ये सच है: मेघालय कांग्रेस विधायक दल भाजपा समर्थित सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल
Meghalaya: मेघालय में बड़ा राजनीतिक उलटफेर, एक ही गठबंधन का हिस्सा बनी बीजेपी, कांग्रेस, जानिए कैसे हुआ ये
मिथिलेश धर दुबे |
मेघालय में कांग्रेस के पांच विधायक मंगलवार को भाजपा समर्थित सत्तारूढ़ मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन (एमडीए) में शामिल हो गए। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा सहित 12 विधायक कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
शिलांग 08 फरवरी: देश की दो सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा और कांग्रेस एक ही गठबंधन का हिस्सा बन जाएं तो ये जानकर हर किसी को हैरानी होगी। लेकिन ये राजनीति है। ऐसा हुआ वह भी मेघालय में। मेघालय में कांग्रेस (Meghalaya congress) के पांच विधायक मंगलवार को भाजपा समर्थित सत्तारूढ़ मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन (Meghalaya Democratic Alliance) में शामिल हो गए हैं। पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा सहित 12 विधायक कांग्रेस छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद मेघालय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या पांच रह गई थी, जबकि शुरुआत में विपक्षी पार्टी के सदन में 17 सदस्य थे।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा को समर्थन का पत्र दिया है। पत्र में कहा गया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायकों ने एमडीए सरकार में आज आठ फरवरी 2022 को शामिल होने का फैसला किया है। हम सरकार के हाथ और फैसलों को मजबूत करने के लिए आपका (मुख्यमंत्री)और एमडीए का समर्थन करने की इच्छा व्यक्त करते हैं ताकि सुनिश्चित हो सके कि हमारे संयुक्त प्रयास से नागरिकों के हित में राज्य आगे बढ़े।
नेशनल पीपुल्स पार्टी प्रमुख और सीएम कोनराड संगमा (Konarad Sangma) ने कहा कि आधिकारिक तौर पर एमडीए सरकार को अपना समर्थन देने का वादा करने वाले कांग्रेस विधायकों का स्वागत करते हुए हमें खुशी हो रही है। हम लोगों और राज्य के हित में सरकार को मजबूत करने के लिए एमडीए के बैनर तले मिलकर काम करेंगे।
मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन प्रशासन में शामिल
इस पत्र पर कांग्रेस विधायक दल के नेता अमपरीन लिंगदोह, विधायक पीटी सॉक्मी, मायरलबोर्न सिएम, केएस मारबानियांग और मोहेंद्रो रापसांग ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र की एक प्रति कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी भेजी गई है। लिंगदोह ने इसके साथ ही कांग्रेस विधायकों की मुख्यमंत्री के साथ तस्वीर ट्विटर पर साझा की है और लिखा है कि मेघालय कांग्रेस के पांच विधायकों ने राज्य के लोगों खासतौर पर हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के हित में मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन प्रशासन में शामिल होने का फैसला किया है। नेशनल पीपुल्स पार्टी नीत एमडीए का भाजपा समर्थन कर रही है। भाजपा विधायक सोनबोर शुल्लाई मेघालय सरकार में मंत्री भी हैं। कांग्रेस विधायकों के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद विधानसभा में विपक्षी पार्टी के रूप में केवल तृणमूल कांग्रेस बच गई है।
अब विपक्ष की भूमिका में टीएमसी
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन सरकार नहीं बना सकी। बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस की सहयोगी एनपीपी ने एमडीए बनाया और कांग्रेस से सत्ता छीन ली। मेघालय कांग्रेस का गढ़ रहा है और मुकुल संगमा ने 2010 और 2018 के बीच सीएम के रूप में कार्य किया। लेकिन कांग्रेस के भीतर परेशानी पिछले साल अगस्त में और बढ़ गई जब शिलांग के सांसद विसेंट पाला को मुकुल संगमा को दरकिनार करते हुए मेघालय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। टीएमसी अब 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल है।
मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक – फोटो : twitter/Sangma Conradर
कांग्रेस पार्टी को मेघालय में मंगलवार को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है। यहां पार्टी के बचे हुए पांच विधायक भी मंगलवार को भाजपा समर्थित और नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) की अगुवाई वाले मेघालय गठबंधन (एमडीए) में शामिल हो गए। उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले ही कांग्रेस के 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खेमे में चले गए थे।
मेघालय में सत्ताधारी गठबंधन में भाजपा भी भागीदार है। पिछले साल नवंबर में यहां पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत 12 कांग्रेस विधायक टीएमसी में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस के राज्य में केवल पांच विधायक ही बचे थे और मंगलवार को उन्होंने भी पाला बदल लिया। इससे कांग्रेस की राज्य में एक मजबूत विपक्ष बनने की संभावनाएं भी लगभग समाप्त कर दी हैं।
मंगलवार को कांग्रेस के पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा से मुलाकात की और गठबंधन की सरकार से जुड़ने के लए एक औपचारिक पत्र जमा किया। कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले ये विधायक एम अंपरीन लिंगडोह, पीटी साकमी, माइरलबोर्न साइम, किंफा एस मरबानियांग और मोहेंद्रो रापसांग हैं। मुख्यमंत्री ने सभी पांचों विधायकों का गठबंधन में स्वागत किया।
मेघालय और यहां की जनता के लिए मिलकर काम करेंगे: मुख्यमंत्री
इन पांचों विधायकों का स्वागत करते मुख्यमंत्री संगमा ने एक ट्वीट में लिखा, हम कांग्रेस विधायक दल के सदस्यों का स्वागत करके खुश हैं जिन्होंने आज आधिकारिक रूप से अपना सहयोग एमडीए सरकार को देने का वादा किया है। हम राज्य और प्रदेश की जनता के हित के उद्देश्य के साथ सरकार को मजबूत करने के लिए एमडीए के बैनर तले साथ मिलकर काम करेंगे।
मुख्यमंत्री संगमा ने आगे कहा कि विधायकों ने हमारी सरकार का सहयोग करने का फैसला लिया है। मैं उनका स्वागत करता हूं। कांग्रेस विधायकों के शामिल होने से हमारी गठबंधन सरकार के अन्य भागीदारों के साथ हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह कांग्रेस पार्टी का भी हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र या स्थायी शत्रु नहीं होता है।
‘अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के हितों के लिए छोड़ी कांग्रेस’
कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले विधायक अंपरीन लिंगडोह ने कहा कि हमें धोखा दिया गया और किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए हमने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों की जनता के हित के लिए यह फैसला लिया है। अब राज्य में तृणमूल कांग्रेस विपक्षी पार्टी है।