बिहार और राजस्थान में दलितों पर ज़ुल्म, बुद्धिजीवी और दलित चिंतक हैं मौन

बिहार में मुस्लिम लड़की से प्रेम प्रसंग पर दलित युवक की पिटाई, थूक चटवाया परन्तु सामाजिक न्याय के पुरोधा शांत हैं!
October 26, 2022

सोनाली मिश्र

बिहार और राजस्थान से दो ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जो कथित दलित एवं मुस्लिम पर प्रश्न उठा रहे हैं। दोनों ही मामलों में पीड़ित दलित हैं और उन पर अत्याचार करने वाले मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग हैं, परन्तु हर छोटी छोटी बात पर दलितों को ब्राह्मणों के विरुद्ध भड़काने वाले, एवं उनकी हिन्दू जड़ों को ही अपमानित करने वाले जय भीम-जय मीम एक्टिविस्ट गायब हैं, इतना ही नहीं हिन्दी लेखकों के मध्य भी यह विमर्श गायब है!

क्या हुआ था बिहार में?

बिहार के समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड के चकहबीब गाँव में कुछ लोगों ने कट्टरपंथी कार्यवाही करते हुए एक लड़के को ऐसी सजा दी कि जिसे सुनकर हर कोई दहल जाएगा! हाँ, यह बात भी कहीं न कहीं सत्य है कि यह दया दिखाई कि उसे जिंदा छोड़ दिया, नहीं तो हाल ही में ऐसी तमाम घटनाएं सामने आई थी, जिनमें मुस्लिम लडकी से प्यार करने की सजा हिन्दू लड़कों को मार कर दी गयी थी।

इस घटना में लड़के से थूक चटवाया गया, एक बार नहीं पांच बार और फिर उसे दोबारा गाँव में नहीं आने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। मीडिया में जो वीडियो वायरल है उसमें यह स्पष्ट देखा जा रहा है कि युवक से थूक चटवाया जा रहा है

opindia के अनुसार जिस लड़के से थूक चटवाया गया है वह लड़का पासवान अर्थात दलित है। उन्होंने मुखिया राम सेवक शाह के माध्यम से बताया है कि जिस लड़के को थूक चटाया गया, वह पासवान (दलित) है। उन्होंने बताया कि जिस लड़की को वह छोड़ने उसके गाँव गया था, वह मुस्लिम है। मुखिया ने आरोपितों का नाम बताने से इनकार कर दिया।

वहीं सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि लोग तमाशाबीन बने रहे और लोगों ने इस घटना का विरोध तक नहीं किया! वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई है और कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

थानाध्यक्ष संदीप पाल में अनुसार वायरल वीडियो उनके पास उपलब्ध हो गया है। मामले की जांच की जा रही है। वीडियो के आधार पर लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।

भास्कर के अनुसार यह मामला प्रेम प्रसंग का था। उजियारपुर थाना क्षेत्र महेसारी गांव का रहने वाले युवक को चकहबीब गांव की एक लड़की से प्यार हो‌ गया था। वह बुधवार को बाइक से लड़की को छोड़ने के लिए चकहबीब गांव गया था। जहां लोगों ने उसे लड़की के साथ बाइक पर देख लिया। फिर क्या था लोगों ने युवक को पकड़ लिया। पहले तो उसकी पिटाई की। फिर पंचायत बुलाई गई दुबारा इस गांव में नहीं आने की नसीहत देते हुए पंचायत ने जमीन पर पांच बार थूक फेंक कर चटवाई गई।

इतनी बड़ी घटना के बाद उन कथित दलित चिंतकों पर प्रश्न उठता है, जिनकी सुबह ब्राह्मणों को कोसने से आरम्भ होती है और फिर उसी के साथ समाप्त हो जाती है। वह लोग दलित युवक के इस अपमान पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।

उनकी चुप्पी राजस्थान के मामले को लेकर भी है:

राजस्थान में भी उनकी चुप्पी देखी जा सकती है। राजस्थान में भरतपुर के कुम्हेर थाना क्षेत्र में हिन्दू समुदाय का दीपावली मनाना मुस्लिमों को पसंद नहीं आया और फिर उन्होंने एक हिन्दू पर हमला किया और उसे घायल कर दिया। स्थानीय पोर्टल के अनुसार “राजस्थान में दिवाली के दिन पटाखे फोड़ने की बात पर ही बड़ा बवाल हो गया। यहां के भरतपुर जिले के कैथवाडा इलाके में पटाखा चलाने को लेकर मुसलमानों ने दलितों से मारपीट की। मारपीट में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है जिसका भरतपुर जिला हेडक्वार्टर पर इलाज हो रहा है।“

एक पत्रकार सुजीत स्वामी ने वीडियो साझा करते हुए इस घटना के पीड़ितों की पीड़ा साझा की

लेकिन राजस्थान पुलिस इससे इंकार कर रही है। भरतपुर पुलिस ने इसी ट्वीट के नीचे उत्तर में लिखा कि यह दुकान से खरीददारी के उधार के पैसों को लेकर झगड़ा था। और सूचना मिलते ही SHO कैथवाडा मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। घायलों को अस्पताल भर्ती कराया जाकर मौके से दोनों पक्षों के दो-दो व्यक्तियों के विरुद्ध 151 जाफो की कार्यवाही की गई है। गांव मे जाब्ता तैनात है। मौके पर शांति है।


परन्तु इसी सम्बन्ध में एक यूजर बंटी चौधरी का ट्वीट भी सामने आया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि जिसके घर में हमला हुआ उन्हीं महिलाओं को थाना में बैठा कर परेशान किया जा रहा है


इन दोनों ही मामलों में दलित चिंतकों द्वारा विमर्श न करना बहुत बड़े प्रश्न उत्पन्न करता है!

दलितों को हिन्दुओं के अन्य वर्गों से दिन भर लडाने वाला यह कथित चिंतकों का वर्ग उस समय पूर्णतया मौन साध जाता है जब हमला मुस्लिमों द्वारा किया जाता है और यह एक बार फिर से इन घटनाओं द्वारा प्रमाणित हो रहा है।

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