ईडी ने कोर्ट को बताया, शराब घोटाले के 45 करोड़ खर्च हुए गोवा चुनाव में
Excise Scam: ED Says Kickbacks Used In AAP Goa Poll Campaign Also Detected In I-T And CBI Probes Excise Scam: गोवा चुनाव प्रचार में प्रयोग हुए थे रिश्वत से मिले 45 करोड़’; CBI-IT ने भी की जांच में पुष्टि
हाल ही में इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है। साथ ही कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर उनके और उनकी पार्टी पर मुकदमे की कार्रवाई हो सकती है।
नई दिल्ली 31 मार्च 2024.दिल्ली शराब नीति घोटाले को लेकर ईडी ने बड़ा अनावरण किया है। ईडी ने कहा है कि इस घोटाले से मिले 45 करोड़ रुपयों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में अपने प्रचार अभियान को प्रयोग किए थे। अदालत में दाखिल दस्तावेजों में यह भी दावा किया गया है कि इस बात की पुष्टि सीबीआई और आयकर विभाग ने भी अपनी अलग-अलग जांच में की है। इन दस्तावेजों में ईडी ने अदालत को बताया है कि मामले में जांच के क्रम में प्रवर्तन निदेशालय हवाला ऑपरेटरों और ‘अंगड़ियाओं’ के नेटवर्क की भी जांच कर रहा है। ईडी ने 45 करोड़ रुपयों की मनी ट्रेल के किए पांच ‘अंगड़िया’ फर्म संचालकों के बयान भी दर्ज किए हैं। 45 करोड़ रुपयों को लेकर ईडी ने दावा किया है कि ये रुपये राजनेताओं और शराब व्यवसायियों द्वारा आम आदमी पार्टी को दी गई कुल 100 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि का हिस्सा है। ईडी का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव प्रचार के लिए इन्ही रुपयों में से 45 करोड़ रुपये खर्च किए थे। गौरतलब है कि ईडी ने ये दावा तब किया है, जब हाल ही में इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है। साथ ही कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर उनके और उनकी पार्टी पर मुकदमे की कार्रवाई हो सकती है। शराब घोटाले में ईडी दिल्ली मुख्यमंत्री से पहले 16 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। इन प्रमुख व्यक्तियों में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की एमएलसी बेटी के कविता, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल हैं।
आप कर रही आरोपों से इनकार
वहीं, आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं ने घोटाले के आरोपों से बार-बार इनकार किया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह मामला भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आप को एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में पेश करने के लिए गढ़ा है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि मामले में शामिल अन्य लोगों जैसे टीडीपी के लोकसभा उम्मीदवार मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और व्यवसायी और अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर सरथ रेड्डी के बयान केजरीवाल को फंसाने और आम चुनावों में उनकी भागीदारी रोकने को बदल दिए गए थे। दिल्ली शराब घोटाला: केजरीवाल के बाद किसकी बारी? कैलाश गहलोत से ईडी ने पांच घंटे की पूछताछ दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में हैं। अब ईडी ने इस मामले में कैलाश गहलोत से शनिवार को पांच घंटे पूछताछ की है। अब अगला नंबर किसका होगा? कैलाश गहलोत से पांच घंटे हुई पूछताछ शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में हैं। अब दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत से ईडी ने शनिवार को शराब नीति मामले में पांच घंटे तक पूछताछ की, जिसमें कथित तौर पर करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच चल रही है। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी ने पूछताछ के बाद हिरासत में भेज दिया था। कैलाश गहलोत उस मंत्री समूह का हिस्सा थे जिसने शराब नीति की योजना तैयार कर उसे क्रियान्वित किया था। ईडी ने कैलाश गहलोत को दूसरा समन जारी किया गया था और उन्होंने इसका जवाब दिया। मंत्री ने कहा कि वह पहले वाले में शामिल नहीं हुए क्योंकि उस समय दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी।
कैलाश गहलोत के घर में रह रहे थे विजय नायर
हाई-प्रोफाइल दिल्ली शराब घोटाला मामले में कैलाश गहलोत का नाम न केवल इसलिए आया क्योंकि वह शराब नीति के पीछे मंत्रियों के समूह का हिस्सा थे, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वे आम आदमी पार्टी के विजय नायर सिविल लाइंस में उन्हें आवंटित किए गए बंगले में रह रहे थे। ईडी ने आरोप लगाया कि जिस समय में शराब नीति बनाई गई थी उस समय आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी विजय नायर मुख्यमंत्री के आवास के पास रह रहे थे और यह निवास आधिकारिक तौर पर कैलाश गहलोत का था। ईडी की आज की पूछताछ पर कैलाश गहलोत ने बताया कि आज भी मैं कह रहा हूं कि, मुझे विजय नायर के मेरे घर पर रुकने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मैंने हमेशा कहा है कि मैं अपने सरकार से आवंटित बंगले में कभी नहीं रहा क्योंकि मेरी पत्नी और बच्चे वसंत कुंज से नहीं जाना चाहते थे। मैं कभी भी सिविल लाइंस में नहीं गया। मैंने यह बात सीबीआई को भी बताई है।
‘मैं गोवा चुनाव प्रचार के बारे में कुछ नहीं जानता’
कैलाश गहलोत ने सवाल के जवाब में कहा कि वह कभी भी गोवा चुनाव अभियान का हिस्सा नहीं थे, जहां शराब घोटाले की कथित आय खर्च की गई थी। कैलाश गहलोत ने कहा, ”मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि मैं कभी भी गोवा चुनाव अभियान की योजना का हिस्सा नहीं था।” उन्होंने कहा कि उनका सामना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नहीं हुआ था।
दिल्ली शराब घोटाला: कौन है विजय नायर, जिसका नाम केजरीवाल ने लिया… और बढ़ा दी मंत्री आतिशी-सौरभ की परेशानी
ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उन्हें कभी रिपोर्ट नहीं किया। लेकिन वह आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था।
Delhi Liquor Scam Who is Vijay Nair whose name taken by arvind Kejriwal
कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल ले जाया गया। केजरीवाल को दो नंबर जेल में रखा गया है। इससे पहले आज कोर्ट में पहली बार केजरीवाल ने अपने दो मंत्रियों के नाम लिए।
ईडी की ओर से प्रस्तुत एएसजी एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे और जांच को गुमराह करने की कोशिश में हैं। केजरीवाल के अनुसार विजय नायर ने उन्हें कभी रिपोर्ट नहीं किया। वह आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। जब ईडी अदालत को यह बता रही थी तो केजरीवाल ने इसका खंडन करने की बजाय चुप्पी साधे रखी।आतिशी गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान गोवा की प्रभारी भी रही हैं। सूत्रों की मानें तो अब इस जांच की आंच मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज तक पहुंच सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन है विजय नायर जिसकी इतनी चर्चा बीते कुछ दिनों ने जोर शोर से हो रही है। आइए जानते हैं इसके बारे में…
एफआईआर में आरोपित नंबर पांच विजय नायर
इस कथित शराब घोटाले में सीबीआई की एफआईआर में विजय नायर आरोपित नंबर पांच है। साथ ही बताया गया कि घोटाले में नायर शामिल अधिकांश कंपनियों से जुड़ा है। विजय नायर के कई कॉमेडियन और शराब कंपनियों से करीबी संबंध हैं। नायर ‘ओनली मच लाउडर’, ‘बबलफिश’ और ‘मदर्सवियर’ जैसी कंपनियों से जुड़ा है। मामले में कॉमेडियन वीर दास का भी नाम सामने आया है। नायर ने पहले आप की सभाओं में भीड़ जुटाने को हास्य कलाकार रूप में भाग लिया था। फिर कुछ साल तक आम आदमी पार्टी का कम्युनिकेशन प्रभारी रहा।
‘केजरीवाल का करीबी है विजय नायर’
ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में (23 मार्च) केजरीवाल की रिमांड मांगते समय तर्क दिया कि शराब घोटाले में गिरफ्तार बिचौलिया विजय नायर मुख्यमंत्री का करीबी है। वह केजरीवाल के लिए रिश्वत एकत्र करता था। आबकारी नीति लागू कराना और जो न माने उसे मनाने व धमकाना भी नायर ही करता था। सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा ने कबूला है कि नायर के कहने पर उसने 31 करोड़ रुपये दिए थे।
शराब नीति मामले में अब तक गिरफ्तारी
विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता, अरविंद केजरीवाल।
नई शराब नीति क्या थी?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसमें राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
जांच कैसे शुरू हुई?
जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी थी। इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई, 22 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस पर सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।