चुनाव आयोग की वैबसाइट हैक कर 60 लाख कमाने वाला निकला सहारनपुर निवासी

चुनाव आयोग की वेबसाइट का हैकर गिरफ्तार:सहारनपुर के युवक ने MP के दोस्त की मदद से साइट को किया था हैक, 10 हजार ID की जनरेट; खाते से 60 लाख रुपए भी बरामद

पिछले 3 माह से भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में घुसपैठ कर रहा था
अब दिल्ली की जांच एजेंसी कोर्ट से अनुमति लेकर आरोपित विपुल से पूछताछ करेगी

सहारनपुर 12अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की साइट हैक करने वाले आरोपित को सहारनपुर की साइबर सेल की टीम ने गुरुवार शाम दबोच लिया। आरोपित विपुल सैनी ने मध्य प्रदेश निवासी अपने दोस्त की मदद से साइट को हैक किया। इसके बाद दोस्त के साथ मिलकर 10,000 वोटरों की ID कार्ड भी बना डाले। आरोपित युवक के खाते से 60 लाख रुपए भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया। इस गिरफ्तार के बाद से पूरे देश की एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।

3 माह से वेबसाइट में घुसपैठ कर रहा था आरोपित

पूछताछ में थाना नकुड़ क्षेत्र के मच्छराखेड़ी निवासी आरोपित विपुल सैनी ने बताया कि मध्य प्रदेश के रहने वाले अपने एक दोस्त अरमान मलिक के कहने पर उसने भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक कर वोटर आईडी कार्ड बनाए। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह पिछले 3 माह से भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में घुसपैठ कर रहा था। साइबर सेल का दावा है कि इसने 10 हजार वोटर आईडी कार्ड बनाए हैं।

मध्य प्रदेश से मिलता था टास्क

साइबर सेल द्वारा की गई पूछताछ में आरोपित विपुल ने बताया कि उसे मध्य प्रदेश से टास्क मिलता था। एक दिन में जितने भी वोटर कार्ड बनाता था। वह रात के समय मध्य प्रदेश अरमान मलिक को भेजता था। वोटर लिस्ट के हिसाब से उसके खाते में पैसा ट्रांसफर होता था।

दिल्ली की जांच एजेंसी करेगी पूछताछ

साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि अब दिल्ली की जांच एजेंसी कोर्ट से अनुमति लेकर आरोपित विपुल से पूछताछ करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि पूरे मामले में देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों का हाथ हो सकता है। दिल्ली की जांच एजेंसियां अब आरोपित को पूछताछ के लिए अपने साथ दिल्ली ले जा सकती है।

पुलिस ने रात में ही खुलवाया बैंक

साइबर सेल ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके बैंक खातों की जानकारी लेने के लिए रात में ही बैंक को खुलवाया है। आरोपित के खाते में 3 माह में 60 लाख रुपए आए हैं। पुलिस पता लगा रही है कि पैसा किन-किन स्थानों से आरोपित के खातों से आए है। SSP डॉ.एस चनप्पा ने बताया कि साइबर सेल ने भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करने वाले एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। वेबसाइट में घुसपैठ कर आरोपी ने 10 हजार के करीब वोटर आईडी जनरेट की है। मध्यप्रदेश में रहने वाले अरमान मलिक आरोपित के साथ मिला हुआ है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। दिल्ली जांच एजेंसियों को भी सूचना दे दी गई है।,

पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस ने एक शातिर आरोपी को दबोचा है। आरोपी चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाकर मतदाता पहचान पत्र बनाता था।
ज्ञा ट्रेंे

चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाकर मतदाता पहचान पत्र बनाने वाले युवक को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज की। इस युवक का नेटवर्क दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान तक फैला है। बाकी आरोपियों को पकड़ने और जांच के लिए पुलिस टीमें व कई एजेंसियां जुट गई हैं।

पुलिस के मुताबिक, कोतवाली नकुड़ क्षेत्र के गांव मछरहेड़ी निवासी विपुल सैनी ने मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान निवासी अपने साथियों के साथ कुछ दिन पहले चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगा दी। कई लिंक के जरिये वेबसाइट खोली और मतदाता पहचान पत्र बनाने का कार्य शुरू कर दिया। इसकी जांच के लिए गृह मंत्रालय ने दिल्ली की कई एजेंसियों को लगाया था। तब, छानबीन में पता चला कि नकुड़ क्षेत्र के गांव मछरहेड़ी के विपुल सैनी ने वेबसाइट में सेंधमारी करने में अहम भूमिका निभाई है। आरोपियों ने मतदाता पहचान पत्र बनाकर पैसा कमाया। पता लगते ही साइबर थाना पुलिस ने बुधवार की रात में आरोपी को गिरफ्तार कर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इस मामले में साइबर थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में पेश कर आरोपी को जेल भेजा।

 

बना रखा है कार्यालय, पूछताछ में किए अहम खुलासे
पुलिस के मुताबिक, विपुल सैनी ने गांव में ही कार्यालय बनाया है, जहां पर वह पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड बनाने का काम करता था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पूछताछ में बताया दिल्ली निवासी अरमान मलिक उसका साथी है, जो मूलरूप से मध्य प्रदेश के हरसा का है। कुछ दिन पहले अरमान से उसकी मुलाकात हुई थी। उसने चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाने का तरीका बताया था। पुलिस की जांच में अरमान के अलावा तीन नाम और सामने आए हैं, जो दिल्ली व राजस्थान के रहने वाले हैं।

30 हजार से अधिक बना चुके पहचान पत्र
दूसरे आरोपी अरमान ने विपुल सैनी से प्रत्येक मतदाता पहचान पत्र पर 20 से 30 रुपये देने की शर्त रखी थी। विपुल सैनी ने पुलिस को बताया कि वह और उसके साथी अब तक 30 हजार से अधिक मतदाता पहचान पत्र बना चुके हैं। ऐसे में संदिग्ध लोगों के मतदाता पहचान पत्र बनाने की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच में जुटी है।
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खाते में 45 लाख रुपये
पुलिस ने विपुल सैनी के बैंक खातों को भी चेक किया। रात में ही एक बैंक को खुलवाकर जांच की गई। छानबीन में पता चला विपुल के खाते में 45 लाख रुपये हैं। इसके अलावा विपुल सैनी के दफ्तर में एयरकंडीशनर लगा है तो मकान बनाने में भी काफी पैसा खर्च करना सामने आया है।

शातिर है आरोपी
पुलिस के मुताबिक, विपुल शातिर है। उसे इंटरनेट और वेबसाइट से संबंधित काफी जानकारी है। उसने गंगोह के एक शैक्षणिक संस्थान से बीसीए किया है। आरोपी करीब छह माह से साथियों के साथ मतदाता पहचान पत्र बनाने का कार्य कर रहा था।

आरोपी के खिलाफ साइबर थाने में मामला दर्ज किया। पुलिस हर बिंदु से जांच कर रही है। आरोपी के गिरोह के सदस्यों का पता लगाया जा रहा है। आरोपी किन-किन लोगों के संपर्क में रहा है, इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है। – डॉ. एस चनप्पा, एसएसपी

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