उत्तराखंड में भी जबरी धर्मांतरण गैर जमानती, नैनीताल हाईकोर्ट जायेगा हल्द्वानी
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर 10 साल कैद, नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगी हाईकोर्ट
Uttarakhand Cabinet Decisions: बुधवार को पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए। लगभग 3 घंटे चली इस बैठक में 29 फैसलों पर मुहर लगी। इनमें जबरन धर्मांतरण को गंभीर अपराध घोषित करने पर सहमति बनी है। इसके अलावा नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने का भी फैसला लिया गया है।
हाइलाइट्स
1-उत्तराखंड की कैबिनेट मीटिंग में जबरन धर्मांतरण को गंभीर अपराध घोषित करने पर सहमति बन गई है
2*उत्तर प्रदेश की तरह ही अब जबरन धर्मांतरण कानून गैर-जमानती कैटिगरी में आ गया है
3-इसके अलावा उत्तराखंड हाई कोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का भी फैसला लिया गया है
देहरादून 16 नवंबर: उत्तराखंड (Uttarakhand news) सरकार की कैबिनेट मीटिंग में जबरन धर्मांतरण को गंभीर अपराध घोषित किए जाने पर सहमति बन गई है। यूपी की तरह ही यहां भी अब जबरन धर्मांतरण कानून (anti-conversion law) गैर-जमानती कैटिगरी में आ गया है। इसके तहत 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी। इसके अलावा उत्तराखंड हाई कोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी (uttarakhand high court haldwani) शिफ्ट करने का भी फैसला लिया गया है। लगभग 3 घंटे तक चली इस महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में 29 फैसलों पर मुहर लगी।
धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत 2018 में प्रदेश में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनाया गया था। लेकिन मौजूदा समय में बदले हालात में इसे और अधिक सशक्त बनाये जाने के लिए उत्तर प्रदेश की तरह इसमें संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि इस संशोधन के तहत जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध मानते हुए 10 साल की कैद की सजा का प्रावधान प्रस्तावित है। सूत्रों ने कहा कि 2018 अधिनियम में जबरन धर्मांतरण का दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। इस संशोधन को जल्द ही राज्य विधानसभा में लाया जाएगा।
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया।
बैठक में राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं को व्यवसायिक एवं व्यवहारिक रूप देने के लिए 74:26 की अंशधारिता के साथ टीएचडीसी (इण्डिया) लिमिटेड एवं यूजेवीएन लिमिटेड के मध्य संयुक्त उपक्रम के गठन को भी स्वीकृति दी गयी।
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Uttarakhand: धामी कैबिनेट के फैसले, गैर जमानती हुआ उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून, नैनीताल हाईकोर्ट होगा शिफ्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Wed, 16 Nov 2022 09:51 PM IST
सार
Uttarakhand Cabinet Meeting: धामी कैबिनेट में धर्मांतरण कानून को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। धर्मांतरण कानून सख्त बनाया जाएगा। इसी के साथ उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैर जमानती हुआ। इसके अलावा नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट करने को लेकर भी बड़ा लिया गया।
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराने वालों को अब दस साल तक की सजा होगी। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पर मुहर लग गई। बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 26 प्रस्ताव आए, जिनमें से 25 पर मुहर लग गई। इनमें उत्तर प्रदेश की तरह पर उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण का कानून सख्त बना दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति का जबरन धर्मांतरण करने पर एक से पांच साल की सजा और 25 हजार जुर्माना है, जबकि उत्तराखंड में ऐसा करने पर दो से सात साल की सजा होगी और 25 हजार जुर्माना होगा। प्रदेश में सामूहिक धर्मांतरण के मामले में अब तीन से दस साल तक की सजा होगी, पहले अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान था। साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पांच लाख रुपये की प्रतिपूर्ति भी मिल सकेगी। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। पहले यह असंज्ञेय अपराध था। अब सरकार इसे विधानसभा पटल पर रखेगी।
हाईकोर्ट हल्द्वानी शिफ्ट करने पर सैद्धांतिक सहमति
कैबिनेट में नैनीताल हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। लंबे समय से हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद चल रही थी। वहीं, अधिवक्ताओं के स्तर पर इसका विरोध किया जा रहा है।
शॉपिंग मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को राहत
शॉपिंग मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अब बैठने की व्यवस्था भी करनी होगी। अभी तक वह ड्यूटी के दौरान ज्यादातर समय काउंटर या अन्य जगहों पर खड़े रहते हैं। इसके लिए सरकार ने उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली को मंजूरी दे दी है।
बैठक में इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
1- मुख्यमंत्री की घोषणा में चंपावत में संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) की स्थापना की जाएगी।
2- उत्तराखंड राज्य विधि विज्ञापन प्रयोगशाला अराजपत्रित (तकनीकी) समूह ख सेवा नियमावली 2022 को मंजूरी।
3- जल विद्युत परियोजनाएं बनाने को टीएचडीसी और यूजेवीएनएल के संयुक्त उपक्रम गठित करने पर मुहर। इसमें टीएचडीसी का 74 प्रतिशत और यूजेवीएनएल का 26 प्रतिशत अंश होगा।
4- ग्रामीण निर्माण विभाग में होने वाले कार्यों के लिए वित्तीय सीमा 15 करोड़ से बढ़ाकर असीमित करने पर मुहर।
5- राज्य पोषित कौशल विकास योजना में संचालकों को भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा। पहले तीन किस्तों में होता था।
6- उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी सेवा (संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी।
7- उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901 (उत्तराखंड अनुकूलन एवं उपरांतरण आदेश, 2001) की धारा-1 में संशोधन और धारा-233 के अंत: स्थापन को विधेयक लाने की मंजूरी।
8- उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त)(संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी।
9- उत्तराखंड बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) नियमावली 2022 को मंजूरी।
10-उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण अधिनियम 2022 को मंजूरी।
11- 4 जी सेवाओं से वंचित गांवों में बीएसएनएल की 4-जी सेवाओं के टावर स्थापित करने के लिए दो हजार वर्गफीट भूमि निशुल्क देने का निर्णय।
12- अपणि सरकार पोर्टल के तहत 329 नागरिका सेवाओं और डाटा लेक विकसित करने के लिए मानव संसाधन रखने पर सहमति।
13- उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 (संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी।
14- प्रस्तावित जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना हेतु पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन नीति 2022 को मंजूरी।
15- जून 2013 की केदारनाथ प्राकृतिक आपदा से केदारनाथ धाम से तिलवाड़ा तक व्यावसायिक प्रतिठानों की सामग्रियों को हुई क्षति की राहत के तहत दूसरी किस्त किस्त की धनराधि जारी करने पर मुहर।
16- केदारनाथ धाम एराइवल प्लाजा में 5850 किलोग्राम वजन की कलात्मक कलाकृति ओम मूर्ति स्थापित करने पर मुहर।
17- उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) अधिनियम, 2013 में संशोधन किए जाने हेतु अध्यादेश लाने की अनुुमति।
18- उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम-2016 की विभिन्न धाराओं में लघु उल्लंघना हेतु नागरिकों को कारावास की सजा देने की व्यवस्था में संशोधन पर मुहर।
19- उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार (संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी।
20- उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी।
21- उत्तर प्रदेश जल संभरण सीवर व्यवस्था अधिनियम 1975 (उत्तराखंड में यथा प्रवृत्त) में उत्तराखंड जल संस्थान के 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के वार्षिक लेखे विधानसभा के पटल पर रखने पर मुहर।
22- साइलेज की सब्सिडी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का फैसला। पशु आहार पर मिलने वाले अनुदान पर दो रुपये की बढ़ोतरी। पशु चारे के लिए भूसे पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
23- उत्तराखंड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियम और सेवा शर्त) नियमावली 2022 को मंजूर