अच्छी खबर:देश में घटी बेरोजगारी, न्यूनतम दर 3.1% तक पहुंची
Unemployment Rate Declined To Lowest Level Of 3.1% In 2023 What Indication Data Giving
देश में घटी बेरोजगारी, 3.1% के निचले स्तर पर पहुंची, ग्रोथ के धुआंधार आंकड़ों के बाद यह डेटा क्या देता है संकेत!
देश की बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। 2022 के मुकाबले 2023 में यह 0.5 % घटी है। 2022 में यह 3.6 % से कम होकर 2023 में 3.1 % हो गई है। शहरी और ग्रामीण बेरोजगारी दोनों में कमी आई है। ये आंकड़े ऐसे समय आए हैं जब चालू वित्त वर्ष के तीसरी तिमाही में धुंआधार ग्रोथ दर्ज की गई है।
नई दिल्ली 05 मार्च 2024: देश की आर्थिक तरक्की की बानगी हर तरफ से मिल रही है। इकनॉमिक ग्रोथ के धुआंधार आंकड़ों के बाद अब एक और उत्साहित करने वाला डेटा आया है। इसमें भारत की बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। 2022 में 3.6 % से घटकर यह 2023 में 3.1 % रह गई है। यह कमी शहरी बेरोजगारी में कमी के कारण है, जो 5.9 % से घटकर 5.2% हो गई है। ग्रामीण बेरोजगारी में भी मामूली गिरावट देखने को मिली है। यह 2.8 % से घटकर 2.4 % रह गई है।
बेरोजगारी दर
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2023 में भारत के लिए अपने विकास अनुमान को बढ़ाया है। एजेंसी ने इसे 6.7 % से बढ़ाकर 7.7 % कर दिया है। हालांकि, 2024 में विकास दर घटकर 6.8 % और 2025 में 6.4 % रहने का अनुमान है। अप्रैल-दिसंबर की अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था में 8 % से ज्यादा की ग्रोथ हुई।
वर्कफोर्स में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी
पुरुषों और महिलाओं के बीच बेरोजगारी में अंतर बढ़ा है। कारण है कि पुरुष बेरोजगारी की तुलना में महिला बेरोजगारी में धीमी रफ्तार से कमी आई है। बेशक, महिला श्रम शक्ति की भागीदारी 33.9% से बढ़कर 41.3% हो गई है। लेकिन, महिला बेरोजगारी में केवल 3.3% से 3% की गिरावट आई है। इसके उलट शहरी क्षेत्रों में पुरुष बेरोजगारी 3.7% से घटकर 3.2% हो गई।
शहरी क्षेत्रों में महिला श्रम शक्ति की भागीदारी 27.2% के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, ज्यादा महिलाओं ने वर्कफोर्स में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करने के बावजूद अर्थव्यवस्था में उनकी समग्र भागीदारी घट रही है।
एडवांस डिग्री साबित हो रही फायदेमंद
2022 और 2023 के बीच वरिष्ठ अधिकारियों और प्रबंधकों के रूप में काम करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 19% से घटकर 14.4% हो गया। यह गिरावट शहरी क्षेत्रों में अधिक महत्वपूर्ण थी, जहां अनुपात 4.8 % घटकर 13.8 % हो गया। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 4.1 % की गिरावट के साथ 15.4% रह गया।
इसी अवधि के दौरान पेशेवर और तकनीकी कर्मचारियों के रूप में काम करने वाली महिलाओं का अनुपात 46.5 % से बढ़कर 49.4 % हो गया। इसके अलावा आंकड़े बताते हैं कि एडवांस डिग्री वाली महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा रफ्तार से रोजगार मिल रहा है।