आखिर ‘किसान आंदोलन’ के पीछे है कौन-कौन?

कृषि मंत्री ने दिखाया भास्कर:किसान आंदोलन में उठी दिल्ली दंगों के आरोपियों की रिहाई की मांग, तोमर बोले- ये किसानों की डिमांड कैसे?
नरेंद्र सिंह तोमर ने भास्कर की कॉपी दिखाकर किसान आंदोलन में दिल्ली दंगों के आरोपियों की रिहाई की मांग पर सवाल उठाया।

नई दिल्ली 10 दिसंबर। किसान आंदोलन में नया विवाद जुड़ गया है। टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को दिल्ली दंगों के आरोपितों शरजील इमाम, उमर खालिद को पोस्टर दिखाई दिए और इनमें उन्हें रिहा करने की मांग की गई। भास्कर ने ये रिपोर्ट छापी। शुक्रवार को भास्कर की इसी रिपोर्ट को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कैमरे के सामने दिखाया। उन्होंने सवाल उठाया कि किसान की मांग MSP और कानून के प्रावधान हो सकते हैं, पर दिल्ली दंगों के आरोपियों की रिहाई उनकी मांग कैसे हो सकती है?

तोमर ने भास्कर की कॉपी दिखाते हुए कहा- मैं भास्कर अखबार सुबह देख रहा था। जो ये फोटो छपा हुआ है। किसान की मांग एपीएमसी की हो सकती है, किसान की मांग एक्ट में प्रावधानों को लेकर हो सकती है। लेकिन, ये किसान की डिमांड कहां से हो सकती है। ये डिमांड और पोस्टरबाजी हो रही है तो किसान यूनियन के नेताओं से कहना चाहता हूं कि इससे बचना चाहिए और ये किसान आंदोलन को बिखेरने की कार्रवाई है।
किसान आंदोलन में शरजील इमाम का पोस्टर, तोमर बोले- ये किसानों से जुड़ा मुद्दा तो नहीं
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टिकरी बॉर्डर पर शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि एमएसपी, एएमपीसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (फाइल फोटो-PTI)
कृषि मंत्री ने किसानों से की आंदोलन खत्म करने की अपील
कृषि मंत्री बोले- सरकार गतिरोध खत्म करने की कोशिश कर रही है
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 16वें दिन जारी है. इस बीच टिकरी बॉर्डर पर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कई आरोपियों के पोस्टर और उनकी रिहाई की मांग की तस्वीर वायरल हो रही है. कुछ किसान नेताओं का कहना है कि इन्हें रिहा किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने किसानों के इस मांग पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टिकरी बॉर्डर पर शरजील इमाम के पोस्टर का मसला उठाया.उन्होंने आरोप लगाया कि एमएसपी, एएमपीसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं. यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए.यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने को है.

क्या है पूरा विवाद दरअसल, किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी.

आरोप लगाया गया है कि इन सभी को झूठे केसों में अंदर डाला गया है,ऐसे में सरकार को इन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए.हालांकि,अन्य किसान नेताओं ने इस पोस्टर की जानकारी होने से इनकार किया.वहीं,भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के नेता झंडा सिंह का कहना है कि ये सिर्फ हमारे संगठन की ओर से पोस्टर लगाए गए थे.ये सभी बुद्धिजीवी हैं और हमारी मांग है कि जिन बुद्धिजीवियों को जेल में डाला गया है,उन्हें रिहा किया जाए.

कृषि मंत्री ने की आंदोलन खत्म करने की अपील

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि हम किसानों की समस्याओं पर विचार कर रहे हैं. कई बिंदुओं पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने किसानों से पूछा कि एपीएमसी को सुदृढ़ बनाने के लिए क्या करना चाहिए, इस पर किसानों ने कोई जवाब नहीं दिया, वह चुप हो गए.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि हमने किसानों को जो सुझाव भेजे हैं, उसमें एपीएमसी मंडी के बाहर प्राइवेट मंडियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर किसानों के डर को दूर किया गया है. राज्य सरकारों को अधिकार है कि वह प्राइवेट मंडियों के रजिस्ट्रेशन और टैक्स पर फैसला ले सकती हैं. हम एसडीएम कोर्ट की जगह न्यायिक कोर्ट के रास्ते खोलने पर विचार कर सकते हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ट्रेडर्स का पैन कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन के विवाद को राज्य सरकारें सुलझा सकती हैं और वह अपने नियम से ट्रेडर्स का रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं. पराली अध्यादेश का भी हम किसानों के हिसाब से समाधान करेंगे. बिजली को लेकर पहली की व्यवस्था रहने का वादा किया गया है. सब प्रस्ताव हमने भेज दिया है.

टिकरी बॉर्डर पर क्यों लगे उमर-शरजील के पोस्टर, किसान नेता बोले- रिहा करे सरकार

किसानों से अपील करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए, सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. किसी कानून के प्रावधान पर चर्चा होती है, हमने प्रस्ताव भेजा है. मेरी अपील है कि आंदोलन को खत्म करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए.
तीनों कृषि कानून के वापस लेने के सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि सरकार ने कानून को सोच समझकर बनाया है. किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए बनाया गया है. किसानों की बेहतरी के लिए बनाया गया है, लेकिन अगर यूनियन के दिमाग में कोई बात है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए तैयार है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि आंदोलन के कारण किसानों को भी परेशानी हो रही है. आंदोलन से जनता को भी परेशानी होती है, इसलिए जनता और किसानों के हित में यूनियन को आंदोलन वापस लेना चाहिए. हमारे प्रपोजल पर अभी आधिकारिक तौर पर यूनियन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, मीडिया के जरिए प्रस्ताव खारिज की खबर मिली है.

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