धूं-धूं कर जल रहे हैं उत्तराखंड में अमूल्य वन, चार मौतें ,सात पालतू पशुओं की भी मौत

उत्तराखंड : धधके जंगल, कई स्थानों में घरों तक पहुंची जंगल की बेकाबू आग, सात जानवरों और चार लोगों की मौत, गृहमंत्री ने दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
उत्तराखंड में बेकाबू होती जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर वार्ता कर राज्य में वनों की आग की स्थिति की जानकारी दी।
देहरादून 04 अप्रैल । उत्तराखंड में बेकाबू होती जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर वार्ता कर राज्य में वनों की आग की स्थिति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य को दो हेलीकाप्टर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी यहां भेजी जाएगी।

जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर आज शाम या फिर सोमवार को उत्तराखंड पहुंच जाएंगे। एक हेलीकॉप्टर को कुमाऊं और दूसरे को गढ़वाल क्षेत्र में आग बुझाने के उपयोग में लाया जाएगा। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जंगल की आग के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की। उन्होंने अग्नि दुर्घटनाओं में रिस्पांस टाइम में कमी लाने, आग पर नियंत्रण में स्थानीय निवासियों का सहयोग लेने समेत अन्य निर्देश दिए।

अल्मोडा

अल्मोड़ा जिले में वनाग्नि की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार देर शाम क्षेत्र में जंगल में आग की चार और घटनाएं सामने आई हैं। कई इलाकों में आग घरों की ओर बढ़ने लगी। अग्निशमन दल ने आग पर तत्परता से काबू पा लिया। इधर शनिवार को विकास भवन के समीप भी जंगल धधक गए।
उत्तराखंड में लगातार हो रही वनाग्नि की घटनाओं में सात जानवरों और चार लोगों की मौत हुई है। इसकी पुष्टि स्वयं उत्तराखंड के वन मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत ने की है।

उन्होंने कहा कि राज्य में 964 जगहों पर आग लगी हुई है। जिसमें कुल सात जानवर और चार लोगों की मौत हुई है। वहीं दो लोग घायल हुए हैं। मौसम ने इस स्थिति को और चुनौती पूर्ण बना दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मैं इस पर नजर बनाए हुए हैं। हम हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का प्रयास करेंगे।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में वनाग्नि की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार देर शाम क्षेत्र में जंगल में आग की चार और घटनाएं सामने आई हैं। कई इलाकों में आग घरों की ओर बढ़ने लगी। अग्निशमन दल ने आग पर तत्परता से काबू पा लिया। इधर शनिवार को विकासभवन के समीप भी जंगल धधक गए। दो दिन में ही अल्मोड़ा क्षेत्र के अंतर्गत जंगलों की नौ घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
देर शाम सबसे पहले तुलड़ी के जंगल आग से घिर गए। जंगल में तेजी से आग फैलने लगी, जंगलों की आग रिहायशी इलाकों तक बढ़ती चली गई। दमकल कर्मियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। उधर तल्लातोली में भी जंगल में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया।

मौके पर पहुंच दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। यहां से दमकल कर्मी आग बुझाकर निकले तो कलटानी के जंगल में आग की सूचना मिली। इधर जलना के समीप जंगल भी आग की चपेट में आ गए। एक के बाद एक लगातार चार क्षेत्रों में जंगल धूधूकर जलते रहे। वनाग्नि की घटनाओं में वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा। इधर शनिवार को विकासभवन के निकट जंगलों में भी आग लगी रही। दो दिनों में अल्मोड़ा क्षेत्र के अंतर्गत की जंगलों की आग के नौ मामले सामने आए हैं।

एफएसएसओ उमेश चंद्र परगाई ने बताया कि कार्मिकों की कमी बनी हुई है। ऐसे में जितने कार्मिक हैं,उन्हीं से काम चलाना पड़ रहा है। सभी स्थानों पर कार्मिकों को भेज आग पर काबू पाया जा रहा है। टीम में एलएफएम कुंवर सिंह राणा,एलएफएम हरीश राम टम्टा,एलएफएम हरनाम सिंह, चालक मुकेश सिंह,पंकज सिंह,फायर मैन खुशाल भारती, गंगाराम आदि थे।

तीनों ओर आग से घिरा गोरसाली गांव, घास और लकड़ियां जलीं

टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के अंतर्गत गोरसाली गांव शुक्रवार रात को तीन ओर आग से घिर गया। आग के कारण खेतों में इकट्ठा की गई घास और लकड़ियां जल गईं। आग बढ़ती देख ग्रामीणों ने तत्परता दिखाई तो कुछ हद तक आग पर काबू पाया जा सका। इसके बाद वन विभाग ने ग्रामीणों और फायर ब्रिगेड की मदद से रात लगभग दो बजे आग बुझा ली। वहीं श्रीनगर क्षेत्र में शनिवार को भी जंगलों में आग लगी रही। श्रीनगर व कीर्तिनगर क्षेत्र में 29 मार्च से विभिन्न जगहों पर जंगलों में आग लगी है।

जंगल की आग से जला तुणख्या विद्यालय का भवन

पौड़ी में जंगल में लगी आग से शनिवार को एक प्राथमिक विद्यालय भवन जल गया। गनीमत रही कि कोरोना संक्रमण काल के कारण विद्यालय बंद था,जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया लेकिन स्कूल का फर्नीचर और दस्तावेज जलकर राख हो गए।

पौड़ी जिले के जंगल इन दिनों भीषण आग से धधक रहे हैं। जंगलों की आग में वन संपदा के साथ ही जंगली जानवर भी संकट में हैं। शुक्रवार रात को जंगल की आग कोट ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तुणख्या तक पहुंच गई जिससे विद्यालय का भवन जल गया। बताया जा रहा है कि विद्यालय भवन पुराना था। वहीं विद्यालय के समीप एक गौशाला भी जलकर नष्ट हो गई। गौशाला में तीन मवेशी थे, जिन्हें ग्रामीणों ने समय रहते बाहर निकाल दिया था।

स्यूंड गांव के ग्रामीणों ने बुझाई जंगल की आग

रुद्रप्रयाग में तल्लानागपुर के ग्राम पंचायत स्यूंड के ग्रामीणों ने गांव के समीप जंगल में लगी आग बुझाई। प्रधान ने वन विभाग से आग बुझाने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराने की मांग की है। शुक्रवार रात को स्यूंड गांव से लगे चीड़ के जंगल में आग लग गई थी। आग की लपटें तेजी से गौशालओं की तरफ बढ़ने लगी।

इस दौरान प्रधान अरविंद डिमरी के नेतृत्व में युवाओं की टीम जंगल में पहुंची और आग बुझाने में जुट गई। प्रधान ने बताया कि संसाधनों के अभाव के बाद भी युवाओं ने आग पर काबू पाया,जो सराहनीय कार्य है। आग बुझाने वालों में सुशील सेमवाल,अनूप डिमरी,हिमांशु सेमवाल आदि शामिल थे।

उत्तरकाशी में 45 हेक्टेयर जंगल हो चुके हैं राख

उत्तरकाशी जिले के विभिन्न हिस्सों में जंगल धधक रहे हैं। जिले के पांच वन प्रभागों में अभी तक चार दर्जन आग की घटनाओं में करीब 45 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। अपर यमुना वन प्रभाग में पौंटी,मोल्डा,उपराड़ी,गंगनानी क्षेत्र के जंगल जल रहे हैं। डीएफओ केपी वर्मा ने बताया कि इस सीजन में प्रभाग में अभी तक आग लगने की सात घटनाओं में करीब सात हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है।

इधर, शुक्रवार रात को गंगोरी के पास नाल्ड में जंगल की आग भयावह होने से क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई थी। हालांकि मौके पर पहुंचे अग्निशमन व वन कर्मियों ने आग पर समय रहते आग पर काबू पा लिया था। उत्तरकाशी वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी रविंद्र पुंडीर ने बताया कि प्रभाग में अभी तक जंगलों में आग लगने की 35 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिसमें करीब 30 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है।

पौड़ी जिले में जल चुका है 321 हेक्टेयर जंगल

पौड़ी जनपद के गढ़वाल वन प्रभाग में अब तक वनाग्नि की 217 घटनाएं हो चुकी हैं,जिसमें 321 हेक्टेयर वन भूमि जल चुकी है। शुक्रवार शाम को खिर्सू ब्लाक के सिंगोरी ग्राम सभा में वनाग्नि आवासी भवनों तक आ पहुंची। ग्रामीण महेंद्र नेगी ने बताया कि लोगों ने कड़ी मेहनत से आग पर काबू पाया।

वहीं, शिकारी जॉय हुकिल ने कहा कि जंगलों की आग से गुलदार का भोजन जल रहा है। ऐसे में गुलदार बस्तियों की ओर रुख कर सकते हैं। उन्होंने लोगों को जंगलों की आग बुझाने में वन विभाग का सहयोग करने की अपील की है। वहीं, डीएफओ गढ़वाल केएस रावत ने कहा कि जंगलों की आग पर नियंत्रण के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *