प्रतिबंधित वनों से हटेगें 80 सांप्रदायिक ढांचे

encroachment DEHRADUN/FOREST DEPARTMENT IDENTIFIED 80 ILLEGAL CONSTRUCTIONS IN UTTARAKHAND NATIONAL PARK
Encroachment in National Parks: राष्ट्रीय पार्कों में अवैध धार्मिक कब्जा, वन विभाग कर रहा कार्रवाई की तैयारी

उत्तराखंड वन विभाग ने विभिन्न राष्ट्रीय पार्कों में अवैध धार्मिक कब्जा को चिन्हित किया है. सबसे ज्यादा राजाजी नेशनल पार्क में अवैध कब्जा चिन्हित किया गया है, जिसमें मजार और मंदिर की संरचनाएं शामिल है. अब वन विभाग इन अवैध संरचनाओं पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.

देहरादून 14 जनवरी: उत्तराखंड के विभिन्न राष्ट्रीय पार्कों में अवैध धार्मिक स्थल के रूप में करीब 80 संरचनाएं चिन्हित की गई है. जहां वन विभाग जल्द ही कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. कॉर्बेट नेशनल पार्क, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, गोविंद पशु विहार में कई अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा धार्मिक संरचनाएं राजाजी नेशनल पार्क में मिले हैं. यहां पर मजारों और मंदिर की संरचनाएं चिन्हित की गई है.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने बताया कि रिजर्व फॉरेस्ट के साथ ही राष्ट्रीय पार्कों में पिछले कुछ समय में अवैध अतिक्रमण को लेकर चिन्हीकरण का काम किया गया था. अब विभाग इन चिन्हित अतिक्रमण पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. इसमें कुछ चिन्हित संरचनाएं ऐसे भी हैं, जिन्हें लीज के तौर पर पूर्व में लिया गया था, लेकिन उसका रिन्यूअल नहीं हो पाया. लिहाजा, अब इन्हीं निर्माणों पर कार्रवाई की जाएगी.वाइल्डलाइफ संरक्षण के लिए नोटिफाई उत्तराखंड के राष्ट्रीय पार्कों में धार्मिक स्थलों के नाम पर कब्जा किया गया है, जो अब राष्ट्रीय पार्कों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. राष्ट्रीय पार्कों में धार्मिक स्थलों के नाम पर किए कब्जे को वन विभाग ने चिन्हित कर लिया है.उत्तराखंड के राष्ट्रीय पार्कों के प्रतिबंधित क्षेत्र में भले ही इंसानों की एंट्री पर पाबंदी हो. इसके बावजूद इन क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों के नाम पर बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो चुके हैं. उत्तराखंड के राष्ट्रीय पार्कों में करीब 80 ऐसी संरचनाएं चिन्हित की गई है, जिन्हें वन विभाग अवैध मान रहा है.

इसमें कुछ ऐसी धार्मिक संरचनाएं भी स्थापित की गई है. जहां किसी की मौजूदगी नहीं रहती और उसका उपयोग नहीं किया जा रहा. राष्ट्रीय पार्कों में ऐसे करीब 20 से 30% अवैध निर्माण है, जहां ना कोई आता है और ना ही इसका उपयोग हो रहा है. उधर कुछ कब्जे ऐसे भी हैं, जिन्हें पूर्व में लीज पर दिया गया था, लेकिन इसके बाद इसका रिन्यूअल नहीं हो पाया है. जिसके कारण अब उन्हें भी वन विभाग अतिक्रमण के रूप में चिन्हित कर चुका है.
पहले भी वन विभाग ने प्रदेश भर में धार्मिक संरचनाएं बनाकर कब्जा किए गए क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद राज्य भर में बड़ी संख्या में ऐसे क्षेत्र चयनित हुए थे, लेकिन बड़ी बात यह है कि राष्ट्रीय पार्कों में जहां इंसान भी दाखिल नहीं हो सकता, वहां पर 80 संरचना ऐसी मिली है. जिसे अवैध रूप से निर्मित माना जा रहा है.

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