‘हर घर तिरंगा’ को सरकारी सर्टिफिकेट चाहिए? बहुत आसान है ये

Independence Day 2022: ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ना है बेहद आसान, फॉलो करें ये स्टेप्स, ऐसे मिलेगा सर्टिफिकेट

Independence Day 2022: ‘आजादी का अमृत उत्सव’ (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत इस बार सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ (Har Ghar Tiranga) अभियान की शुरूआत की है. इसका लक्ष्य है कि देश के 20 करोड़ से अधिक परिवार इस बार अपने घरों पर तिरंगा झंडा लगाएं.

Independence Day 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश की आजादी के 75 साल पूरा होने के उत्सव को इस बार काफी बड़े महोत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है. ‘आजादी का अमृत उत्सव’ (Azadi Ka Amrit Mahotsav) में इस बार सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ (Har Ghar Tiranga) अभियान की शुरूआत की है, जिससे जुड़कर आप भी अपने घर पर तिरंगा लगा सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही 15 अगस्त तक देशवासियों से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तिरंगा डीपी लगाने का भी आग्रह किया है. अगर आप भी हर घर तिरंगा योजना (Har Ghar Tiranga) से जुड़ना चाहते हैं, तो इसका तरीका बेहद ही आसान है और सरकार की तरफ से आपको इसके लिए सर्टिफिकेट भी मिलेगा.

क्या है हर घर तिरंगा अभियान

भारत के नेशनल फ्लैग ‘तिरंगा’ को लेकर हम सभी गौरव और सम्मान की भावना रखते हैं. देशवासियों को तिरंगे झंडे की इसी भावना से जोड़ने को सरकार ने हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) अभियान को शुरू किया है. जिसमें 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक आप तिरंगा झंडा फहरा सकते हैं. इसके लिए सरकार ने बकायदा एक पोर्टल- https://harghartiranga.com/ बनाया है. जहां जाकर आप खुद को रजिस्टर भी कर सकते हैं. इसमें आपको तिरंगा फहराने के लिए सर्टिफिकेट भी मिलेगा.

 

20 करोड़ घरों का है लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई के अपने मासिक रेडियो शो ‘मन की बात’ में कहा था कि हर देशवासी को इस हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) योजना से जुड़कर अपने घरों पर तिरंगा लगाना चाहिए. इसके लिए सरकार ने 20 करोड़ घरों का टार्गेट रखा है. इसमें सरकारी ऑफिस व प्राइवेट ऑफिस को भी शामिल किया जाएगा.

 

कैसे जुड़ें हर घर तिरंगा अभियान से

‘हर घर तिरंगा’ (Har Ghar Tiranga) अभियान से जुड़ने के लिए आपको इसके ऑफिशियल पोर्टल https://harghartiranga.com/ पर विजिट करना होगा. यहां आपको अभियान से जुड़ने के लिए स्टेप्स बताए गए हैं.

कैसे मिलेगा सर्टिफिकेट

एक बार ‘हर घर तिरंगा’ (Har Ghar Tiranga) अभियान से जुड़ने के तुरंत बाद आपको मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की तरफ से सर्टिफिकेट इश्यू कर दिया जाएगा, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं.

हर घर तिरंगा: कितना और कैसे ख़र्च कर रही है सरकार?

भारत आज़ादी की 75वीं सालगिरह का जश्न मना रहा है. इस जश्न को ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ नाम दिया गया है.

इस मौके पर भारत सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत का एलान किया है.

इस अभियान में सरकार 13-15 अगस्त के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर पर तिरंगा फहराने का आग्रह किया है.

सरकार के मुताबिक इस अभियान के साथ नागरिकों का तिरंगे के साथ रिश्ता और गहरा होगा. नागरिकों में देशभक्ति की भावना इससे और प्रबल होगी.

फ़िलहाल राष्ट्रीय ध्वज के साथ भारत के नागरिकों का व्यक्तिगत से ज़्यादा औपचारिक और संस्थागत रिश्ता है. भारत सरकार को लगता है कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के बाद ये संबंध ज़्यादा व्यक्तिगत हो सकेगा.

Har Ghar Tiranga: स्वतंत्रता दिवस के लिए पोस्ट ऑफिस से घर बैठे खरीदें तिरंगा, सिर्फ 25 रुपये करने होंगे खर्च

Independence Day 2022: स्वतंत्रता दिवस नजदीक होने के चलते देशवासी जमकर राष्ट्रीय ध्वज (Indian Flag) की खरीदारी कर रहे हैं. यदि आप भी 15 अगस्त पर अपने घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं तो फिर इसे घर बैठे मंगवा सकते हैं और वह भी सस्ती दर पर. दरअसल, पोस्ट ऑफिस आपके घर तक तिरंगा पहुंचा रहा है

How to buy Indian flag from post office: भारत कुछ ही दिनों में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) मना रहा है. तमाम शहरों में इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. सरकार इस स्वतंत्रता दिवस को खास मनाने को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भी चला रही है. इसमें लोगों से तिरंगा फहराने की अपील की गई है. साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं और लोकप्रिय लोगों ने सोशल मीडिया अकाउंट्स की अपनी प्रोफाइल फोटो को बदल तिरंगा लगा लिया है.

स्वतंत्रता दिवस नजदीक होने के चलते देशवासी जमकर तिरंगे खरीद रहे हैं. यदि आप भी 15 अगस्त पर अपने घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहते हैं तो इसे घर बैठे मंगवा सकते हैं और वह भी सस्ती दरों पर. दरअसल, पोस्ट ऑफिस आपके घर तक तिरंगा पहुंचा रहा है. इसके लिए आपको सिर्फ 25 रुपये ही खर्च करने होंगे. एक अगस्त, 2022 से तिरंगे की बिक्री शुरू भी कर दी गई है.

पोस्ट ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट www.epostoffice.gov.in पर लॉग-इन कर फ्लैग खरीद सकते हैं. स्वतंत्रता दिवस के पहले आपके घर पोस्ट ऑफिस से तिरंगा पहुंचाया जाएगा. मालूम हो कि सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने को लेकर नियमों में बदलाव किया है. पहले जहां सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही झंडा फहराया जा सकता था, तो अब नए नियमों में रात के समय में भी तिरंगे को फहराने की अनुमति दे दी गई है.

पोस्ट ऑफिस से कैसे खरीदें राष्ट्रीय ध्वज?

सबसे पहले पोस्ट ऑफिस की आधिकारिक वेबसाइट epostoffice.gov.in पर जाएं. यहां होम पेज पर राष्ट्रीय ध्वज दिखेगा, खरीदने को क्लिक करेें।लॉगइन करने के बाद अपना एड्रेस, क्वांटिटी और मोबाइल नंबर को डालना होगा. इसके बाद आपको ऑर्डर कंफर्म करने को पेमेंट प्रोसेस पूरा करना होगा. यदि आपने एक बार ऑर्डर प्लेस कर दिया तो फिर आप उसे कैंसिल नहीं कर सकेंगे.

हर घर तिरंगा अभियान से जुड़े विवाद

अभियान के शुरु होने में अभी 10 दिन से ज़्यादा का वक़्त है.लेकिन इससे जुड़े दो विवाद शुरू हो गए हैं.

पहला विवाद जम्मू कश्मीर के एक ज़िले के शिक्षा विभाग के आदेश से जुड़ा है. अभियान को सफल बनाने के लिए बडगाम के ज़ोनल एजुकेशन ऑफ़िसर की तरफ़ से एक ऑर्डर जारी किया गया, जिसे लेकर वहाँ के राजनीतिक क्षेत्र में विवाद शुरू हो गया है.

पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, ” दुर्भाग्य की बात है कि ऊपर के अधिकारी के पास किए गए तिरंगा फहराने के आदेश का ख़ामियाजा छोटे पद पर तैनात अधिकारी को भुगतना पड़ रहा है. सभी की सूचना को यह वो सरकारी आदेश है जिसमें बच्चों को हर घर तिरंगा कैंपेन में राष्ट्रीय ध्वज ख़रीदने का आदेश दिया गया है.”

 

 

महबूबा मुफ़्ती के इसी ट्वीट से शुरु हुआ हर घर तिरंगा के लिए कुछ ख़र्च/पैसे का विवाद.

केंद्र सरकार ने इस अभियान के तहत तकरीबन 20 करोड़ घरों में झंडा फहराने का लक्ष्य रखा है.
कंफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के मुताबिक़, भारत में फिलहाल 4 करोड़ झंडे ही उपलब्ध है. यानी बाकी के झंडों का ऑर्डर राज्य या केंद्र सरकार को अपने स्तर पर बनवा कर बिक्री करने की जगह पहुँचाना होगा.
राज्य सरकार चाहें तो केंद्र सरकार से राज्य की ज़रूरत के हिसाब से कुल झंडों की माँग कर सकती है या फिर अपनी तरफ़ से झंडों का इंतज़ाम कर सकती है.
केंद्र सरकार के मुताबिक़, झंडे तीन साइज़ में उपलब्ध होगें और तीनों की कीमत भी अलग अलग होगी. 9 रुपये, 18 रुपये और 25 रुपये के झंडे.
झंडा बनाने वाली कंपनियां शुरुआत में केंद्र और राज्य सरकार को उधार पर ये झंडे उपलब्ध कराएगी.
नागरिकों को अपने पैसे से झंडा ख़रीदना होगा.
लोग चाहें तो एकमुश्त झंडा ख़रीद कर दूसरों को गिफ़्ट भी कर सकते हैं. कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी में ऐसा किया जा सकता है.
पंचायतों, दुकानदारों, स्कूल, कॉलेजों को इससे जुड़ने का निर्देश जारी किया गया है. 1 अगस्त से डाक घरों पर भी झंडा मिलना शुरू हो गया है।

केंद्र सरकार का लक्ष्य अगर 20 करोड़ घरों पर झंडा फहराने का है. अगर झंडे की न्यूनतम कीमत 10 रुपये भी हो तो इस अभियान में कुल 200 करोड़ रुपये ख़र्च होंगे.

ये 200 करोड़ उन्हीं लोगों से आएंगे तो ये झंडे ख़रीदेंगे.

ज़ाहिर है इतने बड़े पैमाने पर भारत में झंडा एक बिज़नेस हाउस नहीं बना रहा होगा.

इसके लिए कई स्वयं सहायता समूह, छोटे और मध्यम उद्योग से जुड़े व्यापारी और बिज़नेस हाउस को टेंडर दिया गया है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में ये लोगों को उपलब्ध हो सके.

आइए राजस्थान के उदाहरण से इस पूरे अभियान को समझते हैं:-

राजस्थान सरकार ने एक करोड़ घरों में झंडा लगाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 70 लाख झंडे केंद्र सरकार से उपलब्ध करवाने को कहा है और 30 लाख का इंतज़ाम राज्य सरकार ख़ुद करेगी.

राजस्थान ने केंद्र से 70 लाख झंडे, राज्य के सात डिवीजन में माँगे हैं.

लेकिन प्रक्रिया में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कुछ समस्याएं सामने आ रही हैं.

समस्या ये है कि 10 रुपये में झंडा, डंडा और लाने, ले-जाने का खर्च, सब जुड़ा है – ये पैसा कुछ कंपनियों के लिए बहुत कम है. इस वजह से केंद्र सरकार राज्यों को केवल झंडा ही मुहैया करा रही है और वो भी राज्यों के कुछ एक जगहों पर, हर ज़िले में नहीं.

दूसरी समस्या पेमेंट की है. झंडा बनाने वालों के लिए कुछ राज्य सरकारों ने पेमेंट झंडा बिकने के बाद देने की बात की है. ऐसे में कंपनियों को डर इस बात का है कि सारे झंडे नहीं बिके तो पेमेंट का क्या होगा.

फ़्लैग कोड में बदलाव

टीएमसी नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने इस पूरे अभियान को एक ‘स्कैम’ यानी घोटाला करार दिया है.

एक के बाद एक चार ट्वीट से उन्होंने इस अभियान को मोदी सरकार के कॉरपोरेट घरानों से सांठ-गांठ करार दिया और कहा कि इस अभियान को सरकार ने इंडियन फ्लैग कोड में बदलाव भी किए गए.

इंडियन फ़्लैग कोड 2002 के मुताबिक़, राष्ट्रीय ध्वज केवल हाथ से बुने या हाथ से बुने कपड़ों की सामग्री से ही बन सकता है. इससे कम समय में ज़्यादा संख्या में झंडा बनाना आसान नहीं.पिछले साल दिसंबर में फ़्लैग कोड में बदला गया. इस बदलाव के बाद अब राष्ट्रीय ध्वज, हाथ से कातकर, हाथ से बुनकर या मशीन से बनाए कपड़ों के रेशम, सूती, पॉलिस्टर से बना भी हो सकता है.

साकेत गोखले का दावा है कि पॉलिएस्टर कपड़ों के बड़े निर्माता भारत में आरआईएल हैं.

 

जानकारी के मुताबिक़, भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग कपड़ा मिल मालिकों को झंडे बनाने का काम सौंपा गया है, जिसमें सीधे तौर पर आरआईएल शामिल नहीं है.

अधिकारियों के मुताबिक़, जिन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर झंडा बनाने को हामी भरी है वो काम समय से पूरा करने को आगे दूसरे व्यापारियों को भी अपना ठेका दे रहे हैं.,

झंडा, आरएसएस और बीजेपी का विरोधाभास

विवाद इस बात पर भी हो रहा है कि जब आरएसएस ने अपने दफ़्तर में कभी भारत का झंडा नहीं फहराया, तो अचानक ये फरमान क्यों?

असम के एआईयूडीएफ़ नेता अमिनुल इस्लाम इस वजह से मोदी सरकार के इस अभियान को उनका ‘विरोधाभास’ करार दे रहे हैं.

अमिनुल इस्लाम ने भी कहा कि पूरा अभियान जनता के पॉकेट से 16 रुपये निकलवाने को है. अमिनुल इस्लाम को नहीं लगता कि 16 रुपये ख़र्च करने से कोई परिवार अपनी देशभक्ति साबित कर सकता है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अभियान को हिपोक्रेसी बता ट्वीट किया, “ये खादी से राष्ट्रीय ध्वज बनाने वालों की आजीविका नष्ट कर रहे हैं, जिसे नेहरू ने भारत की आज़ादी का पोशाक बताया था.”

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ फ़्लैग कोड में बदलाव के बाद हुबली में खादी के झंडे बनाने वाले यूनिट को पिछले साल जुलाई में 90 लाख झंडों के ऑर्डर मिले थे. लेकिन इस साल केवल 14 लाख झंडों के ऑर्डर मिले हैं.

खादी के झंडों की ये हालात भारत में तब है जब प्रधानमंत्री मोदी खादी को प्रोत्साहन देने को कम से कम एक खादी का रुमाल रखने की सलाह दे चुके.

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