परिवार दिवस: मिजोरम नहीं, राजस्थान में रहता है भारत का सबसे बड़ा संयुक्त परिवार

75 किलो आटे की बनती है रोटियां, मिजोरम के जिओना चाना परिवार से भी ज्यादा हैं राजस्थान की इस फैमिली में मेंबर

​अजमेर के इस परिवार में 185 सदस्य

आज विश्व परिवार दिवस है। वर्तमान दौर में संयुक्त परिवार का कल्चर लगभग खत्म सा हो रहा है। जहां मिजोरम के जिओना चाना के परिवार में 181 सदस्य सुनकर सुनकर लोग चौंक जाते हैं। साथ ही जिओना चाना के परिवार को देश का सबसे बड़ा परिवार माना जाता है, लेकिन अजमेर में भी एक परिवार है, जिसमें कुल 185 सदस्य है।

​10 चूल्हों में बनती है 75 किलो आटे की रोटियां

यह परिवार नसीराबाद उपखंड के रामसर गांव में रहता है। बड़ी बात यह है कि 185 सदस्यों का संयुक्त परिवार आज भी हंसी खुशी रहता है। इस परिवार के सभी फैसले मुखिया भंवरलाल माली ही लेते हैं। परिवार के लोगों के लिए 75 किलो आटे की रोटियां बनाई जाती है जो लगभग 10 चूल्हों पर बनती है।

​दादा ने दी संयुक्त रहने की सीख, आज सब साथ

रामसर के माली परिवार के भागचंद माली ने बताया कि उसके दादा सुलतान माली थे। यह उनका परिवार है। सुलतान माली के 6 बेटे थे, जिनमें उसके पिता भंवर लाल सबसे बड़े थे । वहीं उनके अन्य छोटे भाइयों में रामचंद्र, मोहन, छगन, बिरदीचंद और छोटू थे। शुरू से ही उनके दादा सुलतान माली ने सबको साथ रखा और हमेशा संयुक्त रहने की सीख दी। इसका नतीजा आज भी उनका परिवार साथ है।

 

​चुनावों में दी जाती है विशेष तवज्जों

भागचंद माली ने बताया कि उनके परिवार में 55 पुरूष, 55 महिलाएं और 75 बच्चे हैं। उनके परिवार में लगभग 125 से अधिक मतदाता है। इसके चलते चाहे सरपंच का चुनाव हो या अन्य कोई चुनाव, सभी चुनावों में उनके परिवार को विशेष तवज्जो दी जाती है।

 

​खेती, डेयरी और बिल्डिंग मैटेरियल का करते हैं काम


भागचंद माली ने बताया कि पूर्व में उनका परिवार केवल खेती पर निर्भर था, लेकिन इसके बाद में जैसे जैसे परिवार बढ़ता गया तो उन्होंने आय के साधन भी बढ़ाए। अब उनका परिवार खेती के साथ, डेयरी और बिल्डिंग मैटेरियल का काम भी करता था, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता है।

 

​छोटी-मोटी बातों को करें नजरअंदाज

इस परिवार के मुखिया भंवरलाल माली ने कहा कि संयुक्त परिवार में जो मजा है वह एकल परिवार में नहीं है। आज भी संयुक्त परिवार की ओर वापस लौटना चाहिए। एकल परिवार के कारण ही अपराध भी बढ़ रहे हैं और संस्कारों का भी अभाव है। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार में कई बार कठोर निर्णय भी लेने पड़ते हैं।

 

​आर्थिक रूप से भी मजबूत रहता है संयुक्त परिवार

उन्होंने आमजन से अपील की है संयुक्त परिवार में रहें और छोटी -मोटी बातों को नजरअंदाज करें। संयुक्त परिवार में रहने के कई फायदे भी उन्होंने गिनाए। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार में किसी भी काम या अन्य कोई भी बोझ किसी एक पर नहीं पड़ता है वहीं एकल परिवार में अकेले व्यक्ति पर ही सारा बोझ आता है। वहीं संयुक्त परिवार में रहने से आर्थिक रूप से भी मजबूत रहते हैं।

 

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