ग्राफिक इरा की एक और एचओडी डॉ.राज धर भी चढ़ी कोरोना की भेंट
ग्राफिक एरा की एक और एचओडी डॉ. धर का कोरोना से निधन
देहरादून, 17 मई। महामारी बन चुके कोरोना ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के एक और विभागाध्यक्ष की जान ले ली। ग्राफिक एरा की ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साईंसेज की विभागाध्यक्ष डॉक्टर राज के. धर भी इस घातक वायरस के हमले के बाद आज इस दुनिया से विदा हो गईं। उनके निधन की खबर मिलते ही ग्राफिक एरा में शोक छा गया।
डॉक्टर धर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सटी में विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर के पद पर सेवा करने के साथ ही डिस्टेंस लर्निंग के भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं। कुछ दिन पहले कोरोना की जद में आने पर उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके पुत्र मुम्बई में डॉक्टर हैं। डॉक्टर धर की बीमारी के दौरान उनके सुपुत्र डॉक्टर रश्क धर लगातार उनके साथ रहे। स्वास्थ्य में सुधार न होने पर कुछ दिन से डॉक्टर धर वेंटिलेटर पर थीं। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। कल शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।
सेंट थॉमस से स्कूल टीचर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत कर उन्होने औरंगाबाद से डेमोग्राफिक इकोनोमिक्स से पी.एचडी.की। डॉक्टर धर ने समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसी पहचान ने उन्हें देहरादून नगर पालिका की वरिष्ठ उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाया। इसके बाद भी शिक्षक के रूप में उनका सफर रूका नहीं। ग्राफिक यूनिवर्सिटी की एक लोकप्रिय शिक्षिका बनने के बाद वह मैनेजमेंट में शामिल हो गईं थीं। इससे पहले वे उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में भी डीन रहीं। वे कई पुस्तकों की लेखिका भी हैं। इनमें शैक्षणिक पुस्तकों से लेकर एक उपन्यास’From The Pages Of a Diary’भी है। कठोर परिश्रम और मृदुभाषिता ने उन्हें हमेशा लोकप्रियता के शिखर पर रखा। उनके छात्र-छात्राओं की संख्या हजारों में है, इनमें से काफी देश विदेश में प्रमुख पदों पर हैं।
डॉक्टर राज धर के निधन से ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में शोक की लहर दौड़ गई। यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने शोक सभा करके उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉक्टर कमल घनशाला ने डॉक्टर राज धर के निधन को समूचे शिक्षा क्षेत्र की अपूरणीय क्षति बताते हुए गहन दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर धर ऐसी शिक्षिका थीं, जो छात्र-छात्राओं के पूरे व्यक्तित्व को निखारने का हुनर जानती थीं। कोरोना से पीड़ित होने के बाद उन्होंने काफी दिनों तक संघर्ष किया।
इससे पहले ग्राफिक एरा के आई.टी. के एच.ओ.डी. प्रोफेसर मनीष महाजन और उनके भी पहले ( सबसे पहले )कर्मचारी श्री चैत सिंह भंडारी व एक गार्ड का कोरोना के कारण निधन हो चुका है।
बीस साल जीने का भरोसा जताया था…
देहरादून, 17 मई। डॉक्टर राज धर ने हाल ही में एक वेबिनार में अपने 20 साल और जीवित रहने का विश्वास जाहिर किया था, लेकिन एक महीना भी नहीं गुजरा कि क्रूर काल ने उनके इस विश्वास को तोड़ दिया।
बीती 20 अप्रैल को भारत चीन संबंधों पर आधारित वेबिनार में डॉक्टर राज धर ने देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन से पूछा था कि हमारी पीढ़ी चीन के साथ सीमा विवाद को खत्म होते देख पाएगी? इसके जवाब में श्री मेनन ने सवाल किया कि आप कब जीने का प्लान कर रही हैं? डॉक्टर धर ने हंसते हुए कहा था – बीस साल। लेकिन कोरोना ने उनके इस भरोसे को एक माह से पहले ही तार तार कर दिया।