चमोली आपदा: चट्टान ने रोकी ड्रीलिंग, मलबा हटाकर ही अंदर जाने की फिर कोशिश, मृतक हुए 37
LIVE चमोली आपदा Live : मैठाणा के पास नदी किनारे एक शव मिलने के साथ मृतकों की संख्या 37 हुई, 167 अभी भी लापता
आपदा के बाद क्षेत्र में पहुंचे लोग – फोटो :
ऋषिगंगा आपदा में अभी तक 36 शव बरामद हो चुके हैं। 168 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं ऋषिगंगा के मुहाने पर झील बनने से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं। शासन ने वाडिया, टीएचडीसी, एनटीपीसी और आईआईआरएस को जांच करने का आदेश दिया है। पढ़ें दिनभर के अपडेट्स…
01:48 PM,
आपदा से कट चुके गांवों में पहुंचाई जा रही रसद
चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा से कट चुके गांव सुकी, लता और भलगांव में हेलीकॉप्टर से राशन और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं।
01:43 PM,
सैलाब ने छीन लिया रीना का संसार, थम नहीं रहे आंसू
ऋषिगंगा में आई आपदा ने रीना देवी का संसार ही उजाड़ दिया है। तपोवन परियोजना में रीना देवी के पति नरेंद्र कुमार काम करते थे, जो आपदा के बाद से लापता हैं। तब से रीना देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। परिजन उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे कई परिवार हैं जहां मातम और सन्नाटा है। रीना देवी के तीन बच्चे हैं, 14 साल की ओम प्रिया, 12 साल का ओम प्रियांशु और 10 साल का ओम दिव्यांशु हैं।
01:17 PM,
मैठाणा गांव के पास नदी किनारे से एक शव बरामद, अब तक 37 शव मिले
शुक्रवार को चमोली जिले के मैठाणा गांव के पास नदी किनारे एक शव बरामद किया गया है। अब तक कुल 37 शव बरामद किए गए हैं। वहीं 167 लोग अभी भी लापता हैं।
01:06 PM,
एनटीपीसी के तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना की सुरंग के नक्शा के अनुसार, नदी की साइड से 180 मीटर तक सुरंग बनी हुई है। सुरंग के एसएफटी प्वाइंट के दूसरे छोर से 90 मीटर की घुमावदार सुरंग है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 90 मीटर की इसी सुरंग में लोग फंसे हो सकते हैं।
एसएफटी टनल के बाहर से चार अन्य टनल भी जुड़ रही हैं और इनमें भी मलबा भरा हुआ है। यहां से पानी और मलबा रह-रहकर रिस रहा है। नक्शे में दिखाया गया है कि 90 मीटर घुमावदार सुरंग के समीप ही 34 लोग काम कर रहे थे, जबकि एडिट एचआरटी सुरंग के दूसरे छोर पर तीन लोग काम कर रहे थे।
12:52 PM,
सेना की इंजीनिरिंग कोर ने भगुयल जाने के लिए बनाई अस्थायी ट्रॉली
सेना की इंजीनिरिंग कोर ने भगुयल जाने के लिए अस्थायी ट्रॉली बना दी है। जिसके बाद आपदा के कारण यहां फंसे लोगों ने राहत की सांस ली है। शुक्रवार को अब तक 60 लोग ट्रॉली से आवाजाही कर चुके हैं। मेजर उत्कर्ष ने बताया कि एक दिन के अंदर इस ट्रॉली को तैयार किया गया है।
12:16 PM,
तपोवन बैराज साइट पर सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों का हंगामा
सात फरवरी को आपदा आने के बाद सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों के सब्र का बांध अब टूट रहा है। शुक्रवार को सुरंग में फंसे लोगों को परिजनों ने एनटीपीसी, सरकार और नेताओं के खिलाफ रोष प्रकट किया। उन्होंने हंगामा कर दिया और जल्दी रेस्क्यू कर परिजनों को निकालने की मांग की। तनाव बढ़ता देख टनल साइट पर पुलिस बल तैनात कर दिया है।
11:48 AM,
आठ सदस्यीय एसडीआरएफ टीम को झील का आकलन करने के लिए भेजा
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि संभावना है कि तपोवन क्षेत्र के पास रैणी गांव के ऊपर पानी जमा हो रहा है। कई हवाई सर्वे किए गए हैं। आज आठ सदस्यीय एसडीआरएफ टीम को स्थिति का आकलन करने भेजा गया है। आकलन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
11:38 AM,
झील का मुआयना करने भेजी गई एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि रैणी गांव के ऊपरी इलाके में झील बनने की सूचना पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है। आज, हम एक छोटी सुरंग में प्रवेश करने का प्रयास करेंगे, जो मौजूदा सुरंग से 12 मीटर नीचे है। वहां कुल लोगों के होने की संभावना है। लापता 204 व्यक्तियों में से 36 शव बरामद कर लिए गए हैं। 168 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य चल रहा है।
11:17 AM,
हरीश रावत ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, चमोली आपदा को लेकर की चर्चा
आपदा मामले में शुक्रवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में मुलाकात की गई। इस दौरान जलवायु परिवर्तन से हिमालयी क्षेत्रों में आ रहे बदलाव पर चर्चा की गई।
11:03 AM,
जलप्रलय में लापता लोगों की तलाश जारी
ऋषिगंगा जलप्रलय में लापता लोगों की तलाश जारी है। नौ सेना कमांडो, जल पुलिस एवं एसडीआरएफ की टीम श्रीनगर जल विद्युत परियोजना झील खंगाल रही है। एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने बताया कि अलकनंदा नदी में गाद काफी है। इससे खोज अभियान में दिक्कत हो रही है। झील के बैराज से मृत जानवर, कबाड़ और गाद बहाने के लिए झील से पानी छोड़ना पड़ा।
10:52 AM,
आपदा प्रभावित नीती घाटी में बनी झील,
उत्तराखंड में आपदा प्रभावित चमोली जिले की नीती घाटी में झील बन गई है। शासन ने वाडिया, टीएचडीसी, एनटीपीसी और आईआईआरएस को जांच करने का आदेश दिया है।
मौत की टनल में जिंदगी की तलाश:चट्टान आने से रूकी टनल में ड्रिलिंग, मलबा हटा सीधे अंदर पहुंचने की कोशिश फिर शुरू
उत्तराखंड में चमोली जिले के तपोवन में छह दिन पहले आई आपदा के बाद टनल में फंसे लोगों को बचाने की कोशिशें जारी हैं। मीडिया रिपोर्ट में ITBP के एक अफसर के हवाले से बताया गया है कि टनल में गुरुवार को शुरू ड्रिलिंग रोक दी गई है। दरअसल, सात मीटर खुदाई के बाद चट्टान आ गई। काफी कोशिशों के बाद भी ड्रिलिंग नहीं हो सकी तो रेस्क्यू टीम ने पहले प्लान पर ही काम करने का फैसला किया। सुबह टनल के अंदर से मलबा निकालने का काम फिर शुरू कर दिया गया है। रेस्क्यू की स्ट्रेटजी में पहली बार बदलाव बुधवार देर रात किया गया था। तब तय हुआ कि टनल में मलबा हटाकर पहुंचने की बजाय 72 मीटर अंदर ड्रिलिंग की जाए। 13 मीटर नीचे तक होल करके अंदर कैमरा डाला जाए और नीचे से गुजर रही दूसरी टनल में वर्कर्स के सुरक्षित होने का पता लगाया जाए।
2 और शव बरामद, अब 168 की तलाश
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा कि अब तक 37 शव बरामद किए जा चुके हैं। दो लोग जिंदा मिले हैं। अब 167 लोगों की तलाश जारी है। इनमें से 39 वर्कर्स टनल के अंदर फंसे होने की आशंका है। NDRF के कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि नदी के किनारेे शवों की तलाश लगातार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा- रैनी गांव के पास झील बनी, सतर्क रहने की जरूरत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जोशीमठ के रैनी गांव के पास एक झील बनने की जानकारी मिली है। वहां की मौजूदा स्थिति में सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं। वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं। हम वहां हेलीकॉप्टर से भी एक्सपर्ट भेजने पर विचार कर रहे हैं।
कल चिनूक हेलिकॉप्टर से मशीनरी भेजी गई थी
गुरुवार को सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू को भारी मशीनरी और मैन पावर चमोली पहुंचाया गया। NDRF और SDRF के लिए 14 पैसेंजर्स और 1400 किलो लोड, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के पांच अधिकारी और तीन टन सामान यहां पहुंचाया गया।
नदी में पानी बढ़ने से रोकना पड़ा था ऑपरेशन
गुरुवार दोपहर में अचानक धौलीगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया था। रात में चुनिंदा मेंबर्स की टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया। NDRF के मुताबिक, पानी बढ़ने सेे टीम सुरक्षित स्थान भेेजा गया । वहीं, चमोली पुलिस ने आसपास के इलाकों को अलर्ट कर दिया है। लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है। उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। वाटर लेवल पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है।
ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी के ऊपरी हिस्से में झील बनी
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद मलबा जमा होने से ऋषिगंगा नदी की ऊपरी धारा में बहाव रुक गया है। इससे नदी के पानी झील बन गया है। लगातार पानी के बढ़ते दबाव से झील टूटी तो निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती हैं। त्रासदी के बाद आई सैटेलाइट इमेज और ग्राउंड जीरो से आ रही एक्सपर्ट की रिपोर्ट्स में ऐसी आशंका जताई गई है।
हालात का जायजा लेने भेजी गई SDRF की टीम
उत्तराखंड SDRF की DIG रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि तपोवन क्षेत्र के पास रैनी गांव के ऊपर पानी जमा होने और झील बनने की खबरें हैं। इलाके का एरियल सर्वे किया गया है। शुक्रवार सुबह आठ सदस्यों की SDRF टीम भी स्थल निरीक्षण को पैदल भेजी गई है।