कन्फ्यूज्ड ब्रिटिश पीएम ने कहा- किसान आंदोलन पर भारत-पाक करें वार्ता!!!
किसान आंदोलन पर कन्फ्यूज ब्रिटिश पीएम जॉनसन, बोले- भारत पाकिस्तान के हालात पर चिंतित हूं
Priyesh Mishra
Farmers Protest Updates: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के किसान आंदोलन के मामले पर कंफ्यूज दिखे। उन्होंने संसद में किसान मुद्दे पर लेबर पार्टी के सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा बता दिया।
हाइलाइट्स:
भारत के किसान आंदोलन की ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को जानकारी नहीं
हाउस ऑफ कामन्स में किसान आंदोलन को बताया भारत पाकिस्तान के बीच का मुद्दा
ब्रिटिश लेबर पार्टी के सिख सांसद ने पूछा था पीएम जॉनसन से सवाल
ब्रिटिश पीएम का जवाब सुन अवाक हो गए ब्रिटिश सांसद
लंदन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के किसान आंदोलन के मामले पर कन्फ्यूज दिखे। उन्होंने संसद में किसान मुद्दे पर लेबर पार्टी के सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा बता दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को कोई भी विवाद द्विपक्षीय रूप से निपटाना चाहिए। बता दें कि भारत में जारी किसान आंदोलन का ब्रिटेन में लेबर पार्टी के कई सांसदों ने समर्थन किया है।
ब्रिटिश सांसद ने सदन में उठाया मुद्दा
बुधवार को लेबर पार्टी के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने इस मामले को हाउस ऑफ कॉमन्स में उठाया। उन्होंने कहा कि मैं शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ वॉटर कैनन, आंसू गैस और दमनकारी कार्रवाईयों की फुटेज को देखकर डर गया था। हालांकि, यह देखना दिल को छू लेने वाला था कि उन किसानों ने सुरक्षाबलों को खाना खिलाया जिन्हें उन्हें मारने और भगाने का आदेश दिया गया था।
लेबर पार्टी के सांसद ने की हस्तक्षेप की मांग
लेबर पार्टी के सांसद ने मांग करते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री जॉनसन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारी चिंताओं से अवगत कराएंगे? हमें इस गतिरोध के जल्द खत्म होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने पीएम जॉनसन से पूछा कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि हर किसी को शांतिपूर्ण विरोध का मौलिक अधिकार है?
बोरिस जॉनसन ने बताया भारत-पाकिस्तान का मामला
इस पर जवाब देते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमारा विचार यह है कि निश्चित रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उसके बारे में हमारी गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन यह मुद्दा दोनों देशों की सरकारों के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं जानता हूं कि वह (तनमनजीत सिंह ढेसी) उस बिंदु की सराहना करते हैं।
यह देख खुद सांसद तनमनजीत हैरान रह गए कि पीएम को शायद मामले की जानकारी नहीं है। इधर, सोशल मीडिया पर पीएम बोरिस की खूब फजीहत हुई।
British Sikh MP – I am horrified that water cannons being used on Protestors, Would our PM convey a message to Indian PM for quick resolution
Boris Jhonson – "it's a bilateral matter of India and Pakistan(Khalistan) and I know they will settle it"
😂😂😂 pic.twitter.com/h38aRNvsF2
— Squint Neon (@TheSquind) December 9, 2020
ब्रिटेन ने बताया भारत का आंतरिक मामला
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने भारत के किसान आंदोलन पर कुछ भी आधिकारिक रूप से बोलने से इनकार किया है। विदेशी, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय ने कहा है कि विरोध प्रदर्शनों को संभालने की बात भारत का आंतरिक मामला है। बता दें कि करीब 36 ब्रिटिश सांसदों ने ब्रिटेन की सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था।
किसान आंदोलन के समर्थन में 36 ब्रिटिश सांसद, भारत पर दबाव बनाने के लिए लिखी चिट्ठी
किसान आंदोलन पर ब्रिटिश सांसदों ने लिखी थी चिट्ठी
लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रमंडल सचिव डोमिनिक राब को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में सांसदों ने किसान कानून के विरोध में भारत पर दबाव बनाने की मांग की गई थी। सांसदों के गुट ने डोमिनिक रॉब से कहा है कि वे पंजाब के सिख किसानों के समर्थन विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालकों के जरिए भारत सरकार से बातचीत करें।