सैंकड़ों कोरोना रोगियों की जान बचाने वाली डॉक्टर की जान बचायेंगे योगी, डेढ़ करोड़ जारी
सैकड़ों जान बचाने वाली डॉक्टर को योगी बचाएंगे:कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए लोहिया अस्पताल की डॉक्टर संक्रमित हुईं थीं; लंग्स खराब हो गए, अब चेन्नई में होगा ट्रांसप्लांट, CM ने डेढ़ करोड़ दिए
डॉक्टर शारदा सुमन बीते 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुई थीं। एक मई को उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया था, जो स्वस्थ है।
लखनऊ 07 जुलाई।कोरोनाकाल में सैकड़ों लोगों की जिंदगियां बचाने वाली एक डॉक्टर की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आगे आए हैं। उन्होंने डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की सरकारी मदद देने का ऐलान किया है। डॉक्टर का पूरा इलाज चेन्नई में होगा।
दरअसल, पिछले एक साल से लखनऊ के राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की रेजिडेंट डॉक्टर शारदा सुमन कोरोना मरीजों का इलाज कर रहीं थीं। गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने ड्यूटी की। 14 अप्रैल को वह खुद संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। तब वो आठ माह की गर्भवती थीं। 19 अप्रैल को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक मई को उन्होंने हेल्दी बेबी को जन्म दिया। हालांकि, इस बीच, संक्रमण के चलते उनका फेफड़ा पूरी तरह से खराब हो गया। डॉक्टर्स ने लंग्स ट्रांसप्लांट की सलाह दी, लेकिन इसमें खर्चा काफी ज्यादा होने वाला था।
साथी डॉक्टर्स ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की, योगी ने तुरंत मदद की
लोहिया संस्थान में निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (फाइल फोटो)
मूलरूप से बिहार के आरा निवासी डाक्टर शारदा सुमन के पति भी बिहार में रेजिडेंट हैं। प्रत्यारोपण में इतनी धनराशि खर्च करने में उनका परिवार सक्षम नहीं था। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि निदेशक डॉक्टर सोनिया नित्यानंद, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजन भटनागर के साथ उन्होंने सीएम से मुलाकात कर डॉक्टर शारदा की जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया।
इसके बाद तीन दिनों में ही मुख्यमंत्री योगी ने कमेटी बनाकर धनराशि जारी कर दी। अब चेन्नई में महिला डाक्टर का फेफड़ा प्रत्यारोपण कराया जाएगा। संकट की इस घड़ी में परिवार के लोग सरकार की मदद का धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि इस कदम से कोविड सेवा कर रहे अन्य डॉक्टरों का हौसला और बढ़ेगा।
45 दिनों से कर रहीं संघर्ष
लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए लगने थे, लेकिन शारदा और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वे इतना महंगा इलाज करा पाएं।
डॉक्टर शारदा सुमन लोहिया संस्थान के कोविड अस्पताल में पिछले 45 दिनों से इकमो मशीन के सपोर्ट पर मौत से संघर्ष कर रही हैं।
उनके साथ अभी अस्पताल में उनकी नवजात बच्ची भी है। हालांकि, बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ बताई जा रही है।
डॉक्टर शारदा की मदद के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ भी सामने आया है
-मुख्यमंत्री ने फेफड़ा प्रत्यारोपण में मदद का दिया आश्वासन
-विशेषज्ञों की कमेटी ने प्रत्यारोपण को दी हरी झंडी
लोहिया संस्थान की महिला रेजिडेंट डॉक्टर का फेफड़ा प्रत्यारोपण होगा। मुख्यमंत्री ने प्रत्यारोपण के लिए जरूरी आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। वहीं प्रत्यारोपण के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित की। कमेटी ने फेफड़ा प्रत्यारोपण को मंजूरी दे दी है।
अखबारों ने शुक्रवार के अंक में ‘मरीज को बचाया, अपनी जान संकट में’ शीर्षक से खबरें प्रकाशित की थी। इसका मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। महिला डॉक्टर शारदा सुमन को लोहिया संस्थान में बीते 42 दिनों से इकमो मशीन के सहारे सांसे दी जा रहीं हैं। फेफड़े काम नहीं कर रहे हैं। फेफड़ा प्रत्यारोपण में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। निदेशक डॉक्टर सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉक्टर राजन भटनागर और चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री से भेंट की। डॉक्टर शारदा की तबीयत का हाल बताया। जान बचाने के लिए फेफड़ा प्रत्यारोपण का विकल्प बताया गया।
ये आएगा खर्च
फेफड़ा प्रत्यारोपण पर करीब 50 लाख का खर्च आएगा। मरीज को चेन्नई, मुंबई या बंगलुरू के सेंटर में शिफ्ट करने पर 15 लाख रुपये का खर्च अलग से आएगा। इसी तरह दूसरी जांच व प्रत्यारोपण के बाद इलाज में 80 से 85 लाख रुपये का खर्च आएगा।
ये है पूरा मामला
लोहिया संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में वर्ष 2018 में डॉक्टर शारदा सुमन जूनियर रेजिडेंट के पद पर ज्वाइन किया। वह संस्थान में डीएनबी की छात्रा हैं। 29 मई 2019 में खलीलाबाद निवासी डॉक्टर अजय से डॉक्टर शारदा का विवाह हुआ। दोनों लोहिया संस्थान में बतौर रेजिडेंट हैं। गर्भावस्था के दौरान भी डॉक्टर शरादा ड्यूटी कर रही थीं। ड्यूटी के दौरान वह संक्रमित हुईं।
कब क्या हुआ
-12 अप्रैल को शारदा को बुखार आया।
-14 को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
-14 की शाम को लोहिया के कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
-पहली मई को डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर प्रसव कराया
-22 दिन डॉक्टर शारदा कोरोना पॉजिटिव रहीं।
-06 मई को डॉक्टर शरादा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई।