रक्षा चुनौतियां:45 विशिष्ट तकनीकी व 120 स्वदेशी प्रकल्पों पर कार्यरत है सेना: जनरल पांडे
Army Chief General Manoj Pande On Country Defence In Changing Battle Space
नए दौर में युद्ध की चुनौती से लेकर भारतीय सेना की तैयारी तक, आर्मी चीफ ने बताया विस्तार से
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भविष्य में युद्ध के बदलते स्वरूप के साथ ही सेना की तैयारियों को लेकर अपनी राय व्यक्त की। जनरल पांडे ने कहा कि मौजूदा समय में भू-राजनीतिक परिदृश्य में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में हमें आत्मनिर्भरता पर जोर देने की जरूरत है।
नई दिल्ली 10 मार्च 2024: देश की सेना तकनीक के साथ बदले वैश्विक परिदृश्य में युद्ध के खतरे से निपटने के लिए कितनी तैयार है। इस संबंध में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि भू-राजनीतिक परिदृश्य में अभूतपूर्व बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में बदलते युद्ध क्षेत्र के साथ तालमेल बिठाने के लिए देश की रक्षा को विकसित होते रहना होगा। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में जनरल पांडे ने कहा कि नॉन स्टेट एक्टर आधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकियों तक ‘तेजी से पहुंच प्राप्त कर रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि आधुनिक युद्ध में बदलती गतिशीलता से उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार करना होगा। ऐसे में जोखिम लेने वाले व्यवहार में बढ़ती प्रवृत्ति और सशस्त्र संघर्षों की शुरुआत के लिए सीमा कम है।
वॉरजोन अधिक घातक हुआ
सेना प्रमुख ने कहा कि अस्थिर सीमाओं की पुरानी चुनौतियां जारी हैं। संघर्ष के दायरे में नए खतरों ने जटिलताएं बढ़ा दी हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि हमारे विरोधियों की ग्रे जोन कार्रवाई और आक्रामकता सेना सहित कई क्षेत्रों में यानी जमीन, वायु और समुद्री क्षेत्र में प्रकट हो रही है। जनरल पांडे ने कहा, इन सभी बदलावों के परिणामस्वरूप, युद्ध का स्थान अधिक जटिल, प्रतिस्पर्धी और घातक हो गया है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे युद्ध साइबर, विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम, सूचना और स्पेस सहित नए डोमेन में विविध हो गया है। जनरल पांडे ने कहा कि भारतीय सेना प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाए रखने के लिए काम कर रही है क्योंकि आधुनिक युद्ध में युद्ध के मैदानों में बदलाव आ रहा है।
देश की सुरक्षा ना हो प्रभावित
सेना प्रमुख ने कहा कि इस जटिल परिदृश्य के बीच, हमारा राष्ट्र निरंतर आगे बढ़ रहा है। एक राष्ट्र के रूप में, हमने अपनी शताब्दी का जश्न मनाते हुए एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने की कल्पना की है और संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है जब यह आजादी के 100 साल पूरे करेगा। जनरल पांडे ने कहा कि उभरते भारत की आकांक्षाएं रणनीतिक क्षितिज के विस्तार तक फैलेंगी। इसलिए हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण निहितार्थ यह सुनिश्चित करना है कि देश की सुरक्षा किसी भी तरह से प्रभावित न हो ताकि प्रगति निर्बाध रूप से जारी रहे।
120 प्रोजेक्ट पर कर रहे काम
सेना प्रमुख ने कहा कि हम 45 विशिष्ट टेक्नोलॉजी और 120 स्वदेशी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं जिनका सेना पर प्रभाव दिखेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का दृष्टिकोण एक आधुनिक, चुस्त, अनुकूली, टेक्नोलॉजी सक्षम, भविष्य के लिए तैयार बल में तब्दील होना है। हमारी ऐसी सेना होगी जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मल्टी डोमेन ऑपरेशन वातावरण में युद्ध को रोकने और जीतने में सक्षम हो।