अमेठी: डरो मत,भागो मत,मोदी की ललकार सीधे राहुल गांधी को
Pm Modi Attacked Rahul Gandhi Daro Mat Bhaago Mat After Contest To Raebareli Not Amethi Know Why
डरो मत, भागो मत.. प्रधानमंत्री मोदी का राहुल गांधी पर डायरेक्ट अटैक के मायने समझिए
PM Modi on Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी परंपरागत सीट अमेठी की बजाय इस बार रायबरेली से उम्मीदवारी का पर्चा भरकर भले ही सबको चौंका दिया हो। भाजपा इसे अपने लिए एक बड़ा मुद्दा देख रही है। शायद यही वजह है कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेता पर अपने ही स्टाइल में सीधा वार किया।
मुख्य बिंदु
अमेठी नहीं रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी पर किया करारा हमला
‘डरो मत, भागो मत’, प्रधानमंत्री मोदी ने यूं साधा व्यंग्य
प्रधानमंत्री मोदी के वार पर मल्लिकार्जुन खरगे ने किया रिएक्ट
नई दिल्ली 03 मई 2024: अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। राहुल गांधी इस बार अमेठी से नहीं बल्कि मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से चुनावी रण में उतरे हैं। जैसे ही ये ऐलान हुआ बीजेपी की ओर से कांग्रेस नेता पर हमले तेज हो गए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को उठाया। पश्चिम बंगाल में एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने राहुल पर डायरेक्ट अटैक किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये लोग घूम-घूम कर सबको कहते हैं- डरो मत। अब मैं भी इन्हें यही कहूंगा- डरो मत, भागो मत। प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वायनाड से अपनी हार सुनिश्चित देख उन्होंने तीसरा ठिकाना ढूंढा है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के इस वार पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ‘वो भी तो खुद ही भागकर वाराणसी आए ना।’
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल को लेकर क्या कहा
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को बंगाल के बर्द्धमान-दुर्गापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि मैंने तो पहले ही बता दिया था कि ‘शहजादे’ वायनाड में हारने वाले हैं और हार के डर से जैसे ही मतदान समाप्त होगा वह तीसरी सीट खोजने लग जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ‘और अब दूसरी सीट पर भी उनके सारे चेले-चपाटे कह रहे थे अमेठी आएंगे,अमेठी आएंगे। लेकिन अमेठी से भी इतना डर गए कि वहां से भागकर अब वो रायबरेली में रास्ता खोज रहे।
प्रधानमंत्री ने इसलिए किया ‘डरो मत, भागो मत’ का जिक्र
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनके बारे में मैंने तीन महीने पहले ही दावा किया था कि कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता इस बार चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं करेंगी। वो डर के मारे भाग जाएंगी। भाग करके राजस्थान गईं और राज्यसभा में आईं। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि ये लोग घूम-घूम कर सबको कहते हैं- डरो मत। अब मैं भी इन्हें कहता हूं, अरे डरो मत! भागो मत। प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया इस बार के चुनाव के नतीजे का अनुमान लगाने को किसी ओपिनियन पोल या फिर एक्जिट पोल की जरूरत नहीं है क्योंकि परिणाम ‘स्पष्ट’ हैं। कांग्रेस इस बार पहले से भी कम सीटों पर सिमट रही है। वो पहले से भी कम सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। अब देश भी समझ रहा है कि ये लोग चुनाव जीतने को चुनाव नहीं लड़ रहे। ये सिर्फ और सिर्फ देश बांटने को चुनावी मैदान का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री के कमेंट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी रिएक्ट किया है।
अमेठी छोड़ रायबरेली से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी पर डायरेक्ट अटैक यूं ही नहीं किया है। दरअसल, कांग्रेस नेता ने 2019 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के अमेठी और केरल के वायनाड दोनों सीटों से लड़ा था। उन्हें वायनाड से तो जीत हासिल हुई थी, लेकिन, अमेठी में उन्हें भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उन्होंने केरल के वायनाड सीट पर मतदान हो जाने तक दूसरी सीट को लेकर कोई पत्ते नहीं खोले थे। शुक्रवार को जब कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की दूसरी सीट इस बार अमेठी नहीं बल्कि रायबरेली होगी तो भाजपा ने हमले तेज कर दिए।
Raebareli Pitch Will Not Be Easy For Rahul Gandhi Equation Has Changed From Era Of Mother Sonia Gandhiराहुल गांधी के लिए आसान नहीं होगी रायबरेली की ‘पिच’, तीन चुनाव में बदल गया समीकरण पिछले तीन लोकसभा चुनाव से रायबरेली से कांग्रेस का वोट प्रतिशत 17 फ़ीसदी तक घट गया है।
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़े तो वहीं उन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट से भी नामांकन कर दिया है। इससे पहले रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ती थीं लेकिन अब राज्यसभा सांसद हैं। रायबरेली गांधी परिवार का गढ़ रहा है और यहां कांग्रेस किला भेद पाना किसी के लिए आसान नहीं रहा ।
1999 लोकसभा चुनाव से ही यहां कांग्रेस लगातार जीतती है। सोनिया गांधी खुद पांच लोकसभा चुनाव यहां से जीती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी राहुल गांधी हारे थे और इसके बाद वह अब रायबरेली से चुनाव लड़ेंगें। रायबरेली कांग्रेस की सेफ सीट मानी जाती है लेकिन पिछले 5 सालों में समीकरण बदल चुके। इस बार राहुल गांधी के लिए रायबरेली की पिच आसान नहीं है।
रायबरेली में लगातार घट रहा कांग्रेस का वोट
तीन लोकसभा चुनाव से रायबरेली से कांग्रेस वोट प्रतिशत 17 प्रतिशत घट चुका। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी को यहां 72 प्रतिशत वोट मिला तो 2014 के मोदी लहर में सोनिया को 63.80 प्रतिशत वोट मिले।
2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी चुनाव तो 1,67,000 वोटों के अंतर से जीती लेकिन वोट 55.80 प्रतिशत हो गया। इसमें पिछले लोकसभा चुनाव से 8 प्रतिशत की गिरावट थी।
सोनिया का वोट प्रतिशत गिरता रहा तो वहीं भाजपा वोट प्रतिशत लगातार बढ़ता रहा है। 2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा को रायबरेली में 3.82 प्रतिशत वोट मिले थे तो वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 21.05 प्रतिशत हो गया। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 38.36 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा ने फिर से दिनेश प्रताप सिंह को ही उम्मीदवार बनाया है।
पांच सालों से बदला समीकरण
रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें बछरावां, हरचंदपुर रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार शामिल है। 2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को चार सीट तो भाजपा को एक सीट मिली थी। महत्वपूर्ण यह कि रायबरेली में 2019 से 2024 के बीच में दो बड़े बदलाव हुए । रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह अब भाजपा में हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस में थी जिसका फायदा पार्टी को मिला । ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पांडे भी पार्टी से विद्रोह कर चुके हैं। उन्होंने भाजपा तो नहीं ज्वाइन की है लेकिन सपा से नाराजी में राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष मतदान किया। मनोज पांडे भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार भी कर सकते हैं। यह दोनों ही नेता रायबरेली के काफी महत्वपूर्ण हैं और अपने दम पर वोट आकर्षित कर सकते हैं।
अदिति सिंह को नहीं कर सकते हैं दृष्टविगत
अदिति सिंह 2017 में कांग्रेस टिकट पर विधायक चुनी गई थीं। वह 2022 में भाजपा टिकट पर विधायक चुनी गई। इससे पहले रायबरेली सदर से लगातार पांच बार उनके पिता अखिलेश प्रताप सिंह विधायक रहे हैं। 2007 के चुनाव में निर्दलीय जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी के टिकट पर अखिलेश प्रताप सिंह विधायक चुने गए थे। सबसे महत्वपूर्ण यह कि अखिलेश प्रताप सिंह का दबदबा इतना था कि उन्हें हमेशा अपने विपक्षी उम्मीदवारों पर बड़ी बढ़त रही। वही स्थिति अदिति सिंह की भी है। ऐसे में अदिति सिंह का भाजपा में होना, कांग्रेस को बड़ा झटका है और इस लोकसभा चुनाव में इसका असर भी दिख सकता है।
मनोज पांडे भी क्षेत्र के बड़े नेता
मनोज पांडे ऊंचाहार विधानसभा सीट से सपा टिकट पर तीन बार से लगातार विधायक निर्वाचित हो रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में इन्होंने सपा से बगावत कर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की। माना जा रहा है कि वह अपने क्षेत्र में भाजपा को समर्थन कर सकते हैं। ऐसे में मनोज पांडे का भी सपा को झटका देना भाजपा अच्छा साबित हो सकता है। सपा और कांग्रेस में गठबंधन है। रायबरेली में मनोज पांडे के बगावत से कांग्रेस को मुसीबत हो सकती है। बता दें कि पहले भी रायबरेली और अमेठी से सपा उम्मीदवार नहीं उतारती थी और गांधी परिवार का समर्थन करती थी।
भाजपा ने इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता को घेर लिया
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाने,धर्म के आधार पर मुस्लिमों को आरक्षण देने और गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा के ‘विरासत टैक्स’ वाले बयान को लेकर भाजपा पहले से ही राहुल गांधी को घेर रही थी। अब रायबरेली से उनके नामांकन ने केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के हाथ में कई नए मुद्दे भी थमा दिए हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा नेता आने वाले दिनों में राहुल गांधी को उनके पुराने बयान की याद दिलाते हुए यह पूछते नजर आएंगे कि अब अमेठी, रायबरेली और उत्तर भारत के राज्यों की राजनीतिक समझ को लेकर उनके विचार क्या हैं? बीजेपी राहुल गांधी को उनके उस बयान की याद अब बार-बार दिलाएगी, जो उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव के समय दिया था कि उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत के लोगों की राजनीतिक समझ बेहतर है।
इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल पर किया डायरेक्ट अटैक
वैसे तो भाजपा की तरफ से योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे। लेकिन, भाजपा उनके अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को गांधी परिवार के डर से जोड़कर देशव्यापी मुद्दा बनाने की भी कोशिश करेगी। गांधी परिवार- सोनिया गांधी और राहुल गांधी के डर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर पार्टी देशभर में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के मनोबल को तोड़ने के साथ ही बार-बार जनता को भी यह राजनीतिक संदेश देने का प्रयास करेगी कि भाजपा जीत रही है और 400 पार के साथ देश में लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।
स्मृति ईरानी ने कहा कि आज कांग्रेस के खासकर वायनाड के लोगों से बोले गए झूठ उजागर हो गए हैं, मुझे लगता है कि राहुल गांधी को चुनाव से पहले वायनाड के लोगों को बता देना चाहिए था कि वह दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह फ़ैसला किसी हिस्ट्री से कम नहीं है कि गांधी परिवार ने अमेठी के अपने तथाकथित गढ़ को छोड़ दिया है. स्मृति ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी अमेठी से भागे हैं. 2019 में भी उन्होंने अमेठी छोड़कर वायनाड से चुनाव लड़ा था.
पत्रकारों से बातचीत में ईरानी ने कहा कि कांग्रेस का ये कहना कि उनकी पूरी स्ट्रेटेजी और एनर्जी मुझ पर फोकस थी, तो ये बहुत बड़ी प्रशंसा है, क्योंकि इसका मतलब ये है कि मैं उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण थी.
स्मृति ईरानी ने कहा कि आज कांग्रेस के खासकर वायनाड के लोगों से बोले गए झूठ उजागर हो गए हैं, मुझे लगता है कि राहुल गांधी को चुनाव से पहले वायनाड के लोगों को बता देना चाहिए था कि वह दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं.
पिछले 5 सालों में अमेठी के लिए स्मृति ईरानी ने क्या किया है, के जवाब में अमेठी सांसद ने कहा कि मुझे लगता है कि गांधी परिवार ने यहां से भागकर मेरे किए गए काम का सबसे अच्छा जवाब दिया है, उन्होंने कहा कि 2 साल तक हम कोरोना वायरस महामारी से जूझते रहे, बाकी तीन सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को 1 लाख 14 हजार से ज्यादा घर बनवाने में मदद की, 4 लाख घरों में शौचालय बनवाए, 3.5 लाख घरों में पानी के कनेक्शन दिए, 2 लाख 20 हजार घरों में गैस कनेक्शन दिए और 1.5 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन दिलवाए।
बता दें कि कांग्रेस के करीबी केएल शर्मा ने अमेठी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया, जहां 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होगा. अमेठी से तीन बार सांसद रहे राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने 55,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया।