अरब में नहीं दिखा चांद, भारत में ईद अब 14 को
Eid-ul-Fitr 2021: आज नहीं दिखा चांद, देश भर में शुक्रवार को मनाई जाएगी ईद
भारत में सउदी अरब के चांद दिखने के दूसरे दिन बाद ही ईद मनाई जाती है. रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के देखने से होता है और ये चांद के निकलने से खत्म होता है.
नई दिल्ली 12 मई. भारत में ईद (Eid-ul-Fitr 2021) शुक्रवार को मनाई जाएगी. बुधवार को ईद के चांद का दीदार न होने के कारण अब कल यानी की गुरुवार को चांद दिखाई देगा. उसके बाद शुक्रवार को ईद मनाई जाएगी. दिल्ली और लखनऊ से शुक्रवार को ईद मानने का ऐलान हुआ. कोरोना के खतरे को देखते हुए लोगों से मस्जिद के बजाए घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील की गई है.
सामान्य तौर पर सऊदी अरब में चांद दिखने के दूसरे दिन भारत में चांद रात की परंपरा रही है. इस लिहाज से देखा जाए तो चूंकि ईद सउदी अरब में 13 मई को है इसलिए भारत में एक दिन बाद यानी 14 मई को है. एक बात जो सबसे अहम है कि जब 30 रोजे हो जाते हैं तो फिर फर्क नहीं पड़ता चांद दिखे या ना दिखे. 30 दिन के बाद रमजान खत्म होता है और उसके बाद ईद होती है।
लखनऊ में नहीं दिखा ईद का चांद, सउदी अरब में कल ईद
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल के बाद चांद दिखने के बाद को ईद-उल-फितर त्योहार मानाया जाता है। भारत में सउदी अरब के चांद दिखने के दूसरे दिन बाद ही ईद मनाई जाती है। कल मंगलवार को सउदी अरब में लोग चांद का दीदार करते रह गए, लेकिन चांद का दीदार न हो पाया। इसलिए वहां 13 मई को ईद मनाई जाएगी।
भारत में आज चांद का दीदार किया जाएगा, अगर आज चांद दिख जाता है तो कल ईद मनाई जाएगी, अगर नहीं दिखा तो 14 मई को ईद का त्योहार मनाया जाएगा।आज लखनऊ में अभी तक ईद का चांद नहीं दिखा है, इसलिए वहां कल 30वां रोजा रखा जाएगा।
रमजान रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के देखने से होता है और ये चांद के निकलने से खत्म होता है। रमजान के 29 या 30 दिनों के बाद ईद का चांद दिखता है। 13 मई को रमजान के 30 रोजे खत्म हो रहे हैं। ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस दिन लोग सुबह नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ते हैं। ईद-उल-फितर के बाद ईद उल जुहा का त्योहार मनाया जाता है।
यह अल्लाह के ईनाम का दिन होता है। यह मिठाइयां बांटने और खाने-खिलाने का दिन होता है। हर मुसलमान ईद की नमाज से पहले या ईद की नमाज के बाद फितरा गरीबों को देता है। तकरीबन पचास या सौ रुपए अपने परिवार के हर आदमी की तरफ से गरीबों को दिया जाता है । यह वाजिब है । इसको सदका फितर कहा जाता है और यह वाजिब है। वाजिब का मतलब यह जरूरी है। इतना कम से कम देना जरूरी है। इसका मतलब गरीबों को अपनी ईद में शामिल करना है।
( जैसा इस्लामिक विद्वानों ने बताया)