ने और अधिक ट्रैफिक वाले जनपदों को डबल लेन से जोड़ने की घोषणा पिछले माह अल्मोड़ा में की गई थी। चमोली जनपद भ्रमण के दौरान भी यह बात कही गई थी, लेकिन कुछ लोग अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं और भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
दीवालीखाल घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।मजिस्ट्रेट जाँच के उपरांत दोषियों को उचित दंड दिया जाएगा। सरकार ने नीतिगत फ़ैसला लेते हुए सभी ब्लॉक मुख्यालयों को डेड़ लेन सड़क से जोड़ने का फ़ैसला किया था।कुछ लोग अस्थिरता फैला कर भ्रम पैदा कर रहे हैं जबकि हम पहले ही इसको दूर कर चुके हैं। pic.twitter.com/pZF3Gv1JfX
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) March 2, 2021
आपको बता दें कि चमोली जिले में 19 किलोमीटर लंबे नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों की विधानसभा कूच के दौरान पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई। विधानसभा तक जाने पर अड़े ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कुछ देर पथराव भी हुआ। इससे एक वाहन के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की, लेकिन जब स्थिति नहीं संभली तो लाठीचार्ज किया गया। इसमें एक महिला समेत तीन लोग चोटिल हो गए जबकि एक पुलिस जन का सिर फूटा तो एक की टांग टूट गई।
वहीं दूसरी ओर, उत्तराखंड के चमोली जिले स्थित नंदप्रयाग-घाट सड़क निर्माण को लेकर आंदोलित ग्रामीणों पर पुलिस के लाठीचार्ज से कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंगलवार को बजट सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोई कमी नहीं छोड़ी। प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि घटना बेहद दुखद और गुस्सा पैदा करने वाली है। कहा कि ग्रामीण केवल अपनी सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं। खुद सरकार उनसे दो बार वादा कर चुकी हैं कि सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। सरकार को सोचना चाहिए कि दो-दो बार वादे करने के बाद भी ग्रामीणों को आंदोलन क्यों करना पड़ रहा है ? सिंह का कहना था कि लाठीचार्ज की घटना ने साबित कर दिया है कि सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीवालीखाल घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच के उपरांत दोषियों को उचित दंड दिया जाएगा। सरकार ने नीतिगत फैसला लेते हुए सभी ब्लॉक मुख्यालयों को डेड़ लेन सड़क से जोड़ने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री रावत का कहना है कि कुछ लोग अस्थिरता फैला कर भ्रम पैदा कर रहे हैं जबकि हम पहले ही इसको दूर कर चुके है।