जी-23 से ‘खानदानी’ कांग्रेस को बड़ी चेतावनी

गुलाम नबी के समर्थन में लामबंद हुए ‘गांधी-23’ के नेता, सिब्बल बोले- कमजोरी स्वीकार करे कांग्रेस
कांग्रेस नेता राजबब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम गांधी-23 हैं. और गांधी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है.पार्टी के आदर्शों के चलते गुलाम नबी आजाद बड़े बने. उनके रिटायरमेंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी भावुक हो गए थे. आजाद ही सही मायनों में लोकतांत्रिक हैं. कांग्रेस वो पार्टी है जहां हर किसी की सुनवाई होती है. यह गांधीवादियों और कांग्रेसियों की संस्कृति और परंपरा रही है.
आजाद बोले- कुछ और नेता भी आना चाहते थे हमने मना किया
कपिल सिब्बल ने कहा- कांग्रेस को मजबूत करेंगे
मनीष तिवारी बोले उठाते रहेंगे कश्मीरियों की आवाज
जम्मू 27 फरवरी (सुनील जी भट्ट)। राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और संसद से विदाई के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उनके साथ जी-23 के भी कई नेता मौजूद हैं. शनिवार को जम्मू में रैली के दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली से आए कांग्रेस के नेताओं का स्वागत किया.

इस दौरान पार्टी के शीर्ष नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हुई है और हमें इसे मजबूत करने की जरूरत है. इस बात को हमें स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब आप प्लेन में जाते हैं तो आपको चलाने वाले के साथ-साथ एक इंजीनियर की भी जरूरत होती है जो इसका तकनीक के बारे में जानता हो. गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के लिए इसी भूमिका में हैं. वह देश के सभी राज्यों की जमीनी हकीकत जानते हैं.

देश और कांग्रेस को गुलाम नबी के मार्गदर्शन की जरूरत

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आजाद एक संकल्पित कांग्रेसी नेता हैं. आजाद उन नेताओं में से हैं जो कांग्रेस को समझते हैं. कांग्रेस और यह राष्ट्र दोनों को ही गुलाम नबी आजाद के दिशानिर्देश और मार्गदर्शन की जरूरत है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि किसी प्रदेश को बांटकर दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए हैं. जम्मू कश्मीर को बांट दिया गया और हम इसके लिए लड़ते रहेंगे.

G-23 नहीं, गांधी-23: राज बब्बर

कांग्रेस नेता राजबब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम गांधी-23 हैं. और गांधी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है. पार्टी के आदर्शों के चलते गुलाम नबी आजाद बड़े बने. उनके रिटायरमेंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी भावुक हो गए थे. आजाद ही सही मायनों में लोकतांत्रिक हैं. कांग्रेस वो पार्टी है जहां हर किसी की सुनवाई होती है. यह गांधीवादियों और कांग्रेसियों की संस्कृति और परंपरा रही है.

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि और नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल होना चाह रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना किया मैंने कहा कि लोग अटकलें लगाने लगेंगे. मैंने उन्हें अगली बार आने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने आनंद शर्मा,भूपेंद्र सिंह हुड्डा का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पार्टी के कई सीनियर नेता जो यहां मौजूद हैं इन लोगों ने संसद में जम्मू कश्मीर के लोगों की आवाज उठाई है.

ससंद से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं: आजाद


इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं संसद से रिटायर हुआ हूं. राजनीति से नहीं. और यह पहली बार नहीं है. यह चिंता की बात नहीं है. मैंने कई बार जबरदस्त वापसी की है. मैं प्रधानमंत्री मोदी समेत उन सभी लोगों को शुक्रिया कहना चाहता हूं जिन्होंने मेरी प्रशंसा की थी.

गुलाम नबी आजाद के सम्मान में कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद ने कहा कि, कौन कह रहा है कि आजाद साहब रिटायर हुए हैं? लोगों को भ्रम में नहीं रहना चाहिए. वह सक्रिय रहेंगे. हम चाहते हैं कि वह राजनीति में सक्रिय रहें.

क्या है जी-23 एक समय में कांग्रेस के 23 नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. इन्हें G-23 के नाम से भी जाना जाता है. जम्मू पहुंचने वालों में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल शामिल हैं.

क्या है कांग्रेस के भीतर बना G-23,कौन -कौन से नेता हैं इसमें शामिल और गांधी परिवार से क्यों हैं नाराज?

पिछले साल अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी.

कांग्रेस पार्टी के G-23 नेताओं का समूह अब देशव्यापी “सेव द आइडिया ऑफ इंडिया” कैंपेन लॉन्च कर रहा है. इसके लिए रैलियों और जनसभा की शुरुआत शनिवार को जम्मू से हो रही है, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने सभी को आमंत्रित किया है. गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस के G-23 में शामिल हैं. पिछले साल अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी.आइए समझते हैं क्या है कांग्रेस के भीतर बना G-23 और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत.

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कुछेक राज्यों को छोड़ दें, तो पूरे देश में कांग्रेस अपना जनाधार खोती चली गई. कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हुई तो राहुल गांधी ने कुछ समय को पार्टी की कमान संभाल ली. मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ दिया. सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बन गईं. इसके बाद कई और राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी झेलनी पड़ी.

अगस्त के महीने में नेताओं ने लिखी चिट्ठी

चुनावों में कांग्रेस के लगातार खराब प्रदर्शन से पार्टी के भीतर संगठनात्मक बदलाव की मांग तेज होने लगी. इसी बीच कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने पिछले साल अगस्त के महीने में चिट्ठी लिखकर हंगामा खड़ा कर दिया. चिट्ठी लिखने वाले इन्हीं नेताओं को ग्रुप-23 (G-23) कहा गया. ग्रुप-23 कहे जाने वालों में शामिल गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने चिट्ठी प्रकरण के बाद भी पार्टी नेतृत्व से चुभते सवाल पूछने बंद नहीं किए. वो लगातार पार्टी आलाकमान के फैसले नाखुश थे.

गांधी परिवार को चुनौती

G-23 के नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी को कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया था. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी. बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी. उन्होंने व्यापक बदलाव की मांग की थी . इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए थे.

कांग्रेस G-23नेता

1. गुलाम नबी आजाद
2.कपिल सिब्बल
3. शशि थरूर
4. मनीष तिवारी
5. आनंद शर्मा
6. पीजे कुरियन
7. रेणुका चौधरी
8. मिलिंद देवड़ा
9. मुकुल वासनिक
10. जितिन प्रसाद पूर्व केंद्रीय मंत्री
11. भूपेंदर सिंह हुड्डा
12. राजिंदर कौर भट्टल
13. एम वीरप्पा मोइली
14. पृथ्वीराज चव्हाण
15. अजय सिंह
16. राज बब्बर
17. अरविंदर सिंह लवली
18. कौल सिंह ठाकुर
19. अखिलेश प्रसाद सिंह
20. कुलदीप शर्मा
21. योगानंद शास्त्री
22. संदीप दीक्षित
23. विवेक तन्खा

जम्मू से शुरू हो रहे कैंपेन को लेकर एक नेता ने कहा कि यह मीटिंग कांग्रेस हाई कमांड के लिए भी एक संदेश है. उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, “हम पार्टी आलाकमान को बताना चाहते हैं कि हम एकसाथ हैं. हमारे पास एक मुद्दा है और उन्हें इसके लिए अवश्य कुछ करना चाहिए.”
उधर, राहुल कोटरी ने इस जमावड़े पर नाराजी दर्शाई है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि इन नेताओं को उन पांच राज्यों में जाकर प्रचार करना चाहिए था।

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