उत्तराखंड बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अक्षयपात्र ने पहुंचाये 45000 पके भोजन

अक्षय पात्र ने उत्तराखंड के बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचायी खाद्य राहत

विपदा में फंसे लोगों को दो हफ़्तों में परोसे 45,000 से अधिक, पके हुए भोजन

देहरादून, 24 नवंबर, 2021: अक्षय पात्र फाउंडेशन ने पिछले महीने में भारी बारिश के बाद उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को खाना पहुंचाकर बड़ी राहत दी। 19 अक्टूबर से, दो हफ़्तों में फाउंडेशन ने ज़रूरतमंद लोगों को 45,000 से ज़्यादा, ताज़े पके हुए भोजन परोसे।

इस राहत कार्य के लिए उत्तराखंड के गदरपुर में स्थित अक्षय पात्र की केंद्रीकृत रसोई केंद्र बिंदु के रूप में कार्य कर रही थी। अक्षय पात्र के कर्मचारियों और स्थानीय स्वयंसेवकों की एक टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन वितरित करने में जुटी हुई थी। भोजन को केंद्रीकृत रसोई में पकाकर अक्षय पात्र वितरण वाहनों से प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचाया गया। दोपहर और रात के खाने में परोसे जाने वाले सामान में चावल, आलू-राजमा, सब्जी दाल, मिक्स दाल, आलू-छोले और सादी कढ़ी शामिल थे।

उत्तराखंड – अक्षय पात्र फाउंडेशन के क्षेत्रीय अध्यक्ष, श्री. भरतशभा दास ने कहा, “अक्षय पात्र में, हम मानते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत प्रयासों में सबसे महत्वपूर्ण और ज़रूरी होता है प्रभावित लोगों को भोजन पहुंचाना। उत्तराखंड में, भारी बारिश और बाढ़ ने आपूर्ति श्रृंखलाओं में कई बाधाएं डाल दी, जिससे भारी संख्या में लोगों को भोजन मिल पाना मुश्किल हो गया। इस स्थिति में, हमने अपनी रसोई के माध्यम से लोगों को ताज़ा पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की।” उन्होंने आगे कहा, “इस गंभीर स्थिति में हमारे भोजन राहत प्रयासों का समर्थन करने के लिए आगे आने के लिए मैं स्वयंसेवकों को धन्यवाद देना चाहता हूं। उनके समर्थन ने हमें इस कठिन समय में कई लोगों की मदद करने में सक्षम बनाया।”

अक्षय पात्र ने प्रशासन के मानवीय प्रयासों का समर्थन करने के लिए, रसोई और संसाधनों के अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित लोगों को तत्काल भोजन राहत देने का काम कई बार किया है। पिछले कुछ वर्षों में, इसने उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय रूप से भोजन राहत पहुंचाने का कार्य किया है, जिससे कई लोगों को प्रतिकूल परिस्थितियों में ज़रूरी मदद मिल पायी है।

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