पहली सफलता: सुरंग में फंसे श्रमिकों को 6″ पाइप आर-पार
Uttarkashi Tunnel Collapse Live: Silkyara Tunnel Rescue Operation Underway Day 9 PM Modi Talked With CM Dhami
दो रोबोट जाएंगे सुरंग के अंदर, मंगलवार को फिर होगी ड्रोन उड़ाने की कोशिश
टनल में आर पार हुआ पाइप
दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू का आज नौवां दिन है। अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी आज उत्तरकाशी पहुंचे हैं। उन्होंने यहां हालात का जायजा लिया।
फिर होगी ड्रोन उड़ाने की कोशिश
ऑपरेशन सिलक्यारा में मंगलवार को विशेषज्ञों की टीम अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल करेगी। इसको जहां डीआरडीओ के 70 किलो के दो रोबोट पहुंच चुके हैं, वहीं ड्रोन को भी नए सिरे से उड़ाया जाएगा। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीश खलखो ने बताया, सुरंग के भीतर डीआरडीओ के दो रोबोट आए हैं,जिनमें एक 50 किलो और दूसरा 20 किलो का है। बताया, ड्रोन पहले दिन अच्छे नतीजे नहीं दे पाया। अब मंगलवार को फिर उड़ाया जाएगा।
सुरंग में आर-पार हुआ 57 मीटर लंबा पाइप
सिलक्यारा सुरंग में छह इंच का एक अतिरिक्त पाइप आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को ड्रिल किया जा रहा था। वह अब आर-पार हो गया है। इसकी लंबाई 57 मीटर है। इस पाइप से मजदूरों को खाद्य सामग्री भेजी जाएगी। पहले लगाया गया पाइप छोटा होने से उन्हें केवल ड्राईफ्रूट और मुरमुरे ही भेजे जा रहे थे। अब उन्हें अन्य खाने की वस्तुएं भी भेजी जा सकेंगी।
दो रोबोट पहुंचे सिलक्यारा
एनएचआईडीसीएल निदेशक अंशू मनीष ने कहा कि डीआरडीओ ने 20 किलो और 50 किलो वजन वाले दो रोबोट भेजे हैं। रोबोट जमीन पर चलते हैं और जमीन रेत की तरह काम कर रही है,हमें आशंका है कि रोबोट वहां चल पाएंगे या नहीं।
रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा पहुंची
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिक बचाने को रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा सुरंग स्थल पहुंच गई है। समय के साथ खतरा बढ़ रहा है,जिससे बचाव अभियान में तेजी लाई जा रही है।
श्रमिकों के परिजनों का आवागमन का पूरा खर्चा उठाएगी राज्य सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के यहां आने के इच्छुक परिजनों के आवागमन का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने जरूरतमंद परिजनों के मोबाइल रिचार्ज,भोजन,आवास की भी व्यवस्था करने की बात कही।
दो से तीन दिन में पूरी हो सकेगी ड्रिल
सुरंग के ऊपर 1.2 मीटर परिधि की ड्रिलिंग को जगह चुन ली गई है जिसका सेटअप अगले 24 घंटे में होने की संभावना है। अब दो से तीन दिन में ड्रिलिंग हो सकेगी।
निरीक्षण करने पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी आज उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने यहां निरीक्षण करने के बाद कहा कि हम श्रमिकों को बाहर निकालने ने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हमें तुलना करने की आवश्यकता है। हमने यहां सुरंग के ऊपर देखा है और हम जानते हैं कि सुरंग के अंदर क्या हो रहा है। हम उन 41 लोगों को बचा रहे हैं और ऐसा करते समय हम किसी को भी चोट नहीं पहुंचने देंगें। यह किसी भी जटिल काम की तरह है। जहां हमें चारों ओर ऊपर से नीचे तक देखना होता है। यहां की टीम बचाव पर इतना ध्यान केंद्रित कर रही है कि किसी और को चोट न पहुंचे। फिलहाल, यह सकारात्मक दिख रहा है। हम सभी एक टीम हैं। टनल के ऊपर 320 मीटर दूरी पर टीम ने ड्रिल को स्थान चुना है। यहां से 89 मीटर गहराई तक ड्रिल होगी।
पांचवें पाइप को बढ़ाया जा रहा है आगे
सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग का काम दोबारा चल रहा है। पांचवें पाइप को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस तरह 30 मीटर तक ड्रिल हो जाएगी। टनल पर सड़क बनाना जारी है। सुरंग पर ड्रिलिंग को 1200 मीटर अस्थाई सड़क बनेगी। कल रविवार शाम तक 900 मीटर सड़क बन गई थी। शेष कार्य को लोक निर्माण विभाग व बीआरओ के श्रमिक पहुंच गए हैं।
केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों ने डाला सिलक्यारा में डेरा
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर बचाने को बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। इस ऑपरेशन में पांच प्लान पर कार्य करने को केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारी सिलक्यारा में ही डेरा डाले हैं। उच्चाधिकारियों ने विशेषज्ञों के साथ सुरंग के भीतर से लेकर इसके ऊपर की पहाड़ी तक दिनभर अनेक बार निरीक्षण कर ड्रिलिंग मशीनों को प्लेटफार्म तैयार करने का जायजा लिया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इस अभियान को लेकर उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव डाॅक्टर रंजीत सिन्हा, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, उत्तरकाशी जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं।
ड्रिलिंग मशीन को कंक्रीट ब्लाॅक से करेंगे सुरक्षित
सुरंग में ड्रिलिंग मशीन को भी भूस्खलन से बचाने को कंक्रीट ब्लाॅक से ढका जा रहा है। यें कंक्रीट ब्लाॅक बीआरओ ने विशेष रूप से भेजे हैं। एनएचआईडीसीएल अधिकारियों के अनुसार एक बार ड्रिलिंग मशीन की सुरक्षा पक्का कर लें, तो पाइप डालना दोबारा शुरू हो जाएगा।
बाहर निकलने की पूरी कोशिश जारी: मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। मेडिकल टीम भी वहाँ पर तैनात है। सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश हो रही है। अब तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके । पीएमओ टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी और लगातार स्थिति पर नज़र बना समन्वय कर रही है।
फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत: प्रधानमंत्री मोदी
टनल के ऊपर ड्रिल के लिए ऐसे बन रही सड़क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध करा रही हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता से राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों को एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं।
भूस्खलन का खतरा कम करने को शॉटक्रिट मशीन से स्प्रे किया गया है। बैकअप प्लान में सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग को अस्थायी सड़क बनाने का काम भी अंतिम चरण में है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर राहत बचाव कार्य की जानकारी ली।
,सुरंग के दाएं और बाएं ओर से भी क्षैतिज ड्रिलिंग को भूभौतिकी व भू-वैज्ञानिकों का सर्वे पूरा हो गया है। सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग को बन रही 1200 मीटर लंबी सड़क का 900 मीटर हिस्सा बन चुका है। इसका जिम्मा लोनिवि, बीआरओ को सौंपा है।