नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को ब्रिटिश सरकार की मंजूरी,एक और बाधा शेष
PNB Fraud Case: ब्रिटिश सरकार ने दी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मंजूरी, भारत आने का रास्ता हुआ साफ
PNB Fraud Case लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में मार्च 2019 से बंद नीरव मोदी (50) ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर भारतीय बैंक से घोटाला किया था। इनमें से नीरव पकड़ में आ गया जबकि मेहुल फरार चल रहा है।
लंदन, 16 अप्रैल। भारत में पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13 हजार करोड़ रूपये का घोटाला करने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अनुमति दे दी है। भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई की याचिका पर ब्रिटिश कोर्ट ने नीरव के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है, जिसके बाद पटेल ने ब्रिटिश सरकार की ओर से उसे भारत भेजने की अनुमति दी है।
लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में मार्च 2019 से बंद नीरव मोदी (50) ने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर भारतीय बैंक से घोटाला किया था। इनमें से नीरव पकड़ में आ गया, जबकि मेहुल फरार चल रहा है। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज सैम्युएल गूजी ने नीरव को घोटाले का साजिशकर्ता माना और कहा कि उसे भारतीय अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। जस्टिस गूजी ने सीबीआई द्वारा नीरव के खिलाफ पेश सुबूतों को मजबूत माना है।
नीरव मोदी के पास हाईकोर्ट में अपील करने का मौका
ब्रिटिश कोर्ट ने भारतीय जेलों, नीरव के मानसिक स्वास्थ्य और भारतीय न्याय व्यवस्था को लेकर हीरा कारोबारी के वकीलों की सारी दलीलों को खारिज करते हुए फैसला सुनाया है। लंदन में मौजूद भारतीय कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार कोर्ट के इसी आदेश के आधार पर ब्रिटेन की गृह मंत्री ने नीरव के प्रत्यर्पण के अनुमति पत्र पर दस्तखत किए हैं। लेकिन नीरव के पास गृह मंत्री की अनुमति के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का भी मौका है। वह गृह मंत्री की अनुमति के 14 दिन के भीतर हाईकोर्ट में उसे चुनौती दे सकता है।
लंदन में किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि जनवरी 2018 में पीएनबी के लाइन ऑफ क्रेडिट के माध्यम से 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के बाद नीरव मोदी परिवार सहित विदेश भाग गया था। सीबीआई और ईडी ने जांच में नीरव की संलिप्तता के सुबूत के आधार पर उसके खिलाफ रेडकार्नर नोटिस जारी कराया था। दिसंबर 2018 में नीरव के हुलिया बदलकर लंदन में छुपे होने की पुष्टि हुई थी और मार्च 2019 में उसे लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी तरह घोटाले का दूसरा आरोपित मेहुल चोकसी एंटीगुआ फरार हो गया था। एंटीगुआ के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं होने के बावजूद सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए कूटनीतिक प्रयासों में लगी है।
ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने शुक्रवार को नीरव मोदी को भारत के हवाले किए जाने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। पटेल भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक हैं और ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार में गृहमंत्री हैं।
भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी भारत वापसी (nirav modi extradition case) तय हो गई है। ब्रिटेन ने मोदी के प्रत्यर्पण के लिए जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर इस पर मुहर लगा दी है। मोदी पर पीएनबी (पंजाब नैशनल बैंक) के साथ दो अरब डालर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग (अपराध की कमाई को वैधता प्रदान करने के हथकंडे अपनाने) के आरोप में भारत में मुकदमा चलाया जाना है। मोदी के प्रत्यर्पण दस्तावेज पर ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल (priti patel) ने हस्ताक्षर किए हैं। आइए, जानते हैं, प्रीति पटेल कौन हैं?
प्रीति पटेल को ब्रिटेन में मोदी का समर्थक माना जाता है
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में भारतीय मूल की प्रीति पटेल गृहमंत्री हैं। भारतीय मूल की 47 साल की प्रीति ब्रिटेन में ब्रेग्जिट समर्थकों का प्रमुख चेहरा हैं। प्रीति पटेल को कंजरवेटिव पार्टी के मौजूदा दौर में सबसे चर्चित नेताओं में से गिना जा रहा है। जॉनसन की ही तरह वह भी दक्षिणपंथी रुझान के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने ब्रिटेन में समलैंगिक जोड़ों की शादी की वैधता का विरोध किया था। स्मोकिंग के खिलाफ भी उन्होंने अभियान चलाया था। ब्रेग्जिट के समर्थक चेहरों में वह सबसे प्रमुख नेता रही हैं। अपने प्रचार के दौरान वह अक्सर ब्रिटेन का गौरव और कंजरवेटिव पार्टी का गौरव जैसे नारों का प्रयोग करती हैं।
मोदी की समर्थक के तौर पर हैं मशहूर
पूर्व ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की लंदन यात्रा का प्रभार सौंपा था। लंदन में भारतीय समुदाय के बीच वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक के तौर पर भी लोकप्रिय हैं। प्रीति ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों के सभी प्रमुख कार्यक्रमों में अतिथि होती हैं। उन्हें ब्रिटेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्साही प्रशंसक के रूप में देखा जाता है।
युगांडा से ब्रिटेन में बसे थे प्रीति के पिता
प्रीति का जन्म 29 मार्च 1972 को इंग्लैंड में ही हुआ। उनके पिता का नाम सुशील और मां का नाम अंजना पटेल है। उनके पैरेंट्स गुजरात से युगांडा चले गए थे और 1960 के दशक में वहां से भागकर ब्रिटेन में आकर बस गए। प्रीति ने कील और एसेक्स यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की है। ग्रैजुएशन करने के बाद कंजरवेटिव पार्टी के सेंट्रल ऑफिस में नौकरी की और इसके बाद 1995 से 1997 तक सर जेम्स गोल्डस्मिथ के नेतृत्व वाली रेफरेंडम पार्टी की प्रवक्ता रहीं। यह पार्टी ब्रिटेन में यूरोपीय संघ की विरोधी पार्टी मानी जाती थी। साल 1997 में कंजरवेटिव पार्टी का हिस्सा बन गईं और अगले तीन सालों तक पार्टी की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी रहीं।
प्रीति पहली बार 2005 में नॉटिंगम सीट से चुनाव लड़ीं पर उन्हें जीत नहीं मिली। फिर 2010 में उन्होंने विटहैम सीट से चुनाव जीत लिया था। साल 2014 में उन्हें ट्रेजरी मंत्री बनाया गया और 2015 के आम चुनावों के बाद वो रोजगार मंत्री बन गई थीं। 2016 जून में उन्हें अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री बनाया गया था लेकिन एक साल बाद इस्तीफा देना पड़ा। दो साल बाद जबर्दस्त वापसी करते हुए ब्रिटेन की गृह मंत्री बन गई हैं।