गौत्र विवाद में कूदे औवेसी, मैं कहां जाऊं, न गौत्र है न जनेऊ
बंगाल: ‘गोत्र विवाद’ में ओवैसी की एंट्री, बोले- मेरे जैसे लोग क्या करें, जो ना शांडिल्य हैं ना जनेऊधारी
बंगाल में ममता बनर्जी काफी वक्त से मां माटी मानुष का नारा बुलंद कर रही हैं. लेकिन पहली बार उन्होंने चुनावी रैली में गोत्र का जिक्र कर प्रचार को अलग दिशा देने की कोशिश की है
नई दिल्ली 31 मार्च: बंगाल में चुनाव के बीच ममता बनर्जी के गोत्र वाले बयान पर जमकर राजनीति हो रही है. बीजेपी नेताओं के हमले के बीच एआईएमआईएम नेता ओवैसी की भी एंट्री हो गयी है. ओवैसी ने भी ममता बनर्जी पर अपना गोत्र बताने को लेकर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा है कि मेरे जैसे लोगों का क्या होना चाहिए जो ना शांडिल्य हैं और ना ही जनेऊधारी. ओवैसी का आरोप है कि हर पार्टी अपना हिंदू चेहरा दिखाने में लगी है
ओवैसी ने ट्वीट किया,”मेरे जैसे लोगों का क्या होना चाहिए जो ना शांडिल्य हैं और ना ही जनेऊधारी.जो ना तो किसी खास भगवान का भक्त है और ना ही चालीसा या कोई और पाठ करता है.हर पार्टी जीतने को हिंदू कार्ड खेलने में लगी है.अनैतिक,अपमानजनक. और यह सफल नहीं होगा.”
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
नंदीग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं मंदिर गई थी पुरोहित ने पूछा कि मेरा गोत्र क्या है? मुझे याद आया कि त्रिपुरेश्वरी मंदिर में अपना गोत्र मां माटी मानुष बताया था लेकिन आज जब मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा कि पर्सनल गोत्र शांडिल्य है लेकिन मैं समझती हूं कि मेरा गोत्र मां-माटी-मानुष है.”
हार के भय से गोत्र पर उतर गए- गिरिराज
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन पर निशाना साधा.उन्होंने ट्वीट कर कहा, “रोहिंग्या को वोट के लिए बसाने वाले, दुर्गा/काली पूजा रोकने वाले,हिंदुओ को अपमानित करने वाले,अब हार के भय से गोत्र पर उतर गए.“शांडिल्य गोत्र” सनातन और राष्ट्र के लिए समर्पित है,वोट के लिए नहीं.” एक अन्य ट्वीट में गिरिराज सिंह ने कहा,”ममता दीदी,अब तो पता करना होगा कि रोहिंग्या और घुसपैठियों का भी गोत्र शांडिल्य है क्या?”
दिलीप घोष क्या बोले?
दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी अलग अलग समय पर अपना गोत्र बदलती रहती हैं. कभी उनका गोत्र भारतीय होता तो तो कभी शाण्डिल्य और अब उन्होंने अपना गोत्र माँ, माटी, मानुष बताया है. ऐसे में पहले ममता को तय कर लेना चाहिए की उनका गोत्र है क्या.
गिरिराज सिंह, महुआ मोइत्रा
गिरिराज सिंह और महुआ मोइत्रा के बीच ट्विटर पर गोत्र वार
पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण में 30 विधानसभा सीटों पर 1 अप्रैल को वोट डाले जाएँगे। उससे पहले गोत्र की सियासत गरमा गई है। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान से हुई। उसके बाद से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ गई है।
ममता को जवाब देते हुए गिरिराज सिंह ने पूछा था कि क्या रोहिंग्या और घुसपैठियों का भी गोत्र शांडिल्य है। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “रोहिंग्या को वोट के लिए बसाने वाले, दुर्गा-काली पूजा रोकने वाले, हिंदुओं को अपमानित करने वाले, अब हार के खौफ से गोत्र पर उतर गए। ‘शांडिल्य गोत्र’ सनातन और राष्ट्र के लिए समर्पित है, वोट के लिए नहीं।”
इसके जवाब में महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, “केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि ममता का गोत्र रोहिंग्याओं का है। हमें इस पर गर्व है। ये चोटीवाले राक्षस गोत्र से तो कहीं बेहतर है।”
अब इसका जवाब देते हुए गिरिराज ने ट्वीट किया है, “शिखा/चुटिया हिंदुस्तान की सनातन सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है और वोट की खातिर सनातन को गाली देना उचित नहीं है। रोहिंग्या के पैर धोते रहिए…जल्द ही हिदुस्तान जवाब माँगेगा।”
गौरतलब है कि नंदीग्राम में मंगलवार (30 मार्च 2021) को ममता बनर्जी ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान वे एक मंदिर में गईं तो पुजारी ने उनका गोत्र पूछा और उन्होंने अपना गोत्र ‘माँ-माटी-मानुष’ बताया। रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि उनका गोत्र ‘शांडिल्य’ है किन्तु वो अपना गोत्र ‘माँ-माटी-मानुष’ बताती हैं।
नंदीग्राम में भी 1 अप्रैल को मतदान होगा। यहाँ ममता बनर्जी और भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के बीच मुकाबला है।