पूर्व आईएएस डॉ चुघ समेत पांच जन बाबा तरसेम सिंह हत्या में नामांकित
Baba Tarsem Singh Murder: पांच पर हत्या पर प्राथमिकी, आरोपितों में एक पूर्व आइएएस का नाम भी
नानकमत्ता के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने पंजाब के तरनतारन निवासी सरबजीत सिंह समेत पांच आरोपितों के विरुद्ध हत्या व हत्या के षड्यंत्र की प्राथमिकी अंकित कर ली है। 28 मार्च को डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह परिसर में बाहर कुर्सी पर बैठे थे। तभी बाइक सवार दो लोगों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
गुरुवार सुबह डेरा परिसर में ही गोली मार गए थे दो बाइक सवार हमलावर
पूर्व आइएएस, रामपुर के प्रधान जत्थेदार व तराई महासभा का उपाध्यक्ष भी आरोपित
नानकमत्ता (ऊधम सिंह नगर) 29 मार्च 2024: नानकमत्ता के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में पुलिस ने पंजाब के तरनतारन निवासी सरबजीत सिंह समेत पांच आरोपितों के विरुद्ध हत्या व हत्या के षड्यंत्र की प्राथमिकी अंकित कर ली है। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपितों में पूर्व आइएएस का नाम भी है।
जसवीर सिंह निवासी चारुबेटा खटीमा ने पुलिस को दी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि 28 मार्च को डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह परिसर में बाहर कुर्सी पर बैठे थे। तभी बाइक सवार दो लोग पहुंचे उन्होंने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। हमलावरों ने सेवादार जसपाल सिंह पर भी फायर किया।
गुरुद्वारा यात्री निवास में ठहरे थे दोनों हमलावर
घटनास्थल पर मौजूद अन्य सेवादारों ने हमलावरों गोली चलाते, हमला कर भागते हुए देखा। दोनों हमलावर 19 मार्च से गुरुद्वारा परिसर में भाई मरदाना यात्री निवास के कमरे में ठहरे हुए थे। दोनों हमलावरों को डेरा कारसेवा में दो दिन पहले घूमते देखा था। जिसमें से एक आरोपित का नाम सरबजीत सिंह पुत्र स्वरुप सिंह निवासी ग्राम मियांविड जिला तरनतारन (पंजाब) कमरे में मिली आइडी से तस्दीक हुआ है।
दोनों हमलावर सराय में रहने के लिए बिना वाहन आए थे। उनके पास तब कोई हथियार भी नहीं देखा गया था। जिससे प्रतीत होता है कि हमलावरों को बाइक और हथियार स्थानीय व्यक्ति ने उपलब्ध कराया। बाइक में पीछे बैठा हमलावर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टा पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी ग्राम सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर(उप्र) का है।
गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति खुर्दबुर्द करने से रोकते थे बाबा
जसवीर ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने से रोकते थे। इस कारण तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधु निवासी खेमपुर गदरपुर, गुरुद्वारा प्रबधंक कमेटी के पदाधिकारी व अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है। पांच दिन पूर्व बिलहरा थाना अमरिया निवासी फतेहजीत सिंह खालसा ने फेसबुक पर एक पोस्ट प्रसारित की थी। ऐसे में उस पर भी डेरा प्रमुख की हत्या में शामिल होने का संदेह है।
पुलिस ने जसवीर की लिखित शिकायत पर सरबजीत सिंह व अमरजीत सिंह के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के प्रधान और पूर्व आइएएस डॉक्टर हरबंस सिंह चुघ, तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह संधू और गुरुद्वारा श्री हरगोविंद सिंह रतनपुरा नवाबगंज (उप्र) के मुख्य जत्थेदार बाबा अनूप सिह के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है।
गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब की प्रबंध कमेटी के प्रधान डॉक्टर हरबंस सिंह चुघ उत्तराखंड सरकार में सचिव रह चुके । 1986 बैच के पीसीएस डॉक्टर चुघ ने उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड में विभिन्न विभागों का नेतृत्व में किया। आईएएस कैडर मिलने के दो साल तक हरिद्वार जिले के जिलाधिकारी और हरिद्वार विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे। दिसंबर 2021 में गन्ना एवं चीनी उद्योग सचिव पद से सेवानिवृत्त होने के बाद धार्मिक और संगत की सेवा का मन बनाया।
गदरपुर निवासी हरबंस सिंह चुघ (पुत्र रणजीत सिंह) ने पंतनगर विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक की डिग्री लेने के बाद प्रबंधन में पीएचडी की। 1986 में पीसीएस अधिकारी बन उत्तर प्रदेश में अपनी सेवाएं दीं। अमेरिका, चीन, श्रीलंका आदि देशों में भारत के लिए काम किया। 2011 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आ रुद्रपुर के मंडी परिषद व टीडीसी में प्रबंध निदेशक रहे। साल 2015 से 2017 तक डॉक्टर चुघ हरिद्वार के जिलाधिकारी और हरिद्वार विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष पद पर भी सेवा दी। इसके अलावा वह शासन में राजस्व,कृषि,श्रम,पंचायती राज,वन,खेलकूद,ग्रामीण अभियंत्रण,आयुष आदि विभागों के सचिव भी रहे। पूर्व आईएएस डॉक्टर चुघ गन्ना एवं चीनी उद्योग सचिव के पद से दिसंबर 20221 में सेवानिवृत्ति के बाद से राजकीय उपभोक्ता फोरम के शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में सदस्य हैं।
उन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद धार्मिक सेवा का मन बना लिया और उत्तर भारत के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब की सेवा के लिए गदरपुर क्षेत्र से निर्विरोध डायरेक्टर चुने गए और आज वह गुरुद्वारा साहिब की प्रबंध कमेटी के प्रधान पद पर चुने गए। पूर्व आईएएस डॉक्टर चुघ की पत्नी अवनीत चुघ पुलिस मार्डन स्कूल देहरादून में अध्यापिका हैं। पुत्री हिमालय जी यूनीवर्सिटी में आर्किटेक्ट व सहायक प्राध्यापिका हैं और बेटे गुरकीरत सिंह अधिवक्ता हैं। उन्होंने कहा कि संगत को बेहतर सुविधाएं देने के साथ ही गुरुद्वारा साहिब के हित में बेहतर काम किया जाएगा।