IMF:विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था
India’s Growth: कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन संकट के बीच भी भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती देखने को मिल रही है.
महामारी के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था, भारत की विकास दर 8.2 फीसदी रहने का अनुमान
इंडियन इकोनॉमी (फाइल फोटो)
India’s Growth: कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन संकट के बीच भी भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती देखने को मिल रही है. IMF ने कहा कोरोना महामारी के दौरान भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है. इस वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 8.2%रहने का अनुमान है.
विकास दर 8.2 %0रहने का अनुमान
आईएमएफ वर्ल्ड आउटलुक के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 8.2 %और अगले साल 6.9 % रहने का अनुमान है. इस वित्तीय वर्ष के अनुमानों के मुताबिक, भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन जनवरी के बाद से विकास दर में (0.8 प्रतिशत अंक) की कमी देखने को मिली है.
रूस-यूक्रेन संकट का दिख रहा असर
IMF वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, इस कैलेंडर वर्ष और उसके बाद विश्व उत्पादन में 3.6 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है. वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध ने अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के दृष्टिकोण को प्रभावित किया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था: दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ेगी, चालू वित्त वर्ष में 4.4 %रह सकती है वैश्विक वृद्धि दर
भारतीय अर्थव्यवस्था (सांकेतिक तस्वीर)।
भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले दो वर्षों तक दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने का अनुमान है। 2022-23 में यह नौ फीसदी और 2023-24 में 7.1 %दर से आगे बढ़ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वैश्विक जीडीपी की वृद्धि अनुमान पर कहा, वैश्विक विकास दर 2022-23 में 4.4 % और 2023-24 में 3.8 % रह सकती है।
विकसित देशों की वृद्धि दर 3.9 % और 2.6 % रह सकती है। उभरते और विकासशील देशों की विकास दर 4.8 % और 4.7 % रह सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था चार % और 2.6 % की दर से आगे बढ़ सकती है। यूरो जोन की वृद्धि दर 3.9 और 2.5 % रहने का अनुमान है।
वृद्धि दर
2022-23 में 9.0 % रह सकती है वृद्धि दर
2023-24 में 7.1 % रह सकती है वृद्धि दर
2022-23 का अनुमान
संस्थान पहले अब
विश्व बैंक 8.7 8.0
रिजर्व बैंक 7.8 7.2
सिटी ग्रुप 8.3 8.0
मोर्गन स्टेनली 8.4 7.9
फिच रेटिंग 10.3 8.5
यूक्रेन युद्ध का विकास दर पर पड़ेगा असर
एशियन डेवलपमेंट बैंक का अनुमान है कि 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी और 2023-24 में 8 फीसदी रह सकती है। इस दौरान चीन की विकास दर पांच फीसदी और 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, 2022-23 में भारत की विकास दर में और तेजी आ सकती थी। लेकिन, रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से इस पर थोड़ा असर पड़ने की आशंका है।
भारत चुनौतियों से लड़ने में सक्षम : आरबीआई
वैश्विक स्तर पर जारी संकट को लेकर भारत के समक्ष चुनौतियां हैं। लेकिन बड़े पैमाने पर टीकाकरण, वित्तीय क्षेत्र की मजबूती और बेहतर निर्यात के साथ इन चुनौतियों का अच्छे से सामना कर रहा है। आरबीआई ने एक लेख में कहा है कि भारत ने कोरोना की तीसरी लहर से पार पाते हुए नए संवत में कदम रखा। कई क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेजी में हैं। इसके अनुसार आनेवाले समय में वृद्धि को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण होगा। लेख के अनुसार, व्यापार और चालू खाते के बढ़ते घाटे के साथ विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी से बाहरी स्तर का जोखिम भी बना हुआ है।
बैंक तेजी से लागू कर रहे हैं मौद्रिक नीति की घोषणाएं
मौद्रिक नीति घोषणाओं को बैंक तेजी से लागू कर रहे हैं। अक्तूबर, 2019 में बाह्य मानक संबद्ध ऋण दर (ईबीएलआर) व्यवस्था अपनाने के बाद खासतौर पर इसमें तेजी आई है। आंतरिक बेंचमार्क आधारित उधारी दर की व्यवस्थाओं को कई मुद्दों का सामना करना पड़ा था। इसमें एमसीएलआर मामले भी थे।
वित्तमंत्री ने क्रिस्टलीना जॉर्जिवा से की मुलाकात
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर यानी एमडी क्रिस्टलीना जॉर्जिवा के साथ मुलाकात की है. ये मुलाकात आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक की स्प्रिंग मीटिंग के साथ हुई. इस बैठक में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जैसे भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत वी नागेश्वरन और आईएमएफ की गीता गोपीनाथ ने भी हिस्सा लिया.