गोपेश्वर बंद सुरंग खोलने पहुंचाईं एक्सावेटर,पोकलेंड मशीन,रातभर जारी रहेगा बचाव अभियान

 

उत्तराखंड तबाही: टनल खोलने के लिए लाई गई एक्सावेटर और पोकलैंड मशीन, रातभर जारी रहेगा रेस्क्यू ऑपरेशन
By: रणवीर सिंह07 Feb 2021 10:06 PM (IST)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने रैणी और तपोवन मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया. उन्होंने टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने को कहा.
नई दिल्ली: उत्तराखंड में आई तबाही के बाद राहत एंव बचाव का कार्य चल रहा है. वहीं अभी भी कुछ लोग टनल में फंसे हुए हैं. टनल खोलने के लिए एक्सावेटर और पोकलैंड मशीन लगाई गई है. रात को भी रेस्कयू जारी करने के लिए लाइट लगाई जा रही है. दरअसल, चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में रविवार सुबह लगभग 10 बजे के आसपास ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर बाढ आ गई. जिसमे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन पावर प्रोजेक्ट बह जाने से जानमाल सहित तपोवन क्षेत्र में परिसंपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है. सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने तत्काल जिले के नदी तट के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया. जिला प्रशासन की ओर से नदी तट क्षेत्र के इलाकों को खाली करवाया गया और मौके पर जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आर्मी सहित स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया.

वहीं रैणी के निकट नीति घाटी को जोडने वाला सड़क पुल बह गया है. जिससे लगभग 7-8 गांवो का संपर्क टूट गया है. जिसमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोलमा, फगरासु आदि गांव शामिल है. रैणी मे जुगजू का झूला पुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल और पैंग मुरंडा पुल बह गया है. रैणी मे शिवजी और जुगजू में मां भगवती मंदिर भी आपदा में बह गए है.

उत्तराखंड में तबाही के बाद राहत-बचाव का काम जारी, सेना ने चार कॉलम और दो मेडिकल टीमें तैनात कीं
उत्तराखंड में तबाही के बाद राहत-बचाव का काम जारी, सेना ने चार कॉलम और दो मेडिकल टीमें तैनात कीं।

बताया जा रहा है कि जब यह बाढ आई उस समय ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट मे 35 से 40 लोग काम कर रहे थे. जबकि तपोवन पावर प्रोजेक्ट में 178 वर्कर है. रविवार को 116 लोग तपोवन मे काम कर रहे थे. अभी तक 12 लोगों को सही सलामत रेस्क्यू किया गया है. जबकि अभी तक सात डेडबॉडी भी रिकवर हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल जारी है. वहीं लगभग 154 लोग लापता बताए जा रहे है.

मुख्यमंत्री ने किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने रैणी और तपोवन मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया. उन्होंने टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने को कहा. वही रैणी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि हमारी कोशिश रहेगी जो लोग सड़क संपर्क टूटने से फंस गए है, उन तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जाएगी.

साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को चार-चार लाख का मुआवजा देने की बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरत की पूर्ति करने की पूरी व्यवस्था हमारे पास है. हमारे पास रेस्क्यू टीम, मेडिकल, हेलीकाॅप्टर, एक्सपर्ट पर्याप्त मात्रा में है. सरकार का पूरा ध्यान जिनका जीवन बचा सकते हैं, उनकी ओर है. इस दौरान जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, एसपी यशवंत सिंह चौहान भी मौके पर मौजूद थे. डीजीपी अशोक कुमार ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन का निरीक्षण किया.

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के मार्ग निर्देशन पर घटना स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. यहां पोकलैंड मशीन, एक्सावेटर और जेसीबी मशीन लगाकर टनल से मलबा हटाने का काम जारी है. वहीं जिलाधिकारी ने संपर्क मार्ग टूटने के कारण फंसे लोगो तक शीघ्र रसद और जरूरी सामना पहुंचाने हेतु व्यवस्था करा दी है. जिला प्रशासन के जरिए मौके पर सभी जरूरी व्यवस्थाओं के साथ फूड पैकेट, पानी आदि का पूरा इंतजाम किया गया है. जिला प्रशासन की पूरी टीम मौके पर मौजूद है.

170 लोग लापता

उत्तराखंड SDRF की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक सात शव बरामद किए गए हैं. इसके अलावा लगभग 170 लोग लापता हो गए. इनमें 22 ऋषिगंगा से और 148 एनटीपीसी से हैं. वहीं 6 लोग घायल है. इसके अलावा NDRF की दो टीम, ITBP की 1 टीम (6 अधिकारी, 250 जवान और एक मेडिकल टीम), ITBP 8TH BATALLION की 2 टीम (45-45 जवान), 23 ITBP BATALLION– 1 टीम (100 जवान), एसएसबी की 1 टीम, SDRF की 1 टीम (27 जवान), ARMY- 124 जवान+अधिकारी, 220 जवान+अधिकारी मौके पर हैं.

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