भारतीय मूल की हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स महासंघ अध्यक्ष लिसा

Lisa Sthalekar FICA President: भारत में जन्मीं लिसा स्टालेकर ने रचा इतिहास, फिका की पहली महिला अध्यक्ष बनीं

भारत में जन्मी ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर लिसा स्टालेकर ने इतिहास रच दिया है। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स महासंघ (फिका) की पहली महिला अध्यक्ष बन गई हैं।
लंदन: ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज क्रिकेटर लिसा स्टालेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स महासंघ (फिका) की पहली महिला अध्यक्ष बन गई हैं। स्विट्जरलैंड के नियोन में आयोजित फिका कार्यकारी समिति की बैठक में ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान 42 वर्षीय स्टालेकर के यह पद संभालने की पुष्टि की गयी। उनसे पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज बैरी रिचर्ड्स, वेस्टइंडीज के पूर्व ऑलराउंडर जिमी एडम्स और हाल ही में इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज विक्रम सोलंकी यह पद संभाल चुके हैं।

फिका ने बयान में कहा, ‘स्विट्जरलैंड के नियोन में इस सप्ताह संपन्न हुई फिका कार्यकारी समिति की बैठक में लिसा स्टालेकर की फिका के अध्यक्ष के रूप में पुष्टि की गई है।’ कोविड-19 महामारी के बाद फिका की यह पहली बैठक थी। फिका के कार्यकारी अध्यक्ष हीथ मिल्स ने कहा, ‘अपने सदस्यों के साथ परामर्श के बाद हमें अपनी पहली महिला अध्यक्ष के रूप में लिसा की नियुक्ति की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’

इस बीच स्टालेकर ने कहा, ‘हम खेल के नये दौर में प्रवेश कर रहे हैं जिसमें हमारे पुरुष और महिला खिलाड़ियों के लिये पहले से अधिक क्रिकेट शामिल है। अधिक देश अब यह खेल खेल रहे हैं जो इस बात का सबूत है कि क्रिकेट एक वैश्विक खेल बन रहा है।’ पुणे में जन्मी स्टालेकर ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 187 अंतरराष्ट्रीय मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया।

उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एकदिवसीय क्रिकेट में किया। स्टालेकर ने 125 वनडे मैचों में दो शतक और 16 अर्धशतक की मदद से 2728 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने ऑफ स्पिनर के रूप में 146 विकेट भी लिये। वह वनडे क्रिकेट में 1000 रन बनाने और 100 विकेट लेने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनी थी। उन्होंने आठ टेस्ट और 54 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले। उन्हें 2021 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था।

Lisa Sthalekar: पुणे के अनाथालय की ‘लैला’, जिसने इंटरनेशनल क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का लहराया परचम

लिसा स्टालेकर ने पुणे के उस अनाथालय का दौरा किया है जिसने उन्हें नया जीवन प्रदान किया था. लिसा का शुमार ऑस्ट्रेलियाई टीम के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में होता है.

ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तान रह चुकी हैं लिसा स्टालेकर

महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था लिसा स्टालेकर का जन्म
लिसा स्टालेकर का शुमार ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम के बेस्ट ऑलराउंडर्स में किया जाता है. 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद लिसा ने कमेंट्री को अपना करियर बना लिया. जिसमें वह एक अलग पहचान बना चुकी हैं. पुणे में पैदा होने वाली भारतीय मूल की लिसा का ऑस्ट्रेलिया तक का सफर आसान नहीं रहा था.

लिसा स्टालेकर को उनके जैविक माता-पिता पुणे के ‘श्रीवत्स’ अनाथालय के सामने छोड़ गए थे क्योंकि वे उनका पालन-पोषण नहीं कर सकते थे . उस अनाथ आश्रम में लिसा को लैला नाम मिला. बाद में लिसा को भारतीय मूल के डॉ. हरेन और उनकी अंग्रेज पत्नी सू ने गोद लिया था और वे बच्ची को लेकर मिशिगन जाकर शिफ्ट हो गए, जहां इस इस दंपत्ति ने लैला का नाम बदल कर लिसा रख दिया. बाद में हरेन और सू सिडनी जाकर बस गए थे.

अब 42 साल की लिसा स्टालेकर ने 12 साल बाद उस अनाथालय (श्रीवत्स) का दौरा किया जिसने उन्हें नवजीवन प्रदान किया था. लिसा ने ट्वीट किया, ‘अपने अनाथालय में वापस आना हमेशा इमोशनल होता है. सभी ने बहुत स्वागत किया. 12 साल पहले जिन स्टाफ को देखा था, उनमें से बहुत सारे स्टाफ से दोबारा मिलकर काफी खुश हूं.

 

लिसा स्टालेकर ने साल 2001 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मुकाबले से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था. लिसा स्टालेकर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 8 टेस्ट, 125 वनडे और 54 टी20 मुकाबलों में भाग लिया. वनडे इंटरनेशनल में लिसा ने 2728 रन बनाने के साथ ही 146 विकेट भी लिए.

वहीं टी20 इंटरनेशनल में लिसा ने कुल 729 रन बनाए और 60 विकेट भी लिए. लिसा स्टालेकर के नाम टेस्ट मैचों में 416 रन बनाने के अलावा 23 विकेट दर्ज हैं. लिसा ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी भी की थी।

 

ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर को खल रही भारतीय मसालों की कमी, ट्वीट कर कही दिल की बात

ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम (Australian Women Cricket Team) की पूर्व कप्तान और कॉमेंटेटर लिसा स्थालेकर (Lisa Sthalekar) को भारतीय मसालों की कमी खल रही है. उन्होंने इसे लेकर मजेदार ट्वीट किया है. (Lisa Sthalekar Instagram)
ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम (Australian Women Cricket Team) की पूर्व कप्तान और कॉमेंटेटर लिसा स्थालेकर (Lisa Sthalekar) को भारतीय मसालों की कमी खल रही है. उन्होंने इसे लेकर मजेदार ट्वीट किया है. (Lisa Sthalekar Instagram)
ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान और कॉमेंटेटर लिसा स्थालेकर (Lisa Sthalekar) को भारतीय मसालों की कमी खल रही है. उन्होंने इसे लेकर एक तस्वीर ट्वीट की. इस तस्वीर को शेयर करने के साथ उन्होंने लिखा कि मैं पूरी गर्मियों के लिए मेलबर्न में शिफ्ट हो गई हूं और मुझे किचन में जिस एक चीज की कमी मुझे महसूस हो रही है, वो हैं भारतीय मसाले.

नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम (Australian Women Cricket Team) की पूर्व कप्तान और कॉमेंटेटर लिसा स्थालेकर (Lisa Sthalekar) को भारतीय मसालों की कमी खल रही है. उन्होंने इसे लेकर एक तस्वीर ट्वीट की. इस तस्वीर को शेयर करने के साथ उन्होंने लिखा कि अब जबकि मैं पूरी गर्मियों के लिए मेलबर्न में शिफ्ट हो गई हूं. तो मेरे किचन में जिस एक चीज की कमी मुझे महसूस हो रही है, वो है भारतीय मसाले. मुझे जल्द से जल्द स्थानीय मसाले की दुकान ढूंढनी पड़ेगी.

दरअसल, लिसा का भारतीय मसालों से यह प्रेम इसलिए भी है. क्योंकि उनका जन्म भारत के पुणे शहर में हुआ है और यहां से निकलकर वह ऑस्ट्रेलिया पहुंची और वहां के लिए क्रिकेट खेलीं और बाद में कप्तानी भी की.

लिसा ने भारतीय टीम की आलोचना की थी

 

लिसा इस वक्त भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम के बीच चल रही सीरीज में कॉमेंट्री कर रही हैं. उन्होंने हाल ही में इकलौता पिंक-बॉल टेस्ट ड्रॉ होने पर भारतीय टीम की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि भारत ने इस मैच का नतीजा निकालने के लिए बहादुरी नहीं दिखाई. दरअसल, इस मैच में भारत ने पहली पारी में करीब 3 दिन तक बल्लेबाजी की. इस दौरान भारतीय टीम ने 145 ओवर खेले थे. इस टेस्ट के पहले दो दिन बारिश से काफी प्रभावित रहे थे. भारत ने तीसरे दिन के दूसरे सेशन में जाकर 377 रन पर अपनी पारी घोषित की.

इसके बाद मैच में करीब 1 दिन का खेल ही बचा था. ऐसे में नतीजे की उम्मीद बहुत कम थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने मैच के चौथे दिन लंच के बाद 9 विकेट पर 240 रन के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर मैच में कुछ रोमांच पैदा करने की कोशिश की. लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ और आखिरकार यह ऐतिहासिक टेस्ट ड्रॉ रहा

लिसा के ऑस्ट्रेलिया पहुंचने की कहानी दिलचस्प

जहां तक की लिसा की बात है, तो उनके ऑस्ट्रेलिया पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है. दरअसल, लिसा को उनके माता-पिता पुणे के एक अनाथालय में छोड़ गए थे. क्योंकि वो उन्हें पाल नहीं सकते थे. बाद में एक डॉक्टर ने उन्हें गोद ले लिया था, जो लिसा को अमेरिका लेकर चले आए. वहां कुछ साल बिताने के बाद डॉक्टर अपने परिवार के साथ केन्या आ गए और फिर ऑस्ट्रेलिया आकर बस गए. बचपन में ही पिता ने लिसा को एक क्रिकेट क्लब में एडमिशन दिला दिया था.

यहीं उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं और एक दिन ऑस्ट्रेलिया के लिए खेली और फिर इस देश की क्रिकेट टीम की कप्तानी की. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद लिसा कॉमेंट्री में हाथ आजमा रही हैं. वो आईपीएल के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों के लिए भी कॉमेंट्री करती नजर आ चुकी हैं.

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