रथयात्री पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न

लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न:वाजपेयी के बाद यह सम्मान पाने वाले दूसरे भाजपा नेता; PM मोदी ने फोन पर बधाई दी
नई दिल्ली 03फरवरी 2024। भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा के दूसरे नेता हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर की और लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

PM ने लिखा- मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी। देश के विकास को उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उप-प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे।

आडवाणी 50वें ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत रत्न दिया जाएगा। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की जा चुकी है। केंद्र सरकार एक साल में 3 लोगों को यह सम्मान दे सकती है।

मोदी ने कहा- देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता
PM ने लिखा, ‘वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता।

उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी रहे।

उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी।’ ‘सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे।

उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं।

उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले।’

2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान मिला
2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर गए थे और उन्हें यह सम्मान दिया।

वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थे। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया।


भाजपा के फाउंडर मेंबर्स, 7वें उपप्रधानमंत्री रहे
आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं।

आडवाणी की रथ यात्रा, कमान मोदी को मिली थी


राम मंदिर आंदोलन के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने 63 साल की उम्र में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। 25 सितंबर 1990 से शुरू हुई इस यात्रा की कमान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से संभाली थी।

यह आडवाणी की रथ यात्रा का ही कमाल था कि 1984 में दो सीट जीतने वाली भाजपा को 1991 में 120 सीटें मिली। इतना ही नहीं आडवाणी ने पूरे देश में एक हिन्दूवादी नेता के तौर पर पहचान बनाई। इसके अलावा मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश, गुजरात,बिहार जैसे राज्यों में भाजपा को नई पहचान मिली।

इस यात्रा के बाद आडवाणी पूरे देश में हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित हुए थे,लेकिन वह अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में 23 अक्टूबर 1990 को बंदी कर लिया गया था।

आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर किसने क्या कहा?

प्रतिभा आडवाणी (बेटी)
दादा को देश का सर्वोच्च सम्मान मिला है। मुझे और पूरे परिवार को इस बात की बहुत खुशी है। आज मुझे मेरी मां की बहुत याद आ रही है। दादा के निजी और राजनीतिक जीवन में मां का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जैसे ही मुझे पता लगा और मैंने दादा को बताया तो वे बहुत खुश हुए। दादा ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया। जीवन के इस पड़ाव पर उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान मिला,इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी, देश की जनता का धन्यवाद करते हैं।

आडवाणी की आंखों में आंसू.. बेटी प्रतिभा ने बताई भाजपा के ‘लौहपुरुष’ की कहानी
लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलने के बाद भाजपा के नेता और उनका पूरा परिवार गदगद है। भारत रत्न की घोषणा के बाद उनके परिवार ने वयोवृद्ध नेता के रिएक्शन के बारे में जानकारी दी। बेटी प्रतिभा आडवाणी ने कहा कि उनके पिता को खुशी और संतुष्टि मिली है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री  मोदी ट्वीट में लिखा कि हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल आडवाणी का भारत के विकास में महान योगदान है। उन्होंने अपने जीवन में जमीनी स्तर पर काम करने से शुरुआत कर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। प्रधानमंत्री  की घोषणा के बाद आडवाणी का परिवार गदगद हो गया। लाल कृष्ण आडवाणी भी इस सम्मान की खबर मिलने पर भावुक हो गए। उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी में अपने पिता के रिएक्शन के बारे में बताया।

पिता की आंखों में आ गए आंसू
प्रतिभा आडवाणी ने कहा कि मेरे पिता बहुत खुश हुए। प्रतिभा ने कहा कि मेरे पिता खुद को कम ही अभिव्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता जीवनभर कम शब्द बोलने वाले इंसान रहे हैं। प्रतिभा ने कहा कि आज स्वाभाविक रूप से उनकी आंखों में आंसू थे। उन्हें इस चीज की संतुष्टि और खुशी दोनों हैं कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया है। उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि उनके जीवन के इस पड़ाव पर सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाना बहुत बड़ी बात है। हम लोग इसके लिए बहुत खुश हैं। इससे पहले प्रतिभा ने लाल कृष्ण आडवाणी को मिठाई खिलाई और उन्हें गले से लगा लिया।

बेटे में भी कहा- हम खुश हैं
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी ने अपने पिता को भारत रत्न दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह हमारे परिवार और देश-सभी के लिए बहुत खुशी की बात है। जयंत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन और प्राणप्रतिष्ठा में भाजपा नेता की भूमिका पर वह कहते हैं कि आज मंदिर हमारे सामने है और यह उनके जीवनकाल में ही संभव हो सका। इसलिए, हम बहुत खुश हैं।

अखिलेश यादव
सभी सांसदों की टिकट कट रही है। एक सांसद अपनी सीट बदल रहे हैं। सोचिए, ऐसी परिस्थितियों में जिन्हें राजनीति करनी पड़ेगी तो वे क्या जीतेंगे। उन्हें (भाजपा को) दूसरों की चिंता ज्यादा है। उन्हें अपनी चिंता होनी चाहिए। यह भारत रत्न वोट बांधने को दिया जा रहा है। यह सम्मान में नहीं दिया जा रहा।

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