हिजाब वाला गंगा जमुना स्कूल पक्का करने को शिक्षिकाओं का भी धर्मांतरण
यादव हुई खान, जैन बनी तबस्सुम, श्रीवास्तव कहलाती है बेगम… दमोह के जिस स्कूल ने हिंदू छात्राओं को पहनाया हिजाब, वहाँ महिला शिक्षकों का भी बदला धर्म
दमोह, मध्य प्रदेश, स्कूल, इस्लामी धर्मांतरण
मध्य प्रदेश के दमोह स्थित गंगा जमुना स्कूल में प्रिंसिपल समेत 3 शिक्षिकाओं के इस्लामी धर्मांतरण की बात सामने आई
दमोह 05 जून। मध्य प्रदेश के दमोह में एक पोस्टर में हिन्दू छात्राओं को भी हिजाब में दिखाया गया था। ‘गंगा जमुना स्कूल’ से जुड़े इस प्रकरण को लेकर अब एक नया खुलासा हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के आदेश के बाद पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य बाल आयोग की टीम के साथ-साथ जिले के डीएम को भी जाँच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्कूल में मजहबी शिक्षा से लेकर धर्मांतरण तक की घटनाएँ हो चुकी हैं।
इस्लामी धर्मांतरण के सबूत भी जाँच टीम को मिले हैं। राज्य बाल आयोग ने छानबीन के क्रम में जानकारी दी है कि स्कूल के प्रधानाध्यापक समेत 3 महिला शिक्षिकाओं ने इस्लाम अपना लिया हू। प्रिंसिपल का नाम अफसरा बेगम है, जबकि उनके पिता का उपनाम श्रीवास्तव है। इसी तरह तबस्सुम नाम की एक शिक्षिका के बारे में पता चला कि पहले वो जैन थी। इसी तरह यादव सरनेम वाली एक महिला शिक्षिका भी अब नाम में ‘खान’ लगाती है।
अब इन शिक्षिकाओं से पूछताछ की जा रही है। बता दें कि ये मामला तब खुला था, जब स्कूल की 18 विद्यार्थियों की तस्वीर एक बोर्ड पर लगाई गई थी। इन्होंने 12वीं की परीक्षा टॉप की थी। इनमें हिन्दू छात्राओं को भी हिजाब में दिखाया गया था। पहले स्कूल ने इसे स्कार्फ बता कर टालमटोल की। अब इस बात की जाँच चल रही है कि कहीं स्कूल में नौकरी के लिए मुस्लिम बनने का दबाव तो नहीं डाला जाता था। जाँच में गैर-मुस्लिम बच्चों को कुरान की आयतें पढ़वाए जाने की बात भी सामने आई है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष VD शर्मा ने भी कहा है कि स्कूल ने ‘लव जिहाद’ का साम्राज्य खड़ा किया। स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई है। हमारी बेटियों को जबरन हिजाब पहनने को बाध्य किया गया। स्कूल चलाने वाले इदरीस, जलील और मुश्ताक के टेरर फंडिग कनेक्शन की जाँच का भी उन्होंने आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जबलपुर कोर्ट में NIA दौरा दबोचा गया एक वकील और कटनी का एक मुस्लिम व्यक्ति भी इनके संपर्क में था।
भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी कहा कि विधर्मी अपना कार्य करते रहते हैं, धर्म पर चलने वाले जब शिथिल पड़ने लगते हैं तो अधर्म बढ़ता चला जाता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को देवस्थान कहा गया है, ऐसे में जिहादी मानसिकता के कुकृत्य को धिक्कार है। स्कूल के दस्तावेजों से पता चला है कि धर्मांतरण के बाद इन शिक्षिकाओं को नौकरी में परमानेंट किया गया। प्रिंसिपल का सरनेम ‘खरे’ था, लेकिन फिर वो ‘खान’ लगाने लगी।
DamohHijab Case Ganga Jamuna School Recognition Cancel Investigated For Foreign Funding
हिजाब वाले स्कूल की मान्यता रद्द, अब धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग का भी शक… बाल आयोग ने SP को लिखा पत्र
मध्य प्रदेश के दमोह की गंगा जमुना स्कूल की मान्यता को निलंबित कर दिया गया है। स्कूल के पोस्टर में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाने के मामले में बाल आयोग ने संज्ञान लिया और स्कूल का निरीक्षण किया। बाल आयोग ने विदेशी फंडिंग की जांच कराने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है।
मध्य प्रदेश के दमोह में हिंदू लड़कियों की हिजाब फोटो सामने आने के बाद गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन नए-नए आरोपों में घिरता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश बाल आयोग की टीम ने अपनी जांच में गंभीर खामियां पाई है। स्कूल प्रबंधन पर साक्ष्य मिटाने का आरोप है। वहीं, मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने कई बिंदुओं पर जांच कराने के लिए दमोह पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखा है। जिसमें विदेशी फंडिंग की जांच भी कराई जाने की बात कही गई है।
स्कूल की मान्यता निलंबित, उर्दू भाषा की किताबें मिलीं
दमोह के गंगा जमुना स्कूल में टॉपर छात्राओं में शामिल हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाया गया था। मामले में पुनः जांच के आदेश के बाद जांच में स्कूल प्रबंधन की गंभीर खामियां सामने आई है। इन आरोपों के चलते अब स्कूल पर बड़ी कार्यवाही तय मानी जा रही है। वहीं देर शाम संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग सागर में स्कूल की मान्यता को निलंबित कर दिया है। हालांकि इसके पीछे कारण व्यवस्थाओं की कमी बताई गई है। वहीं मामले की जांच करने पहुंची मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की टीम को जांच के दौरान स्कूल में उर्दू भाषा की किताबें और कई ऐसी खामियां सामने आई जो हैरान कर देने वाली थी। ऐसे में जांच टीम के सदस्य इसे शिक्षा से अलग और विवादास्पद बता रहे हैं।
प्रार्थना और ड्रेसकोड में बदलाव
स्कूल के संचालक मो. इदरीस खान मामले को तूल पकड़ता देख बैकफुट पर आ गया था। उन्होंने स्कूल में तथाकथित हिजाब की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। उसे ऐच्छिक किए जाने की बात कही गई। साथ ही साथ स्कूल में कराई जा रही प्रार्थना में भी बदलाव कर राष्ट्रगान को प्रार्थना में शामिल किया जाना बताया गया। हालांकि इस दौरान कई अन्य आरोपों पर वह जांच का हवाला देकर चुप्पी साध गए।
बाल आयोग ने एसपी को लिखा पत्र
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि जांच टीम सभी बिंदुओं पर जांच करेगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। वहीं पूर्व में स्कूल प्रबंधन को क्लीन चिट दिए जाने की बात पर उनका कहना था कि प्रारंभिक जांच छात्राओं पर दबाव डाले जाने की बिंदु पर हुई थी जिस पर क्लीन चिट दे दी गई थी।
इस दौरान राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखते हुए आरोपित स्कूल प्रबंधन के विदेशी फंडिंग की जांच भी की जानी चाहिए।
प्रिंसिपल और 2 टीचर हिन्दू से बनीं मुस्लिम, संचालक के पास हजारों एकड़ जमीन
मध्य प्रदेश में दमोह जिले के गंगा-जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल से हिन्दू बच्चियों के हिजाब में पोस्टर वायरल होने के बाद से नए खुलासे हो रहे हैं। विवादों में आए इस स्कूल पर धर्मांतरण कराए जाने का भी आरोप है। कन्वर्जन का आरोप विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) और हिन्दू जागरण मंच की ओर से लगाए गए थे, जोकि सच साबित होते नजर आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम को यहां से ऐसे कई साक्ष्य मिले हैं, जोकि बता रहे हैं कि कैसे-कैसे यहां पर हिन्दू एवं अन्य गैर मुसलमानों के बच्चों को टार्गेट करते हुए उन्हें इस्लाम में कन्वर्ट करने को मनोवैज्ञानिक खेल खेला जाता था। यहां कि प्राचार्य भी सनातन छोड़ न सिर्फ इस्लाम मानने लगीं, बल्कि पूरी तरह से हिन्दू से मुस्लिम बन गई हैं। स्कूल संचालक के पास हजारों एकड़ जमीन का भी पता चला है। इतना रुपया प्रबंधन के पास कहां से आया कि वह कुछ सालों में ही कई एकड़ जमीन खरीद पाए? यह अब जांच का विषय है। स्कूल को विदेशी फंडिंग मिलने की बात भी सामने आ रही है।
आयोग की टीम को कई सबूत मिले
राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम को कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जो यह बताने को पर्याप्त हैं कि भले ही इस स्कूल की मान्यता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा की सख्ती के कारण रद्द कर दी गई हो, किंतु अभी इस स्कूल के खिलाफ जांच लम्बी चलेगी। इस पर न सिर्फ धर्मपरिवर्तन के आरोप लगने शुरू हुए हैं, बल्कि आर्थिक अनियमितता संबंधी भी कई सबूत मौजूद हैं।
2 महिला टीचर का भी कन्वर्जन
स्कूल की दो महिला टीचर के भी कन्वर्जन की बात सामने आई है। उन्हें हिंदू से मुस्लिम बनाया गया। विद्यालय की प्रिंसिपल जो कल तक खरे थीं वे अब अफसरा शेख बन चुकी हैं। विद्यालय के भीतर जांच के दौरान राज्य बाल आयोग की टीम को जगह-जगह इस्लामिक स्लोगन, पोस्टर और वाक्य लिखे मिले जो आधुनिक विज्ञान से भी भरोसा उठा देते हैं।
अल्पसंख्यक स्कूल की आड़ में चल रहा था निजी एजेंडा
जांच को पहुंचे राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि बीते दिनों गंगा जमुना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाकर टॉपर्स की लिस्ट में दिखाने का मामला सामने आया था। तब वे एवं आयोग के अन्य सदस्य यहां जांच को आए थे। हमें भरोसा नहीं था कि वाकई एक स्कूल संचालक अल्पसंख्यक के नाम पर विद्यालयीन संस्था चलाने की आड़ में अपना निजी एजेंडा भी चला सकता है। यहां हमारी टीम को बहुत कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिली है, जिसका स्कूल शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। इस स्कूल के स्टाफ की जानकारी में अनेक कमियां पाई गई हैं। धर्मांतरण की कई शिकायते मिली हैं। ऐसे कई लोग हैं जोकि धर्म परिवर्तन के बाद यहां नौकरी पर लाए गए हैं। हमने इसे संज्ञान में लिया है, शासन को भी इस मामले के संबंध में अवगत कराया गया है।
स्कूल संविधान के अनुच्छेद 28 का कर रहा था उल्लंघन
मध्यप्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर निवेदिता शर्मा ने कहा कि हमारे लिए बालकों का हित ही सर्वोपरि है। जिस तरह से इस विद्यालय ने हिजाब को स्कूली ड्रेस कोड में शामिल कर इसे प्रतिदिन पहनकर आना अनिवार्य किया था, ऐसा किया जाना सीधे तौर पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 28 का उल्लंघन है।
एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने भी गंभीरता से लिया है इसे
”लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी, जिंदगी शमा की सूरत हो खुदाया मेरी…” जैसे गीत स्कूल की प्रार्थना में शामिल मिले। यह गीत इस्लाम के प्रति भरोसा व्यक्त करता दिखता है। इसी प्रकार यहां अन्य कई खामियां मिली हैं, जिन्हें राज्य बाल सरंक्षण आयोग ने तो संज्ञान में लिया ही है राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी गंभीरता से लिया गया। उन्होंने जिला कलेक्टर से सीपीसीआर एक्ट, 2005 की धारा-13 (1) (जे) के अंतर्गत इस संपूर्ण मामले को संज्ञान में लेते हुए सात दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
जिहादी साम्राज्य खड़ा करने वालों के खिलाफ धर्मांतरण कानून में कार्रवाई हो
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के मुखर अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी पूछा कि महिला टीचर खरे किस तरह से खान बन गई ? स्कूल प्रबंधन के लोग जिहादी साम्राज्य खड़ा कर रहे थे। हजारों एकड़ जमीन कहां से आई। दमोह प्रशासन जांच करे। दमोह के गंगा जमुना स्कूल में हमारी बेटियों पर दबाव डालकर हिजाब को प्रेरित करने के मामले में प्रशासन ने स्कूल की मान्यता रद्द की है। स्कूल की आड़ में लव जिहाद और जिहादी साम्राज्य खड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ धर्मांतरण कानून में कार्रवाई हो एवं इनकी प्रॉपर्टी की जांच हो। शर्मा ने कहा, आज जो मैंने देखा कि दो महिला टीचर जो खरे थीं वो खान हो गईं और जैन तबस्सुम। प्लानिंग का प्रबंधन का कृत्य मात्र लव जिहाद का काम नहीं, ये जिहादी साम्राज्य खड़ा करना है ।
टेरर फंडिंग को लेकर जांच होनी चाहिए
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि दमोह स्कूल के समूह से जो जुड़े हुए इदरीश खान, जलील खान और मुस्ताक खान इन तीन लोगों का टेरर फंडिंग का क्या संबंध है ? हजारों एकड़ जमीन इनके पास कहां से आई ? इतना बड़ा संस्थान खड़ा कर दिया। दमोह के अंदर इनको जिहादी साम्राज्य खड़ा करने का इतना अवसर कैसे मिला? हमारी बहनों को लव जिहाद में फंसा कर स्कूल प्रबंधन जो कर रहा है, इसके लिए इनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई मात्र नहीं, धर्मांतरण की कार्रवाई भी होनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि लव जिहाद की इनकी मानसिकता के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। टेरर फंडिंग को लेकर भी जांच होनी चाहिए।
सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह का भी बड़ा बयान आया सामने
भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। भोपाल में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा- विधर्मी अपना-अपना कार्य करते हैं। धर्म पर चलने वाले लोग जब शिथिल होते हैं तो अधर्म बढ़ता जाता है और अभी यही हो रहा है। वो अपने मिशन और षड्यंत्रों को लेकर चल रहे हैं। हमारे समाज में शिक्षा का क्षेत्र देवस्थान माना जाता है। वहां पर यह कुकृत्य कर रहे हैं। मैं ऐसे लोगों को धिक्कारती हूं। मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार दोनों सचेत हैं। इनको उचित दंड मिलेगा, यह सुनिश्चित है।
वहीं दमोह के इस स्कूल से जुड़े एक के बाद एक खुलासे होने पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का कहना है कि प्रदेश में 18 साल से भाजपा की सरकार है। मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? दमोह की घटना के लिए सरकार को जवाब देना चाहिए।
ऐसे खुला मामला
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व ही गंगा जमुना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाकर टॉपर्स की लिस्ट में होर्डिंग के माध्यम से दिखाने का मामला प्रकाश में आया था। जिसके बाद हिन्दू संगठनों ने इस पर आपत्ति की थी, तब स्कूल शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वयं कलेक्टर ने इस विद्यालय को अपनी जांच में दोषमुक्त करार दे दिया था, लेकिन जब बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने जांच से संतुष्ट नहीं होने पर इसकी पुन: गहराई से पड़ताल करने के निर्देश दिए तो यहां अन्य कई खामियां उजागर हुईं, जिसके बाद स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई। अब नया एंगल यहां से धर्मांतरित किए गए लोगों का पाया जाना सामने है।
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