सहारनपुर में 20 साल बाद ढहा डॉक्टर धर्मसिंह सैनी का किला

सहारनपुर में पांच सीटों पर खिला कमल, दो पर चली साइकिल

सहारनपुर 10 मार्च।गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विधानसभा चुनाव की मतगणना कराई गई। इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी अखिलेश सिंह व एसएसपी आकाश तोमर तथा प्रेक्षक मतगणना हाल में जाकर जायजा लेते रहे। मतों की गिनती में भाजपा ने पहली बार पांच सीटों पर भगवा लहरा दिया जबकि दो सीटों पर सपा की साइकिल भी चली। सबसे नजदीकी मुकाबला हाट सीट माने जा रहे नकुड़ में रहा। यहां भाजपा के मुकेश चौधरी ने लगातार 20 साल से विधायक एवं पूर्व मंत्री डाक्टर धर्म सिंह सैनी को 315 मतों के अंतर से हराया जबकि सबसे बड़ी जीत बेहट सीट पर सपा के उमर अली की रही। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी नरेश सैनी को 37880 मतों से हराया।जिले की पांच सीटों पर कमल खिल गया। दो विधानसभा सीटों पर सपा की साइकिल चली। सबसे पहले पोस्टल मतों की गिनती की गई। इसके बाद स्ट्रांग रूम से बाक्स निकालकर ईवीएम मतों की गिनती का काम शुरू हुआ। बेहट सीट पर सपा के उमर अली खां ने 134513 वोट हासिल कर भाजपा के नरेश सैनी को 37880 मतों के अंतर से हराया। नरेश सैनी को 96633 वोट मिले। नगर सीट पर भाजपा के राजीव गुंबर ने 143195 वोट हासिल कर विधायक एवं सपा प्रत्याशी संजय गर्ग को 7434 वोट से पराजित कर पिछले चुनाव में मिली अपनी हार का बदला लिया। सहारनपुर देहात सीट पर सपा के आशु मलिक ने भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक जगपाल सिंह को 30745 मतों के अंतर से पराजित किया। देवबंद विधानसभा सीट पर सीटिंग विधायक भाजपा के कुंवर बृजेश सिंह ने 93890 वोट हासिल कर सपा के कार्तिकेय राणा को 7104 वोट से पराजित किया। रामपुर मनिहारान सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखते हुए भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र निम ने पूर्व विधायक एवं बसपा प्रत्याशी रविद्र कुमार मोल्हू को 20593 मतों के अंतर से पराजित किया। गंगोह सीट पर भाजपा के चौधरी किरत सिंह ने अपना कब्जा बरकरार रखते हुए यहां सपा के चौधरी इंद्रसेन को 23449 मतों से पराजित किया। परिणाम की घोषणा के बाद रिटर्निंग आफिसर ने विजेता प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। प्रमाण पत्र लेने के बाद विजेता उम्मीदवार मतगणना स्थल से जुलूस के साथ बाहर निकले।

विधानसभा चुनाव की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी चौधरी किरत सिंह ने सपा प्रत्याशी को हरा गंगोह सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चौधरी इंद्रसेन को 23449 मतों से पराजित किया है। भाजपा प्रत्याशी चौधरी किरत सिंह ने 116582 मत प्राप्त किए, जबकि सपा प्रत्याशी चौधरी इंद्रसेन को 93133 मत मिले। बसपा के नौमान मसूद 55078 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। मुस्लिम मतों का बंटवारा ही यहां भाजपा की जीत का कारण बना।

गंगोह विधानसभा सीट चौधरी और काजी परिवार की प्रतिष्ठा की सीट कही जाती है। इस सीट पर सपा ने चौधरी इंद्रसेन को प्रत्याशी बनाया था। काजी परिवार के नौमान मसूद इस बार बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे, जबकि भाजपा ने इस सीट पर अपने सीटिंग विधायक चौधरी किरत सिंह को ही अपना प्रत्याशी बनाया था। इस सीट पर शुरू से ही त्रिकोणीय मुकाबले के आसार थे। मगर मतदान के दिन इस सीट पर मुस्लिम मतों के सपा और बसपा के पक्ष में बिखराव तथा हिदू मतों की एकजुटता के कारण यहां भाजपा की जीत आसान हो गई। सपा और बसपा दोनों का ही दारोमदार मुस्लिम मतों पर आधारित था। मुस्लिम मतों का बंटने की आशंका जताई जा रही थी, वोट बंटा और भाजपा की जीत सुनिश्चित हो गई। रामपुर मनिहारान क्षेत्र के गांव उमाही कलां के मूल निवासी चौधरी किरत सिंह 1988 से राजनीति में सक्रिय हैं। पूर्व सांसद स्वर्गीय चौधरी नकली सिंह के संपर्क में आने के बाद वह भाजपा के अलावा अनेक संस्थाओं के विभिन्न पदों पर रहे। भाजपा में भी वह संगठन में कई जिम्मेदारियों पर रहे। राम जन्म भूमि आंदोलन में सक्रिय रह कर वह जेल भी गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में भी वह सक्रिय रहे। वर्ष 2000 में वह जिला पंचायत के सदस्य बने। 2014 से भाजपा के जिला महामंत्री रहे। गंगोह विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में प्रदीप चौधरी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदीप चौधरी को कैराना सीट से चुनाव लड़ाया था। चुनाव में जीत हासिल कर किरत सिंह पहली बार 2019 में विधायक बने थे। इस चुनाव में भी वह पार्टी हाईकमान की अपेक्षा पर खरे उतरे और चुनाव में जीत हासिल कर दूसरी बार गंगोह से विधायक बने।

सहारनपुर में चमत्कार से कम नहीं है भाजपा का पंच

शिवालिक की तलहटी में बसे सहारनपुर जिले की पांच विधानसभा सीटों पर चला भाजपा का पंच किसी चमत्कार से कम नहीं है। चुनाव में सपा गठबंधन को जो सियासी कोहरा छाया हुआ था, उसे देखकर राजनैतिक योद्धा भी मुस्लिम बाहुल्य जनपद सहारनपुर में भाजपा से ऐसे चमत्कार की उम्मीद नहीं कर रहे थे, लेकिन जब वोटों की मतगणना शुरू हुई तो राउंड दर राउंड भाजपा के उम्मीदवारों ने बढ़त बनानी शुरू कर दी और जीत का रुख शुरू दिया। इससे हर कोई हतप्रभ था। भाजपा की जिले में प्रचंड जीत के पीछे एक नहीं। कई कारण हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री योगी का जिले में आकर आह्वान करना तो महत्वपूर्ण है ही, बसपा भी इस जीत के पीछे बड़ी वजह है। पांच सीटों पर जहां भी भाजपा जीती है। उस हर सीट पर बसपा ने सपा प्रत्याशियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया तथा सपा को जीत से कोसों दूर कर दिया।

प्रथम चरण के चुनाव के बाद दूसरा चरण पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती था। खासकर मुस्लिम बाहुल्य वाले सहारनपुर में, जहां सपा ने हर वह दांव खेला था, जिससे भाजपा को पटखनी दी जा सके। मुस्लिम वोटों का बिखराव रोकने को इमरान मसूद को सपा में लाया गया तो देवबंद सीट पर हिदू चेहरे को टिकट देकर अपनों की नाराजगी भी स्वीकार की। सहारनपुर शहर में भी इसी तरह हिदू चेहरे पर सपा ने दांव लगाया था, तो रामपुर मनिहारान में विवेककांत को पार्टी में शामिल कराकर टिकट दिया, ताकि भाजपा की राह रोकी जा सके। लेकिन मोदी-योगी के जादू में भाजपा का ऐसा अंडर करंट चला कि सभी सियासी भविष्यवाणियां झूठ साबित हो गईं।

बसपा ने रोकी सपा की साइकिल

बसपा ने सहारनपुर में सपा की साइकिल रोक दी। रामपुर मनिहारान सीट पर बसपा ने 68 हजार से अधिक मत प्राप्त किए तो गंगोह में 54 हजार का आंकड़ा पार कर दिया, नकुड़ में बसपा ने 55 हजार का आंकड़ा छू लिया। देवबंद में भी बसपा ने 52 हजार से अधिक मत प्राप्त किए। बसपा ने बड़ी संख्या में मुस्लिम मतों में सेंध लगाई। इससे सपा की राह मुश्किल हो गई।

खूब चले विकास के मुद्दे

सहारनपुर में विकास के मुद्दे से लेकर अपराध नियंत्रण का मुद्दा भी खूब चला। सहारनपुर में विश्वविद्यालय की सौगात हो या फिर एटीएस सेंटर का उपहार। विधानसभा चुनाव में विकास का हर मुद्दा खूब चला। महिला सुरक्षा के मुद्दे का असर भी साफ नजर आया। महिलाओं ने वोटों से भाजपा की झोली भर दी। कोरोनाकाल में अनाज वितरण का असर हर वर्ग पर दिखा, मुस्लिमों ने भी भाजपा को ठीक संख्या में वोट किया। हर वर्ग के वोट ने भाजपा की जीत आसान कर दी।

 

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