टिकरी बार्डर पर बीच सड़क किसानों के दफ्तर-मकान बनने शुरू
किसान आंदोलन का 41वां दिन:टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने ईंट-गारे से स्थाई ठिकाना बनाना शुरू किया; ट्रैक्टर मार्च कल नहीं, 7 जनवरी को निकालेंगे
पिछले दिनों हुई बारिश में किसानों के टेंट गिर गए थे। इसके बाद किसानों ने मंगलवार को टिकरी बॉर्डर पर भूमि पूजन किया और फिर स्थाई ठिकाना बनाना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली 05 जनवरी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का मंगलवार को 41वां दिन है। सोमवार को किसानों और केंद्र के बीच 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। हाल-फिलहाल कोई रास्ता नहीं निकलता दिख रहा है, इस बीच किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर ईंट-गारा से स्थाई ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते किसानों के टेंट गिर गए थे। इसके चलते आंदोलन कर रहे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
आंदोलन कर रहे किसान सड़क के बीच में ही स्थाई तौर पर ऑफिस भी बना रहे हैं। निर्माण का काम काफी तेजी से चल रहा है। किसानों ने बताया कि बारिश के चलते टेंट में चल रहे सोशल मीडिया का कार्यालय गिर गया था। इसलिए वह स्थायी ऑफिस बना रहे हैं।
अब गाय-भैंस भी लाने की तैयारी में किसान
सोमवार को 4 घंटे चली बैठक में सरकार कानूनों में बदलाव की बात दोहराती रही। किसान कानून वापसी पर अड़े रहे। अगली मीटिंग के लिए 8 जनवरी का दिन तय हुआ है। इससे पहले किसान संगठनों ने 7 जनवरी को सिंधु से टिकरी, टिकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला किया है। पहले यह मार्च 6 जनवरी यानी कल होना था। किसानों ने साफ कर दिया है कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।
लंबे टकराव के लिए स्थाई निवास तो बनने शुरू ही हो गए हैं। राशन-पानी और दूध की भी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। किसानों ने दूध के लिए आंदोलन स्थल पर ही गाय-भैंस लाने का प्लान बनाया है। उनका कहना है कि दूध लाने के लिए उन्हें दूर जाना पड़ता है। इसमें काफी समय और आर्थिक नुकसान होता है। अब यहीं पर गाय-भैंस लाकर दूध की सप्लाई करेंगे।
सरकार से बातचीत में किसने क्या कहा?
सोमवार को हुई बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से पूछा कि MSP पर क्या दिक्कतें हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी बोले- सरकार सभी फसलों की MSP की गारंटी दे। कृषि मंत्री ने कहा- हम तैयार हैं, आप पॉइंट बताएं। हमें अपना होम वर्क करना पड़ेगा। इस पर किसान नेता बोले- 8 दौर की चर्चा हो चुकी और कितना समय चाहिए। मीटिंग खत्म होने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथ से बजती है।
वाणिज्य राज्य मंत्री ने कुछ किसानों से अकेले में बात की
कृषि मंत्री के अलावा मीटिंग में रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी शामिल हुए थे। MSP पर चर्चा के बाद किसानों ने कानून रद्द करने की मांग उठाई। तोमर बोले- कमेटी बना लेते हैं। किसानों ने कहा- कोई कमेटी नहीं बनेगी, कानून रद्द करें। सोम प्रकाश कुछ नेताओं को किनारे ले गए और बात की। जिस पर दूसरे किसान नेता बोले, कानून रद्द करें। इसके बाद तोमर ने कहा कानून के समर्थन में भी काफी संगठन और किसान हैं। हम सिर्फ आपकी बात सुनकर इन्हें रद्द नहीं कर सकते।