फर्जी वोटर आईडी कांड में तीन और धरे, आतंकी और बांग्लादेश घुसपैठ से कनेक्शन की पड़ताल

10 हजार फर्जी वोटर कार्ड बनाने की जांच तेज:निर्वाचन आयोग के ऑफिस से जुड़े तार, अब तक 5 गिरफ्तार *इसमें 2 आयोग के कर्मचारी; आतंकी संगठन और बांग्लादेशी घुसपैठ कनेक्शन पर पड़ताल

*पुलिस अब पकड़े गए आरोपित विपुल सैनी की रिमांड के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देगी।

*इलेक्शन कमीशन का कहना है कि वेबसाइट हैक नहीं हुई है, कर्मचारी ने यूजर आईडी-पासवर्ड किसी को दिया था

नई दिल्ली 14अगस्त। चुनाव आयोग (ECI) की वेबसाइट हैक कर फर्जी वोटर ID कार्ड बनाने के मामले में यूपी एसटीएफ ने जांच तेज कर दी है। शनिवार को दिल्ली से 3 और युवकों को गिरफ्तार किया है। इसमें 2 दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग के ऑफिस में संविदा पर डेटा ऑपरेटर पद पर काम करते थे। इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली से ही अरमान मलिक उर्फ मौहम्मद नियाज की गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में सहारनपुर के विपुल सैनी समेत अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से पकड़े गए युवकों के नाम आशीष जैन, आदित्य खत्री, निखिल कुमार हैं। ये सभी विपुल के साथी हैं। आशीष जैन और अरमान मलिक साइबर कैफे चलाते हैं। जबकि नितिन और आदित्य खत्री दिल्ली निर्वाचन आयोग में काम करते थे। इनके पास वेबसाइट का पासवर्ड था। यह अरमान और आशीष को वेबसाइट का पासवर्ड देते थे।

शुक्रवार को दिल्ली से आरोपी विपुल के चार साथियों आशीष जैन, आदित्य खत्री, निखिल कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी इस पूरे मामले में नजर रखे हुए हैं। एजेंसियों ने सहारनपुर की साइबर सेल से पूरे मामले की जानकारी और रिकॉर्ड मंगवाया है। एसटीएफ अब पकड़े गए आरोपित विपुल सैनी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।

उधर, निर्वाचन आयोग ने भी इस पूरे मामले पर सफाई दी है। आयोग का कहना है कि उसकी वेबसाइट हैक नहीं हुई है। कर्मचारी ने यूजर आईडी-पासवर्ड किसी को दिया था।

इलेक्शन कमीशन का कहना है कि वेबसाइट हैक नहीं हुई है।

सबसे बड़ा सवाल- क्यों बनाए फेक आईडी कार्ड

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में फेक आईडी कार्ड क्यों बनाए गए। इनका किस तरह का इस्तेमाल किया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली से गिरफ्तार अरमान मलिक से पुलिस पूछताछ कर रही है। उससे ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसका मकसद कहीं आतंकी गतिविधियों में फर्जी वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल करना तो नहीं था। पुलिस ये भी पता करने में जुटी है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि वह फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाकर बांग्लादेशियों की घुसपैठ में मदद की जा रही थी। सभी एंगल से मामले की जांच चल रही है।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली से गिरफ्तार अरमान मलिक से पुलिस पूछताछ कर रही है।

अरमान को सहारनपुर लेकर आई पुलिस

विपुल को 11 अगस्त को सहारनपुर में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था। जबकि अरमान को दिल्ली से शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। वह मध्य प्रदेश के हरदा का रहने वाला है। शुक्रवार को सहारनपुर पुलिस पूछताछ के लिए अरमान मलिक को दिल्ली से सहारनपुर साइबर क्राइम स्टेशन लेकर आई है। वहां उससे पूछताछ हो रही है।

शुक्रवार को पुलिस पूछताछ के लिए अरमान मलिक को सहारनपुर साइबर सेल लेकर आई है।

विपुल से पूछताछ में 4 नए नाम सामने आए

विपुल से पुलिस ने जो शुरुआती पूछताछ की थी उसमें अरमान मलिक समेत 4 नाम सामने आए थे। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अलग-अलग राज्यों में दबिश दे रही है। तीन आरोपितों के पुलिस को जो नाम मिले हैं, वह मध्य प्रदेश और राजस्थान के रहने वाले बताए जा रहे हैं। विपुल के खाते में पुलिस को 60 लाख रुपए मिले हैं। ऐसे में पुलिस को शंका है कि इस पूरे मामले के पीछे बड़ा रैकेट है।

चुनाव लड़ने और महंगी कार लेने की तैयारी में था विपुल

आरोपी विपुल के पिता रामकुमार भले ही अपने बेटे के बेगुनाह होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन गांव में चर्चा है कि वह राजनीति में कदम रखना चाहता था। यहीं नहीं ब्रांडेड कार भी लेने वाला था। विपुल राजनीति में भी उतरने की तैयारी कर रहा था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर डॉक्टर एस चनप्पा राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला होने की वजह से कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि विपुल की रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से आगे जांच करेंगे।

जिलाधिकारी ने जांच के लिए चुनाव आयोग को लिखा पत्र

बताया जा रहा है कि विपुल सैनी ने करीब 10 हजार से ज्यादा फर्जी वोटर आईडी बनाए हैं। सहारनपुर डीएम अखिलेश सिंह ने विपुल के खिलाफ जांच के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। वहीं चुनाव आयोग ने गृह विभाग को पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *