चार धामों में अधिकतम 16 हजार बदरीनाथ और न्यूनतम 5 हजार यमुनोत्री दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

Chardham Yatra 2022: अब श्रद्धालु अच्छे से कर सकेंगे बाबा केदार के दर्शन, एक दिन में सिर्फ 13000 यात्री जाएंगे धाम

केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन पर 23512 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। जबकि इसके बाद 7 से 13 मई तक सात दिनों तक प्रतिदिन 18 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। स्थिति यह है कि सिर्फ आठ दिनों में ही बाबा केदार के दर्शनार्थियों का आंकड़ा डेढ़ लाख पार हो गया है।

केदारनाथ धाम

अब, सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम एक दिन में 13000 श्रद्धालु ही भेजे जाएंगे। पंजीकरण में जिला प्रशासन व पुलिस ने यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है। इस व्यवस्था से श्रद्धालु धाम में बाबा केदार के दर्शन अच्छे से कर सकेंगे। साथ ही उन्हें रात्रि प्रवास और अन्य सुविधाओं के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।

केदारनाथ यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन व पुलिस द्वारा हरसंभव प्रयास के बाद भी कई प्रकार की दिक्कतें सामने आ रही हैं, जिसे देखते हुए अब केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है।

 यात्री क्षमता और वीआईपी दर्शन खत्म करने से असमंजस, मुख्यमंत्री के बयान के बाद जानिए जिलाधिकारी ने क्या कहा?

कोविड महामारी के कारण दो साल बाद संचालित हुई चारधाम यात्रा में इस बार दर्शन करने को यात्रियों की क्षमता और वीआईपी दर्शन व्यवस्था खत्म करने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता के दो से तीन गुना तक यात्रियों के पहुंचने से इंतजामों की पोल खुली है।

निर्धारित क्षमता के अनुसार यात्रियों को धामों में भेजने की व्यवस्था को दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लग रही हैं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने को शासन ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन करने को प्रतिदिन तीर्थयात्रियों की संख्या तय की थी।

इसके बाद मुख्यमंत्री का बयान आया कि चारधाम में यात्रियों की कोई संख्या तय नहीं की गई है। हालांकि सरकार के स्तर पर प्रतिदिन के हिसाब से धामों पर तीर्थयात्रियों की संख्या पहले से ही निर्धारित थी। मुख्यमंत्री के बयान के बाद भी आदेश में कोई संशोधन नहीं हुआ। कुछ समय को तीर्थयात्रियों में असमंजस रहा कि वे पूर्व निर्धारित यात्रा पर निकलें या नहीं

इस बीच मुख्यमंत्री ने यात्रियों की दिक्कतें देखते हुए चारों धामों में तय यात्रियों की संख्या एक-एक हजार बढ़ाने को कहा जिसमें केदारनाथ धाम में 13 हजार, बदरीनाथ धाम में 16 हजार, गंगोत्री में आठ हजार व यमुनोत्री धाम में पांच हजार संख्या निर्धारित हुई है।
इसके बावजूद धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने चारधामों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देेश दिए

इससे भी धामों में वीआईपी दर्शन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हुई। इस बात का संशय बना रहा कि चारधामों में आने वाले वीआईपी भी आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे।

इस सवाल पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि दर्शन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन होगा। लेकिन हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लग कर दर्शन करेंगे।

धैर्य रखें श्रद्धालु: डीजीपी का बयान-सितंबर-अक्तूबर में भी कर सकते हैं चारधाम यात्रा, अभी इतनी भीड़ संभालना मुश्किल

पत्रकार वार्ता के दौरान डीजीपी अशोक कुुमार ने कहा कि इस साल चारधाम यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। क्षमता से दोगुने यात्री आ रहे हैं। चारधामों में भीड़ उमड़ने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से सुरक्षित और सुगम यात्रा के लिए धामों में यात्रियों की संख्या तय की है।

व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी जुटाते डीजीपी अशोक कुमार

डीजीपी अशोक कुुमार ने चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपील की कि चारधाम की यात्रा केवल मई-जून में ही नहीं,सितंबर-अक्तूबर में भी होती है। आप सितंबर-अक्तूबर में भी सुरक्षित और सुगम यात्रा कर सकते हैं। चारधाम की यात्रा पर क्षमता से अधिक यात्री आने पर अव्यवस्था के बाद उन्होंने यह बयान दिया।

डीजीपी ने मुनिकीरेती क्षेत्र में ब्रह्मपुरी और भद्रकाली चेक पोस्ट पर चारधाम की व्यवस्थाओं का जायजा ले व्यवस्थाओं की जानकारी जुटाई। भद्रकाली में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इस साल चारधाम यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी है। क्षमता से दोगुने यात्री आ रहे हैं। चारधामों में भीड़ के बाद प्रदेश सरकार ने सुरक्षित और सुगम यात्रा को धामों में यात्रियों की संख्या तय की है।यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर ही पुलिस उन्हें रोकती है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। हरिद्वार और ऋषिकेश में यात्रियों के ठहरने को पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन धामों में इतने संसाधन नहीं हैं। बिना पंजीकरण यात्रियों को चारधाम यात्रा पर नहीं जाने दिया जाएगा। इस अवसर पर एसएसपी टिहरी नवनीत भुल्लर, सीओ नरेंद्रनगर रविंद्र चमोली, थाना प्रभारी मुनिकीरेती रितेश शाह, कमलेश उपाध्याय आदि उपस्थित थे।

रात में 10 से सुबह चार बजे तक चल सकेंगे भारी वाहन

डीजीपी अशोक कुुमार ने कहा कि रात दस बजे से सुबह चार बजे तक भारी वाहन यात्रा पर मार्ग पर चल सकेंगे। पुुुलिस चेक पोस्ट पर संबंधित वाहन की जांच के बाद ही उसे आगे भेजा जाएगा।बशर्ते चालक ने किसी प्रकार के नशे का सेवन न किया हो।

इधर, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित और पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं ने अनिवार्य रूप से अपना पंजीकरण कराने की अपील की है। कहा है कि बाबा केदार के कपाट छह माह तक खुले रहते हैं, इसलिए यात्री अपनी सुविधा और समय के हिसाब से पहुंचे, जिससे उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।

केदारनाथ पहुंचने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा प्रशासन और पुलिस की प्राथमिकता है। बता दें कि 6 मई से शुरू केदारनाथ यात्रा में इस बार रिकॉर्ड यात्री पहुंच रहे हैं। पिछले आठ दिनों में शुरुआती पांच दिनों तक सोनप्रयाग से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 26 से 28 हजार के बीच बनी रही।

तीन दिन में वापस भेजे गए एक हजार यात्री

कपाटोद्घाटन पर 23512 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। जबकि इसके बाद 7 से 13 मई तक सात दिनों तक प्रतिदिन 18 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। स्थिति यह है कि सिर्फ आठ दिन में बाबा केदार के दर्शनार्थियों का आंकड़ा डेढ़ लाख पार हो गया । 16/17 जून 2013 की आपदा के बाद यह पहला मौका है, जब कपाट खुलने के पहले सप्ताह श्रद्धालुओं की बाढ आ गई है। वहीं केदारनाथ यात्रा में बिना पंजीकरण पहुंचे एक हजार यात्री पुलिस ने लौटा दिये हैैं। सीओ प्रबोध कुमार घिल्डियाल के नेतृत्व में चल रहे पंजीकरण चेकिंग अभियान में 12 से 14 मई दोपहर तक रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग से 1000 यात्री वापस भेजे गये है।

यात्री बिना पंजीकरण यात्रा पर पहुंच रहे

सीओ घिल्डियाल ने बताया कि कई यात्री बिना पंजीकरण यात्रा पर पहुंच रहे हैं, जिससे पंजीकरण वाले यात्रियों को दर्शनों में मुश्किल हो रही है। इसलिए, जिले की सीमा में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिह्नित स्थानों पर यात्रियों के पंजीकरण की चेकिंग की जा रही है। इस दौरान उन्हीं वाहनों को आगे जाने दिया जा रहा है, जिसमें यात्रियों के पंजीकरण किए हुए हैं। कहा कि पंजीकरण नहीं होने की स्थिति में किसी भी यात्री को केदारनाथ नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने यात्रियों ने ऑनलाइन पंजीकरण की अपील की है।

जून माह में बढ़ सकती यात्रियों की संख्या

27 मई से स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो रहा है। ऐसे में जून पहले सप्ताह में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है। इन हालात में यात्रियों की निर्धारित संख्या कितने दिनों तक बनी रहेगी, यह भी देखने लायक होगा। बता दें कि वर्ष 2019 में केदारनाथ में अकेले जून माह में पांच लाख से अधिक यात्री पहुंचे थे, जो यात्रा के यात्रा के इतिहास में नया रिकॉर्ड है। जून पहले सप्ताह में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में पहुंचे 174022 तीर्थ यात्री
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 12 दिनों के भीतर 174022 तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। धामों में लगातार तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। बीते 3 मई को अक्षय तृतीया पर्व पर गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के कपाट खोले गए। पहले दिन से ही धामों में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचने लगे थे। शनिवार शाम तक दोनों धामों में 174022 तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच चुके थे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में 94232 व यमुनोत्री धाम में 79790 तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। यात्रियों का यह आंकड़ा शनिवार शाम तक का है।

‘मोक्ष प्राप्ति’ की कामना से मर रहे तीर्थ यात्री, चारधाम में श्रद्धालुओं की मौत पर बोले BJP प्रवक्ता शादाम शम्स;कांग्रेस का पलटवार

चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2022 शुरू हो गई। तीर्थ यात्रियों की मौत पर बीजेपी प्रवक्ता शादाम शम्स का कहना है कि मोक्ष प्राप्ति की वजह से तीर्थ यात्रियों की जानें जा रही है।

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मौत को मोक्ष प्राप्ति से जोड़ने पर कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार की नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा गलतबयानी करते हुए भ्रम फैला रही है। यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मृत्यु बीमारी के कारण भले ही हुई हो लेकिन यह सीधा सीधा राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान है।

भाजपा प्रवक्ता शादाम शम्स से मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लोग मोक्ष की कामना के साथ चारधाम यात्रा पर आते हैं। इसीलिए वो अपनी बीमारियों को छिपाकर खुद को फिट बताते हैं। हालांकि शम्स ने यह भी कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त है। सरकार प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य का ख्याल और बीमारी की स्थिति में तत्काल उपचार भी मुहैया करा रही है।

शम्स के बयान के बाद कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि भाजपा के नेता अपने सोचने समझने की शक्ति खो बैठे हैं। चारधाम यात्रा रूट पर अव्यवस्थाओं और लचर स्वास्थ्य-परिवहन सेवाओं की खबरें लगातार आ रही है। भाजपा के नेता अपनी सरकार की खामियां छिपाने के लिए बिना सिरपैर के बयान दे रहे हैं। जनता सब देख रही है।

यात्रा में श्रद्धालुओं की मृत्यु पर मैंने अधिकारियों से अपडेट लिया था। अधिकारियों ने बताया कि कई श्रद्धालु अपनी आस्था के कारण बीमारी छिपाते हुए यात्रा पर चले आते हैं। मानना होता है कि यात्रा में मृत्यु से मोक्ष प्राप्ति होगी। अधिकारियों से मिली जानकारी को ही मैने मीडिया से साझा किया। वह मेरा व्यक्तिगत मत नहीं था। मेरी बात विपक्षी तोडमरोड़ रहे हैं। सरकार प्रत्येक यात्री की सुरक्षा के प्रति गंभीरता से काम कर रही है।
शादाब शम्स, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

32 तीर्थ यात्रियों की अब तक गई जान

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के 03 मई को कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का भी शुभारंभ हो गया था। चिंता की बात है कि स्वास्थ्य सहित अन्य कारणों की वजह से अब तक 32 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। इनमें सर्वाधिक यमुनौत्री में 13, केदारनाथ में 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। श्रद्धालुओं की मौत के साथ ही सरकार ने चारधाम पर जा रहे तीर्थ यात्रियों के लिए हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की है।

डॉक्टर की सलाह

यात्रा पर जांच करवाकर आएं

केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ डॉक्टर लगातार अलर्ट कर रहे हैं कि यात्रा में आने से पहले स्वास्थ्य की जांच जरूर कराएं। साथ ही जो भी टिप्स दिए जाते हैं उन्हें फॉलो कर सुरक्षित यात्रा करते हुए बाबा केदार के दर्शन करें। केदारनाथ में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे रही सिक्स सिग्मा के डॉक्टरों ने यात्रियों के काम के लिए कई जरूरी टिप्स दिए हैं।

केदारनाथ में तैनात सिक्स सिग्मा के निदेशक डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि यात्रा में बड़ी संख्या में यात्री आ रहे हैं, उन्हें डॉक्टरों के सजेशन पर जरूर अमल करना चाहिए ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित हो। सिक्स सिग्मा की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर अनीता भारद्वाज ने बताया कि हाइपोथरमिया के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। ठंड और सांस फूलने वाले मरीज भी बढ़ रहे हैं।

डॉक्टर जो राय दे रहे हैं उनका पालन करें। सिक्स सिग्मा के सीएमओ डॅाक्टर दीपांशु कौशिक ने बताया कि ऊंचाई पर आने पर कई तरह की दिक्कतें होती है, बस सतर्क रहने की जरूरत है। डॉक्टर सपना बुड़ाकोटी ने बताया कि अधिक उम्र और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉक्टर परवेज अहमद ने बताया कि बीमार और अधिक वृद्ध ज्यादा भीड़ भाड़ में यात्रा से परहेज करें।

यात्रियों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के सुझाव

-सुबह जितना जल्दी हो अपने गंतव्य से प्रस्थान करें।
-स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा करें।
-अति वृद्ध एवं बीमार यात्रा से परहेज करें, बहुत जरूरी है तो पीक समय के कुछ बाद ही यात्रा करें।
-यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, स्वेटर, कंबल, बारिश से बचने के लिए बरसाती, टार्च, लाठी अपने साथ जरूर रखें।
-यात्रा के दौरान तला भुना रहित खाना खाने का प्रयास करें।
-हृदय रोग, स्वांस, मधुमेह एवं ऊंचाई वाले स्थानों में होने वाली बीमारियों से सावधानी बरतें।
-केदारनाथ के 16 किमी पैदल मार्ग पर रुक-रुक ही चलें।

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