उद्धव के बाद शरद की कांग्रेस को खरी-खरी- सावरकर से लड़ लो या भाजपा से

Savarkar Row Congress To Tone Down Attack After Sharad Pawar’S Intervention

सावरकर पर राहुल गांधी के हमलों से टूटेगी महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी? शरद पवार को देना पड़ा दखल

सावरकर विवाद से महाराष्ट्र में महा विकास अSघाड़ी में खटपट
सावरकर पर राहुल गांधी के लगातार हमलों से महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में दरार आने के बाद शरद पवार को हस्तक्षेप करना पड़ा है। एनसीपी चीफ के हस्तक्षेप के बाद माना जा रहा है कि सावरकर को लेकर कांग्रेस का रुख नरम होगा।

हाइलाइट्स
सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणियों से महा विकास अघाड़ी में खटपट
शिवसेना ठाकरे गुट और एनसीपी राहुल गांधी की टिप्पणियों से हैं असहज
बात बिगड़ न जाए इसलिए शरद पवार ने किया हस्तक्षेप
पवार ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को सावरकर पर नरम रुख अपनाने की दी सलाह

नई दिल्ली 28 मार्च : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से वी. डी. सावरकर की की तीखी आलोचना करने को लेकर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के बीच मतभेद गहरा चुके हैं। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार को दखल देना पड़ा है। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को इस मुद्दे पर शिवसेना की चिंताओं से वाकिफ कराया और नरम रुख अपनाने की अपील दी है।

विपक्षी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सावरकर की आलोचना के मामले में अपना रुख नरम करने पर सहमत हो गई है। पार्टी द्वारा सावरकर की आलोचना की वजह से महाराष्ट्र में उसके गठबंधन साझेदार एनसीपी और शिवसेना में असहजता है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में सावरकर मुद्दे को उठाया था और एमवीए सहयोगियों के बीच इस मामले पर सहमति है।

राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, कि ‘एमवीए गठबंधन बरकरार है। यदि किसी को लगता है कि एमवीए टूट जाएगा, तो वह गलत है।’ समझा जाता है कि गांधी ने राउत को भरोसा दिया कि वह सावरकर का कोई भी आलोचनात्मक जिक्र करने से बचेंगे।

बैठक में शामिल दो नेताओं ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पवार ने सोमवार को खडगे की तरफ से बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया और स्पष्ट किया कि सावरकर को निशाना बनाने से एमवीए को कोई लाभ नहीं होगा। बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे।

शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसदों की एक बैठक के बाद राउत ने कहा, कि ‘लगभग सभी विपक्षी नेताओं का विचार था कि सावरकर के मुद्दे को उठाने की कोई जरूरत नहीं है। हमें यह तय करना होगा कि हमें मोदी से लड़ना है या सावरकर से और भ्रम उत्पन्न नहीं करना है।’

पवार ने राहुल गांधी को यह भी बताया कि सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे और इस बात को रेखांकित किया कि विपक्षी दलों की असली लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि राहुल ने बैठक में कहा कि सावरकर का मुद्दा एक वैचारिक रुख है। तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति के नेताओं ने भी शिवसेना के ठाकरे गुट के साथ सम्पर्क किया।

भाजपा ने राहुल गांधी पर ब्रिटेन के दौरे के दौरान भारत को ‘बदनाम’ करने का आरोप लगाया है और उनसे माफी की मांग की है। लोकसभा के पूर्व सदस्य गांधी ने कहा कि वह सावरकर नहीं हैं और माफी नहीं मांगेंगे।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सावरकर पर हमले के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी और कहा था कि उनकी पार्टी स्वतंत्रता सेनानी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट सावरकर को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी के विरोध स्वरूप खरगे की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुआ था।

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