‘दो टके’ के लारेंस विश्नोई से डरा पप्पू यादव मांग रहा अब जेड केटेगरी सुरक्षा

पप्पू यादव के पीछे क्यों पड़ गया लॉरेंस बिश्नोई, जानें ‘दो टके’ से शुरू हुई पूरी कहानी

Lawrence Bishnoi Pappu Yadav Fight: पप्पू यादव को लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से धमकियां मिल रहीं हैं.
Lawrence Bishnoi Pappu Yadav Full Story: बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) की हत्या के एक दिन बाद पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और बिहार के बाहुबली पप्पू यादव (Pappu Yadav) के ट्वीट ने तहलका मचा दिया. लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के बारे में इस तरह की बात तो खुद सलमान खान ने भी नहीं की. जिनकी वजह से बाबा सिद्दीकी की हत्या होना बताया जा रहा है. खुद बाबा सिद्दीकी ने भी लॉरेंस को लेकर ऐसी बातें नहीं की थीं. 13 अक्तूबर को पप्पू यादव ने ट्वीट किया, “यह देश है या हिजड़ों की फौज.एक अपराधी जेल में बैठ चुनौती दे लोगों को मार रहा है,सब मूकदर्शक बने हैं. कभी मूसेवाला,कभी करणी सेना के मुखिया, अब एक उद्योगपति राजनेता को मरवा डाला. कानून अनुमति दे तो 24घंटे में इस लारेंस बिश्नोई जैसे दो टके के अपराधी के पूरे नेटवर्क को खत्म कर दूंगा.”

जाहिर है इतनी तीखी टिप्पणी पर हंगामा मचना था, सो मचा. हर कोई पप्पू यादव की दिलेरी की चर्चा करने लगा. इस ट्वीट के महज छह दिन बाद पप्पू यादव का एक वीडियो आया. इसमें वे एक पत्रकार को लगभग डांटते नजर आ रहे हैं. दरअसल, इस पत्रकार ने पप्पू यादव से लॉरेंस को लेकर सवाल पूछ दिया था. इस पर पप्पू यादव ने कहा,”हमने पहले ही कह दिया था कि ये सवाल मत पूछिए. आप ज्यादा तेज मत बनिए. ये सवाल नहीं होगा.” तब लगा कि शायद पप्पू यादव बार-बार लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर उसे बड़ा नहीं बनाना चाहते.

इसके बाद आज कई तरह की खबरें आईं. इसमें पता चला कि पप्पू यादव को बिश्नोई गैंग से धमकी मिल रही है और वो बिहार और केंद्र सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. कई ऑडियो और वीडियो भी इन धमकियों के आए.सोशल मीडिया के जरिए भी पप्पू यादव को धमकी दी गई. इसी में एक धमकी भर ऑडियो वायरल हुआ है. जिसमें पप्पू यादव को धमकी देते हुए एक शख्स कहता है, “तुझे बड़ा भाई बनाया, जेल से जैमर बंदकर कांफ्रेंस पर फोन किया. ऊपर से तूने भाई का फोन नहीं उठाया. मजाक समझ रखा है क्या… भाई को ये सिला दिया. शर्मिंदा करवा दिया. बड़े भाई का फर्ज तो निभा देता.तेरे से कुछ मांगा नहीं, फिर ऐसा क्यों किया. भाई से बात करवाऊंगा, मसला सुलझा ले अपना. तेरे सभी ठिकानों की जानकारी भाई के पास है.कच्चा चबा जाऊंगा.” फिर वो सभी ठिकानों के बारे में बता भी देता है.

एक और ऑडियो वायरल हुआ है. यह पूरी बातचीत आपके लिए हम लिख रहे हैं….
पप्पू यादव- नमस्ते जी… कैसे हैं? बताइए मैं पीए हूं, साहब का (पप्पू यादव खुद के ही पीए बन बात कर रहे हैं. आवाज से तो यही लग रहा है.)

धमकी देने वाला– पीए है साहब का

पप्पू यादव– बताइए ना, बताइए मालिक, बताइए क्या आदेश है?

धमकी देने वाला-आदेश तो कुछ नहीं है. बात इतनी है कि कमेंट या किसी के खिलाफ बोलना हो तो समझ के बोलना चाहिए.

पप्पू यादव-भैया किसी के खिलाफ नहीं बोलते हैं. नॉर्मल ट्वीट करते हैं किसी भी घटना को लेकर. किसी भी परिस्थिति को लेकर ट्वीट होता है. कोई.. किसी व्यक्ति के बारे में… किसी चीजों के बारे में… कोई मतलब उन्हें नहीं रहता है वो ट्वीट जब कोई घटना घटती है तो पॉलिटिकल ट्वीट होता है तो पॉलिटिकल ट्वीट वे अपना करते हैं उसमें (खुद के बारे में ही बन बोल रहे हैं) .कोई दुश्मनी नहीं है

धमकी देने वाला-हमलोग कर्म कांड दोनों करते हैं.

पप्पू यादवभाई साहब, एक बात समझिए. बहुत क्लियर हूं मैं इस मामले में कि पप्पू यादव जी देश के सात बार इंडिपेंडेंट एमपी रहे हैं और

धमकी देने वाला बीच में टोकते हुए-उससे मतलब नहीं.. हम पॉलिटिक्स से ना जुड़े हैं ना हम जानते हैं. जो हमारे रास्ते में आएगा

पप्पू यादव बीच में टोकते हुए-मेरी बात सुनिए जो आज हो रहा है वही होता जाएगा.. आपके रास्ते में ना कोई जा रहा है, ना जाता है, ना जाएगा, वो पॉलिटिकल चीजें हैं. पॉलिटिकल चीजें होती रही हैं.

धमकी देने वाला- किसी के खिलाफ बोलना किसी को अपशब्द बोलना पॉलिटिकल नहीं है. बाकी हम देख लेंगे. एक बार फोन करने का मकसद यही था सुधर जाओ. नहीं आगे तो देख लेंगे.

पप्पू यादव- निश्चित रूप से आप बेफिक्र रहें आप.

सोशल मीडिया पर धमकी
इस बीच सोशल मीडिया पर भी पप्पू यादव को लेकर एक धमकी दी गई है. धमकी देने वाले ने लिखा, “औकात में रहकर चुपचाप राजनीति करो, ज्यादा इधर उधर तीन-पांच करके टीआरपी कमाने के चक्कर में मत पड़ो. वरना रेस्ट इन पीस कर देंगे.” इन धमकियों की तारीख मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक लिखी गई है.ये पप्पू यादव ही बता सकते हैं कि उन्हें फोन पर धमकी कब दी गई? इस बीच उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की मांग की है.

अमित शाह से मांगी मदद
पप्पू यादव ने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिखकर अपने लिए ‘वाई श्रेणी’ की सुरक्षा बढ़ाकर ‘जेड श्रेणी’ करने की मांग की है. पूर्णिया के सांसद ने इसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी की है. पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र में लिखा कि मैं अपने जीवनकाल में एक बार बिहार विधान सदस्य तथा 6 बार संसद सदस्य (लोकसभा) के रूप में निर्वाचित हुआ हूं. इस दौरान मुझ पर तथा मेरे परिवार के सदस्यों पर हमला हुआ है. कई बार नेपाल के माओवादी संगठन सहित कई जातिवादी अपराधियों ने जानलेवा हमला किया है. मैं ऊपर वाले की कृपा से बचता रहा. उन्होंने आगे लिखा कि नेपाल के उग्रवादी संगठन माओवादी ने जब मेरे मोबाइल पर धमकी दी थी. केंद्रीय गृह विभाग द्वारा मुझे 2015 में वाई प्लस (थ्रेट) सुरक्षा घेरा में रखा गया था. साल 2019 में मेरे सुरक्षा घेरा को घटाकर वाई श्रेणी की सुरक्षा घेरा में मुझे रखा गया है. मेरा सुरक्षा घेरे में कमी का फायदा उठाते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कई हत्या के शातिर अपराधी ने अपने फेसबुक पर लाइव होकर मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दीं. इतना ही नहीं, घर में घुसकर मुझे जान से मारने की धमकी भी दी गई. उसके खिलाफ मैंने आपको लिखित जानकारी दी थी.

जान का खतरा बताया
पूर्णिया के सांसद ने आगे लिखा कि इसकी जानकारी मैंने बिहार के मुख्यमंत्री समेत गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक को भी दी थी. मेरा दुर्भाग्य यह है कि किसी ने आज तक इसकी सुध नहीं ली. आज जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग लगातार देश में घटना पर घटना कर रहा है. मैंने एक राजनीतिक व्यक्ति होने के कारण घटना का विरोध किया. विरोध करने पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के प्रमुख ने मुझे जान मारने की धमकी मेरे मोबाइल पर दी है. जिसकी कॉपी मैं सहज उपलब्धता के लिए संलग्न कर रहा हूं. इतनी बड़ी जानलेवा धमकी देने के बावजूद मेरी सुरक्षा के प्रति बिहार के गृह मंत्रालय एवं केंद्रीय गृह मंत्रालय मेरे सुरक्षा के प्रति निष्क्रिय दिख रहा है. लगता है, मेरी हत्या के बाद ही लोकसभा एवं विधानसभा में शोक संवेदना जताने के लिए ही सक्रिय होंगे.मेरी सुरक्षा घेरा को ‘वाई श्रेणी’ से बढ़ाकर ‘जेड श्रेणी’ सुरक्षा घेरा किया जाए. साथ ही बिहार के सभी जिलों में पुलिस एस्कॉट समेत कार्यक्रम स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा की सख्त व्यवस्था की जाए. यदि ऐसा नहीं किया गया तो मेरी हत्या कभी भी हो जाएगी. इसकी जिम्मेदारी केंद्र और बिहार सरकार की होगी.

 

 

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