फैक्ट चैक: मतदाता सूची में नहीं है नाम तो नहीं डाल सकते हैं वोट
UP Election 2022: मतदाता सूची में नाम नहीं, फिर भी डाल सकेंगे वोट? जानिए वायरल मैसेज का सच
दूसरे चरण का मतदान जारी, नौ बजे तक 9.45 प्रतिशत वोटिंग
विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण का मतदान जारी है। कई जगह पर थोड़ी देर के लिए ईवीएम में दिक्कत के बाद भी पहले दो घंटे यानी सात से नौ बजे तक नौ जिलों में कुल 9.45 प्रतिशत मतदान हो गया था
दूसरे चरण का मतदान जारी, नौ बजे तक 9.45 प्रतिशत वोटिंग
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण में सोमवार को प्रदेश के नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान जारी है। पोलिंग पार्टियों ने मतदान केन्द्रों पर मॉक पोलिंग से ईवीएम की टेस्टिंग की। इसके बाद सात बजे मतदान प्रारंभ हो गया। ठंड तथा कोहरे के बाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो जिलों के साथ रुहेलखंड के सात जिलों में मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया।
दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, रामपुर, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों में मतदान हो रहा है। वोटर सुबह से ही वोटर पोलिंग बूथों पर पहुंचने लगे। शाम छह बजे तक मतदान चलेगा। आज 2.02 करोड़ मतदाता 586 प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला करेंगे। इस चरण में 69 महिला उम्मीदवार हैं। निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और भय मुक्त मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मतदान की निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग ने हर जिले के 50 प्रतिशत बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की है। पोलिंग बूथों पर आवश्यकता के अनुसार वीडियो कैमरे भी लगाए गए है.
दूसरे चरण के मतदान का प्रतिशत
सात से नौ बजे
सहारनपुर 09.77
बिजनौर 10.01
मुरादाबाद 10.03
संभल 10.78
रामपुर 08.37
अमरोहा 10.83
बदायूं 09.14
बरेली 08.36
शाहजहांपुर 09.18
—- 09.45
नौ बजे तक 9.45 प्रतिशत वोटिंग : विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण का मतदान जारी है। कई जगह पर थोड़ी देर के लिए ईवीएम में दिक्कत के बाद भी पहले दो घंटे यानी सात से नौ बजे तक नौ जिलों में कुल 9.45 प्रतिशत मतदान हो गया था। अमरोहा में सर्वाधिक 10.83 तो सबसे कम बरेली में 8.36 प्रतिशत मतदान हुआ है। सहारनपुर में 9.77, बिजनौर में 10.01, मुरादाबाद में 10.03, संभल में 10.78, रामपुर में 8.37, अमरोहा में 10.83, बदायूं में 9.14, बरेली में 8.36 तथा शाहजहांपुर में 9.18 प्रतिशत मतदान हो गया था।
नाम मतदाता सूची में नहीं है तो भी आप वोट कर सकते हैं।
क्या है वायरल मैसेज?
‘जब आप पोलिंग बूथ पर पहुंचते हैं और आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो बस अपना आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र दिखाएं और धारा 49 ए के तहत “चुनौती वोट” मांगें वोट डालें। यदि किसी ने आपका वोट पहले ही डाल दिया है, तो “टेंडर वोट” मांगें और अपना वोट डालें।’
वोटिंग के दिन लोग सबसे ज्यादा इसी बात से परेशान होते हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं होता है। कुछ लोगों की ये भी शिकायत रहती है कि उनका वोट किसी और ने डाल दिया है। ऐसे में इस वायरल मैसेज के आते ही कई लोग इसके बारे में जानने की कोशिश करने लगे। हमने इस वायरल मैसेज में किए गए दावे का पड़ताल किया। चुनाव आयोग की वेबसाइट से हमने नियमों के बारे में जानकारी हासिल की।
ट्वीट में दो अहम दावे किए गए
1. धारा 49-ए (चुनौती वोट) : इसमें दावा किया गया कि अगर मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो भी आधार कार्ड दिखाकर वोट डाल सकेंगे।
पड़ताल में क्या निकला ?
‘चुनौती वोट’ का मतलब किसी वोट को चुनौती देना होता है। जैसे कि… मान लीजिए शंभू नाम का एक शख्स अपना मतदाता पहचान पत्र और वोटर लिस्ट में दर्ज नाम लेकर वोट देने पहुंचता है। उस दौरान वहां पर मौजूद ऑफिशियल राजनीतिक एजेंट उस शख्स के वोट को चुनौती दे देता है। आमतौर पर फर्जी वोटर, उम्र आदि का विवाद होता है।
वोट को चुनौती देने के लिए दो रुपये की राशि जमा करनी होती है। ऐसी परिस्थिति में मतदान केंद्र पर मौजूद पीठासीन अधिकारी उस चुनौती का परीक्षण करता है। वोट देने के लिए आए शख्स और एजेंट के दावों का परीक्षण करता है। जो सही होता है उसके पक्ष में फैसला लेता है। अगर एजेंट के आरोप सही निकलते हैं तो फर्जी वोट देने आए शख्स को वहीं से पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। अगर वोट देने आया शख्स सही निकलता है तो वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर लेता है।
हालांकि, इससे यह भी साफ हो जाता है कि इसमें मतदाता सूची में नाम न होने पर वोट डालने के अधिकार का दावा झूठा निकलता है। मतलब अगर आपका मतदाता सूची में नाम नहीं है तो आप बिल्कुल भी वोट नहीं डाल सकते।
2. टेंडर वोट : इसमें दावा किया गया कि अगर आपसे पहले किसी ने आपके नाम पर वोट डाल दिया तो भी आप टेंडर वोट के जरिए वोट डाल सकेंगे।
पड़ताल में क्या निकला?
जब हमने इस दावे का पड़ताल किया तो मालूम चला कि चुनाव आयोग के नियम में टेंडर वोट शामिल है। इस नियम के तहत मतदान केंद्र पर पहुंचने पर अगर आपको ये पता चलता है कि आपका वोट पहले ही किसी ने डाल दिया है तो आप टेंडर वोट के जरिए उसे चुनौती दे सकते हैं। ऐसे परिस्थिति में आपको मतदान केंद्र पर मौजूद पीठासीन अधिकारी से शिकायत करनी होगी। पीठासीन अधिकारी आपसे जुड़े दस्तावेजों की पूरी जांच करेगा। यह जांच की जाएगी कि आपने जो दावा किया है क्या वह सही है? अगर आपका दावा सही निकलता है तो बैलेट पेपर के जरिए पीठासीन अधिकारी आपका टेंडर वोट डलवा सकता है। अगर आपका दावा गलत निकलता है तो फर्जीवाड़े के आरोप में आपको पुलिस के हवाले किया जा सकता है।
वोटर कार्ड नहीं होने पर चुनाव आयोग ने पहचान के 12 प्रमाण को मान्यता दी है। इनमें से कोई भी प्रमाणपत्र दिखाने पर आप मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में है और आपके पास वोटर कार्ड नहीं है तो भी आप वोट डाल सकते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने पहचान के 12 प्रमाण को मान्यता दी है। इनमें से कोई भी प्रमाण दिखाने पर आप मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
इन दस्तावेजों से कर सकते हैं मतदान
1-आधार कार्ड
2-मनरेगा जॉब कार्ड
3-बैंक-डाकघरों से जारी फोटोयुक्त पासबुक
4-श्रम मंत्रालय की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
5-ड्राइविंग लाइसेंस
6-पैन कार्ड
7-एनपीआर में आरजीआई की ओर से जारी स्मार्ट कार्ड
8-भारतीय पासपोर्ट
9-फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
10-केंद्र, राज्य, लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड की ओर से अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त पहचान पत्र
11-सांसदों, विधायकों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र
12-सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड